वाराणसी : प्रसिद्ध कथा वाचक, संत, सद्गुरु रितेश्वर महाराज गुरुवार को वाराणसी में थे. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की. कहा कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर जो लोग अनर्गल और अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं, वह वास्तव में भारत के लोगों के पक्षधर नहीं हैं, इस समय पूरा देश उत्सव में डूबा हुआ है, उमंग में नहाया हुआ है, ऐसे में यह लोग रंग में भंग डालने का काम कर रहे हैं. यह लोग ऐसा कम कर रहे हैं जिससे भारत का नाम विदेश में खराब हो. राम का विरोध करने वालों की बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है.
विरोध करने वालों पर सरकार करे कार्रवाई : रितेश्वर महाराज ने कहा कि भारत के 145 करोड़ लोगों में कुछ मुट्ठी भर लोग ही इसका विरोध कर रहे हैं. उनके खिलाफ सरकार को संविधान के अनुरूप कार्रवाई करनी चाहिए. मुझे लगता है कि उनका सबसे अच्छा इलाज और उनका सबसे अच्छा जवाब चुनाव में उन्हें मिल जाएगा. जो लोग इस उत्सव में भंग डालना चाह रहे हैं, उनकी बात मत सुनिए. राम रोटी भी दे रहे हैं, राम रोजगार भी दे रहे हैं, राम आनंद भी दे रहे हैं, राम उत्सव की वजह भी दे रहे हैं, राम शांति की वजह भी हैं. मैं हर तरफ जाकर यही अपील कर रहा हूं कि इस महोत्सव को पूरे दिव्य भाव से मनाया जाना चाहिए.
पार्टियों का विरोध करें राम का नहीं : राम के नाम पर हो रही राजनीति पर रितेश्वर महाराज ने कहा कि मैं कहूं कि भगवान मेरे हैं तो आप मुझसे लड़ेंगे नहीं, भगवान सभी के हैं. पार्टियों का विरोध होना चाहिए न कि राम का विरोध होना चाहिए. आप एक-दूसरे का विरोध कीजिए, लेकिन भगवान राम का विरोध नहीं होना चाहिए. राम राज्य की दिशा में हम आगे बढ़ चुके हैं. राम जब आएंगे तो कुछ दिन बाद राम राज्य भी आ जाएगा. मैं बार-बार कहता हूं निशुल्क शिक्षा, निशुल्क चिकित्सा और जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए. ऐसा होने लगा तो राम राज्य की स्थापना हो जाएगी. रितेश्वर महाराज ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि कोई एक पार्टी राम मंदिर का पूरा लाभ लेना चाह रही है वह यह समझे कि जो बनाया है वह लाभ लेगा ही. शंकराचार्य की तरफ से कार्यक्रम में शामिल न होने की बात पर उन्होंने कहा कि निमंत्रण मिलना न मिलना, ट्रस्ट में रहना न रहना यह सब बहुत छोटी बात है. महत्वपूर्ण बात यह है कि भगवान राम का मंदिर बन रहा है, प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. हमारी आने वाली पीढ़ियों को सनातन संस्कृति मिलेगी, नहीं तो यह देश भी अफगानिस्तान हो जाएगा. यह समझकर हमें इसका समर्थन अपने देश और अपने राष्ट्र के लिए करना चाहिए न कि हमें किसी चंपत राय किसी संप्रदाय के लिए समर्थन करना चाहिए.
राम पर अमर्यादित टिप्पणी करना ठीक नहीं : स्वामी रितेश्वर महाराज ने कहा कि मेरा मानना है कि सभी शंकराचार्य इस कार्यक्रम में शामिल हों और प्रधानमंत्री जी को आशीर्वाद दें. पीएम ने इन देश को वहां से निकाला है जहां जय सिया राम कहना कठिन था, इसलिए मुझे लगता है कि सभी शंकराचार्य को वहां पहुंचकर प्रधानमंत्री मोदी को आशीर्वाद देना चाहिए. उन्होंने कहा कि 492 साल राम मंदिर के निर्माण में लगे. अब 492 दिन भी नहीं लगेंगे श्री कृष्ण जन्मभूमि के लिए, मेरा ऐसा विश्वास है. विपक्षी दलों कांग्रेस और अन्य दलों की तरफ से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण स्वीकार न किए जाने पर महाराज ने कहा कि राम सभी के हैं. विपक्ष हो या कोई हो वह सभी के हैं, जो लोग राम के विरोध में बोल रहे हैं, उनकी मति भ्रष्ट हो चुकी है. वह प्रभु का विरोध कर रहे हैं. भाजपा का विरोध करें, सत्ताधारी पार्टी का विरोध करें, लेकिन राम पर अमर्यादित टिप्पणी करना ठीक नहीं. कांग्रेस अगर निमंत्रण स्वीकार नहीं किया है तो उन्हें लगता है कि निमंत्रण स्वीकार करने से उनके जीवन में ज्यादा मंगल होगा. उन्होंने कहा की आने वाले समय में भी ज्ञानवापी का मसला भी सॉल्व होगा. वहां भगवान शिव स्थापित है और ज्ञानवापी में भी भगवान शिव स्थापित होंगे. स्वामी प्रसाद मौर्य हो स्टालिन हो या जो कोई भी हो जो भी सनातन धर्म को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं, वे चुनावी लाभ के लिए ऐसा कर रहे हैं.
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