वाराणसी: कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की तरफ से लिखी गई किताब में हिंदुत्व को लेकर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. लगातार भारतीय जनता पार्टी के साथ अन्य कई दल सलमान खुर्शीद की इस किताब का विरोध कर रहे हैं और सलमान खुर्शीद को हिंदुत्व विरोधी मान रहे हैं. इन सबके बीच वाराणसी पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने सलमान खुर्शीद को मानसिक दिवालिया बताया है. उनका कहना है कि सलमान खुर्शीद के द्वारा लिखी गई किताब उनके अल्प ज्ञान के बारे में बताती है. इससे आक्रोशित होकर फर्रुखाबाद जिले में हिन्दू महासभा ने पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद का पुतला फूंककर विरोध भी दर्ज कराया.
सलमान खुर्शीद पर जमकर बोला हमला
दअरसल, कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की नई किताब सनराइज ओवर अयोध्या में हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन आईएसआईएस और बोको हरम से की गई है. बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक डॉ. इंद्रेश कुमार ने वाराणसी में कहा कि सलमान खुर्शीद ने हिंदी और हिंदुत्व को गाली देने की कोशिश की है, जो आकाश पर थूकता है थूक उस पर गिरता है. उनका कहना था कि जिस हिंदुत्व और सनातन धर्म को पूरी दुनिया मानने का प्रयास कर रही है, उसके बारे में इस तरह के शब्द लिखा जाना लेखक के मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है. उनका कहना था कि सारी दुनिया ने माना है कि सब धर्मों और जातियों को यदि कहीं सम्मान मिलता है तो वह देश हिंदुस्तान है. इसलिए हिंदू, हिंदुत्व और हिंदुस्तान को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करना संविधान, धर्मनिरपेक्षता, मानवता, लोकतंत्र और इस देश के पूर्वजों और परंपराओं का घोर अपमान है. सलमान खुर्शीद ने यह किताब लिखकर सिर्फ पाप और अपराध कमाया है.
कांग्रेस है विभाजन की गुनाहगार
इंद्रेश कुमार का कहना था कि कांग्रेस 1947 में भारत के विभाजन के हस्ताक्षर की गुनहगार है. इसलिए उनको गुनाह करने की आदत हो गई है. इसी वजह से कांग्रेस ने देश को अविकसित, पिछड़ा और गरीब देश बना दिया था. सलमान खुर्शीद जैसे नेताओं से अपील है कि वह अपने अज्ञान के अंधकार और क्रूरता को न फैलाए. इंद्रेश कुमार ने कहा कि अगर सलमान खुर्शीद समझदार इंसान होंगे और उनके पास विवेक होगा तो वह जरूर सॉरी फील करेंगे. अगर वह ऐसा नहीं करेंगे तो समझ लेना चाहिए कि वह कैसे इंसान हैं.
अभी अधूरा है स्वराज
इंद्रेश कुमार ने कहा कि 1947 में देश को जो आजादी मिली वह विभाजन के रूप में मिली, लेकिन अखंडता के रूप में नहीं मिली. इसीलिए लोगों को लगता है कि स्वतंत्रता और स्वराज अभी अधूरा है. 2014 से पहले का समय देश के लिए जितना अच्छा रहना चाहिए था उतना नहीं रहा. हमारा संकल्प है और हम प्रार्थना करते रहते हैं कि कैलाश मानसरोवर चीन से मुक्त हो और पाकिस्तान अपनी गंदी हरकतों से बाज आए. हम एक मजबूत और सबको साथ लेकर चलने वाला भारत चाहते हैं. इसमें जो रोड़ा बनेगा जनता उसे जवाब देगी.