ETV Bharat / state

अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस: मासिक धर्म के प्रति बदल रही समाज की सोच, किशोरियां भी हो रहीं जागरूक

अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस (international menstrual hygiene day) के मौके पर वाराणसी में किशोरियों को जागरूक करने के लिए कई जगह कार्यक्रम आयोजित किए गए.

अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस
अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस
author img

By

Published : May 28, 2022, 10:29 AM IST

वाराणसी: 28 मई को अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस पर किशोरियों को जागरूक करने के लिए सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया. मासिक धर्म को लेकर किशोरियों को जागरूक किया गया. इसके प्रति अब किशोरियों ही नहीं बल्कि समाज की भी सोच बदल रही है. अब युवतियां इस विषय पर खुलकर चर्चा करने लगी हैं.

अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस के मौके पर किशोरियों में जागरूकता फैलाने के लिए जगह-जगह अभियान चालाए जा रहे हैं. इसके जरिए किशोंरियों, युवतियों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जा रही है. जिला महिला चिकित्सालय (District women hospital) में स्थित साथिया क्लीनिक में अब हर महीने करीब 300 किशोरियां आती हैं. यहां वह डॉक्टरों से पीरियड्स के बारे में संकोच किए बिना बात करती हैं.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी बताया कि अब ऐसा समय भी आ गया है कि किशोरियां, युवतियां मासिक धर्म के बारे में बात करने में संकोच नहीं करें. लोगों की सोच में भी फर्क पड़ रहा है. किशोरियां पहले पीरियड्स के समय में होने वाली समस्याओं के बारे में किसी को नहीं बताती थीं. उसका नतीजा यह होता था कि उन्हें कई बीमारियां घेर लेती थीं.

यह भी पढ़ें: संदिग्ध परिस्थितियों में विवाहिता की मौत, ससुरालियों पर दहेज हत्या का आरोप

सरकार के प्रयासों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National health mission) के तहत चलाए जा रहे राष्ट्रीय किशोर स्वस्थ्य कार्यक्रम आरकेएसके के सार्थक परिणाम आ रहे हैं. जिला महिला चिकित्सालय में अलग से साथिया केंद्र का संचालन किया जा रहा है. साथिया केंद्र की काउंसलर सारिका चौरसिया बताती हैं कि उनके केंद्र पर हर महीने 300 से अधिक किशोरियां आती हैं. वह बेझिझक अपनी समस्याओं को डॉक्टरों को बताती हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: 28 मई को अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस पर किशोरियों को जागरूक करने के लिए सामाजिक संगठनों ने जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया. मासिक धर्म को लेकर किशोरियों को जागरूक किया गया. इसके प्रति अब किशोरियों ही नहीं बल्कि समाज की भी सोच बदल रही है. अब युवतियां इस विषय पर खुलकर चर्चा करने लगी हैं.

अंतर्राष्ट्रीय माहवारी स्वच्छता दिवस के मौके पर किशोरियों में जागरूकता फैलाने के लिए जगह-जगह अभियान चालाए जा रहे हैं. इसके जरिए किशोंरियों, युवतियों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी जा रही है. जिला महिला चिकित्सालय (District women hospital) में स्थित साथिया क्लीनिक में अब हर महीने करीब 300 किशोरियां आती हैं. यहां वह डॉक्टरों से पीरियड्स के बारे में संकोच किए बिना बात करती हैं.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संदीप चौधरी बताया कि अब ऐसा समय भी आ गया है कि किशोरियां, युवतियां मासिक धर्म के बारे में बात करने में संकोच नहीं करें. लोगों की सोच में भी फर्क पड़ रहा है. किशोरियां पहले पीरियड्स के समय में होने वाली समस्याओं के बारे में किसी को नहीं बताती थीं. उसका नतीजा यह होता था कि उन्हें कई बीमारियां घेर लेती थीं.

यह भी पढ़ें: संदिग्ध परिस्थितियों में विवाहिता की मौत, ससुरालियों पर दहेज हत्या का आरोप

सरकार के प्रयासों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (National health mission) के तहत चलाए जा रहे राष्ट्रीय किशोर स्वस्थ्य कार्यक्रम आरकेएसके के सार्थक परिणाम आ रहे हैं. जिला महिला चिकित्सालय में अलग से साथिया केंद्र का संचालन किया जा रहा है. साथिया केंद्र की काउंसलर सारिका चौरसिया बताती हैं कि उनके केंद्र पर हर महीने 300 से अधिक किशोरियां आती हैं. वह बेझिझक अपनी समस्याओं को डॉक्टरों को बताती हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.