लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर सड़क दुर्घटनाएं रोकने के दिशा-निर्देश देते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देशों का भी असर परिवहन विभाग के अफसरों पर नहीं पड़ रहा है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों में हादसे रोकने के लिए पानी की तरह पैसे बहाए जाने के बावजूद हादसे घटने के बजाय बढ़ते जा रहे हैं.
परिवहन विभाग की ओर से रिपोर्ट जारी की गईः गौर करने वाली बात ये है कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में भी हादसे साढ़े 11 फीसद तक बढ़े हैं. परिवहन विभाग की ओर से शनिवार को सड़क हादसों की ताजा रिपोर्ट जारी की गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार खीरी प्रदेश में हादसों, उसमें मरने व घायल होने वालों की संख्या टॉप पर है. शामली, ललितपुर, श्रावस्ती, महोबा, ललितपुर में भी हादसे बढ़े हैं. लखनऊ में 170 दुर्घटनाएं, आठ मृतकों व 182 घायलों की संख्या बढ़ी हैं.
लखीमपुर खीरी में ड्राइविंग खतरनाकः एक तरफ उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत क्षेत्रफल के मामले में सबसे बड़े लखीमपुर खीरी क्षेत्र में दुर्घटनाओं में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है, वहीं यूपी में कई ऐसे जिले भी हैं जिन्होंने सड़क हादसों को रोकने के बेहतरीन प्रयास किए हैं और उसका नतीजा भी सामने आया है.
इन जिलों में हादसे घटेः भदोही, सिद्घार्थनगर, संतकबीरनगर, औरैया जिलों में सड़क हादसे कम हुए हैं. परिवहन विभाग के अधिकारियों की ओर से जनवरी से दिसंबर के बीच हुई दुर्घटनाओं का विवरण जारी किया गया है. इसके मुताबिक प्रदेश में कुल 44534 हादसे वर्ष 2023 में हुए थे, जबकि वर्ष 2024 में यह 46052 रहे. इसमें 1518 की वृद्धि हुई, जो 3.4 फीसद है, मृतकों की संख्या क्रमशः 23652 व 24118 रही. इसमें 466 की वृद्धि हुई, जो दो प्रतिशत रहा. इसी क्रम में घायलों की संख्या उपरोक्त वर्षों में 31098 व 34665 रही. इसमें 3567 की वृद्धि हुई, जो 11.5 प्रतिशत की बढ़ाेत्तरी है.
लखनऊ में इस साल 170 हादसे बढ़ेः सड़क हादसों को कम करने के लिए लखनऊ में दर्जनों जागरूकता कार्यक्रम कराए गए, लेकिन दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने में अफसर नाकाम ही साबित हुए. लखनऊ में वर्ष 2023 में 1460 हादसे हुए, वर्ष 2024 में 1630 दुर्घटनाएं हुईं. इसमें 170 हादसे बढ़े जो 11.6 प्रतिशत की वृद्घि है. इसमें मृतकों की संख्या क्रमशः 568 व 576 रही, जिसमें आठ लोगों की वृद्घि है. घायलों की संख्या उपरोक्त वर्षों में 983 व 1165 रही, इसमें 182 की वृद्धि हुई जो 18.5 फीसदी की वृद्धि है.
सटे जिलों में भी बढ़े हादसेः राजधानी से सटे जिलों में भी हादसे बढ़े हैं. कानपुर देहात में साल 2023 व 2024 की तुलना में 42 हादसे, 12 मृतकों व 30 घायलों की संख्या बढ़ी. बाराबंकी में क्रमशः 79 हादसे व 67 मृतकों की संख्या है. घायलों की संख्या कम हुई है. सीतापुर में 56 हादसे, 37 मृतक व 72 घायलों की वृद्घि हुई है. कानपुर में गोंडा में 55 हादसे, 26 मृतक व 63 घायलों, अमेठी में 31 हादसे, 17 मृतक व 101 घायल बढ़े हैं.
2024 में दुर्घटनाओं वाले 5 टॉप जिले
जिले | हादसे |
खीरी | 774 |
ललितपुर | 359 |
शामली | 270 |
श्रावस्ती | 139 |
महोबा | 237 |
2024 में दुर्घटनाओं में घायलों वाले जिले
खीरी | 445 |
चंदौली | 186 |
अमेठी | 224 |
ललितपुर | 229 |
हरदोई | 751 |
2024 में दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौतें किन जिलों में हुईं
खीरी | 525 |
अम्बेडकरनगर | 221 |
शामली | 163 |
ललितपुर | 163 |
श्रावस्ती | 94 |
इन जिलों में घटे सड़क हादसेः भदोही, औरैया, बलरामपुर, मुजफ्फरनगर, सोनभद्र, संतकबीरनगर ऐसे जिले हैं, जिन्होंने सड़क दुर्घटनाओं को कम किया है. भदोही ने वर्ष 2023 के मुकाबले 2024 में 21 प्रतिशत कम किए हैं. औरैया ने मृतकों की संख्या में वर्ष 2023 के मुकाबले 2024 में 20 प्रतिशत की कमी, बलरामपुर में वर्ष 2023 के मुकाबले 2024 में घायलों की संख्या में 25 प्रतिशत की कमी आई है.
लोगों को जागरूक किया जा रहाः अपर परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) पुष्पसेन सत्यार्थी का कहना है कि सड़क हादसों के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के लिए लगातार परिवहन विभाग की तरफ से कोशिश की जा रही है. रोड सेफ्टी क्लब बनाए गए हैं. स्कूलों में लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. सड़कों पर उतरकर भी लोगों को यातायात नियमों का पालन करने के प्रति जागरूक किया जा रहा है. कई जिले ऐसे हैं जिन्होंने बेहतरीन काम किया है और वहां पर हादसों में कमी आई है. आने वाले दिनों में हमारा लक्ष्य है कि हादसे बहुत कम हों.
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