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इमरजेंसी के दौरान 19 महीने की जेल काटने वाले हृदय नारायण दीक्षित को भी पद्म श्री, जानिए शिक्षा-साहित्य में क्या हैं उनके योगदान - PADMA SHRI AWARD

राजनीति, साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में बनाई विशेष पहचान, उतार-चढ़ाव वाला रहा राजनीतिक सफर.

हृदय नारायण दीक्षित को मिला पद्म श्री.
हृदय नारायण दीक्षित को मिला पद्म श्री. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 26, 2025, 8:40 AM IST

उन्नाव : उत्तर प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को उनकी अद्वितीय सेवा, विद्वता और साहित्य में योगदान के लिए पद्म श्री अवार्ड मिला है. यह सम्मान उनकी बहुआयामी उपलब्धियों का प्रमाण है. उन्होंने राजनीति, साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई.

हृदय नारायण दीक्षित का जन्म 18 अक्टूबर 1947 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ. प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने अपने अध्ययन के जरिए भारतीय संस्कृति, राजनीति और दर्शनशास्त्र में गहरी रुचि विकसित की. राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा.

उन्होंने कई राजनीतिक दलों का साथ दिया है. विभिन्न पदों पर भी कार्य किया है. वे पुरवा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर राजनीति में आए. बाद में वे जनता दल, समाजवादी पार्टी और बसपा से भी जुड़े रहे. वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं.

प्रदेश सरकार में संसदीय कार्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री रह चुके दीक्षित उन्नाव में भाजपा के जिला अध्यक्ष से पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य, मुख्य प्रवक्ता और अन्य कई मोर्चों व प्रकोष्ठों में भी अलग-अलग पदों पर अपनी भूमिका अदा कर चुके हैं.

यह भी पढ़ें : साध्वी ऋतम्भरा की ललकार से जाग उठा था हर हिंदू, राजनीतिक विरोधी भी थे उनकी भाषण के कायल

हृदय नारायण दीक्षित ने पत्रकारिता और लेखन के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का काम किया. वे भारतीय संस्कृति, राजनीति और वेदों पर आधारित कई पुस्तकें लिख चुके हैं. उनकी लेखनी गहरी शोध और मौलिकता से भरपूर है. वे भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक संदर्भों में प्रस्तुत करती हैं. उनकी प्रमुख कृतियों में 'भारतीय राजनीति का दर्शन', 'वेदों में विज्ञान' और 'संस्कृति और राजनीति' शामिल हैं.

यह भी पढ़ें : केजीएमयू कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद को मिलेगा पदमश्री सम्मान, बोलीं- 'मेरे लिए बहुत ही सुखद'

इन पुस्तकों में उन्होंने भारतीय संस्कृति और लोकतंत्र के संबंधों को गहराई से समझाने का प्रयास किया है. हृदय नारायण दीक्षित को राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. अब गणतंत्र दिवस पर पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किए जाने की सूचना से उनके समर्थकों और शुभचिंतकों में खुशी की लहर है.

हृदय नारायण दीक्षित प्रदेश के कई आंदोलनों में शामिल रहे. 1975-1977 में इमरजेंसी के दौरान मौजूदा हालात के बारे में लिखने पर उन्हें जेल भिजवा दिया गया. 19 महीने तक वह जेल में रहे. बाहर आने के बाद राष्ट्र हित के कार्यों में लगे रहे. वह एक अखबार भी निकालते थे.

वहीं अब पद्म श्री मिलने के बाद हृदय नारायण दीक्षित ने पीएम मोदी और गृह मंत्री का आभार जताया है. अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि मुझे पद्मश्री सम्मान दिए जाने की सूचना प्राप्त हुई है. मैं विनम्र सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता हूं. भारतीय संस्कृति और दर्शन के प्रति मेरी निष्ठा है. आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi व गृह मंत्री @AmitShah के प्रति आभार. सभी वरिष्ठों के प्रति आदर व सम्मान.

यह भी पढ़ें : 139 पद्म पुरस्कारों की पूरी लिस्ट जारी, शारदा सिन्हा-ओसामु सुजुकी समेत 7 हस्तियों को पद्म विभूषण

उन्नाव : उत्तर प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को उनकी अद्वितीय सेवा, विद्वता और साहित्य में योगदान के लिए पद्म श्री अवार्ड मिला है. यह सम्मान उनकी बहुआयामी उपलब्धियों का प्रमाण है. उन्होंने राजनीति, साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में विशेष पहचान बनाई.

हृदय नारायण दीक्षित का जन्म 18 अक्टूबर 1947 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ. प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने अपने अध्ययन के जरिए भारतीय संस्कृति, राजनीति और दर्शनशास्त्र में गहरी रुचि विकसित की. राजनीतिक सफर काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा.

उन्होंने कई राजनीतिक दलों का साथ दिया है. विभिन्न पदों पर भी कार्य किया है. वे पुरवा विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर राजनीति में आए. बाद में वे जनता दल, समाजवादी पार्टी और बसपा से भी जुड़े रहे. वर्तमान में वह भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हुए हैं.

प्रदेश सरकार में संसदीय कार्यमंत्री और पंचायती राज मंत्री रह चुके दीक्षित उन्नाव में भाजपा के जिला अध्यक्ष से पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य, मुख्य प्रवक्ता और अन्य कई मोर्चों व प्रकोष्ठों में भी अलग-अलग पदों पर अपनी भूमिका अदा कर चुके हैं.

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हृदय नारायण दीक्षित ने पत्रकारिता और लेखन के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने का काम किया. वे भारतीय संस्कृति, राजनीति और वेदों पर आधारित कई पुस्तकें लिख चुके हैं. उनकी लेखनी गहरी शोध और मौलिकता से भरपूर है. वे भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक संदर्भों में प्रस्तुत करती हैं. उनकी प्रमुख कृतियों में 'भारतीय राजनीति का दर्शन', 'वेदों में विज्ञान' और 'संस्कृति और राजनीति' शामिल हैं.

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इन पुस्तकों में उन्होंने भारतीय संस्कृति और लोकतंत्र के संबंधों को गहराई से समझाने का प्रयास किया है. हृदय नारायण दीक्षित को राजनीति और साहित्य के क्षेत्र में उनके अद्वितीय योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है. अब गणतंत्र दिवस पर पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किए जाने की सूचना से उनके समर्थकों और शुभचिंतकों में खुशी की लहर है.

हृदय नारायण दीक्षित प्रदेश के कई आंदोलनों में शामिल रहे. 1975-1977 में इमरजेंसी के दौरान मौजूदा हालात के बारे में लिखने पर उन्हें जेल भिजवा दिया गया. 19 महीने तक वह जेल में रहे. बाहर आने के बाद राष्ट्र हित के कार्यों में लगे रहे. वह एक अखबार भी निकालते थे.

वहीं अब पद्म श्री मिलने के बाद हृदय नारायण दीक्षित ने पीएम मोदी और गृह मंत्री का आभार जताया है. अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा है कि मुझे पद्मश्री सम्मान दिए जाने की सूचना प्राप्त हुई है. मैं विनम्र सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता हूं. भारतीय संस्कृति और दर्शन के प्रति मेरी निष्ठा है. आदरणीय प्रधानमंत्री @narendramodi व गृह मंत्री @AmitShah के प्रति आभार. सभी वरिष्ठों के प्रति आदर व सम्मान.

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