वाराणसी: औषधि विभाग द्वारा आईएमए में ब्लड तस्करी के मामले में कार्रवाई के विरोध में आईएमए में पदाधिकारियों ने इसे एक तरफा कार्रवाई बताते हुए ब्लड बैंक को अगले आदेश तक बंद कर दिया. हालांकि, जिलाधिकारी ने आईएमए को खोले जाने का निर्देश दिया है, जिससे कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सके.
आईएमए पदाधिकारियों ने शुक्रवार को एक तत्कालीन बैठक पदाधिकारियों के साथ की. इसके बाद यह निर्णय लिया गया कि अगले आदेश तक ब्लड बैंक को बंद कर दिया जाएगा. आईएमए अध्यक्ष मनीषा सिंह सेंगर ने बताया कि जब तक औषधि निरीक्षक द्वारा पूरी प्रक्रिया पूरी नहीं कर ली जाती और जिस व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर हुई है, उसे पकड़कर पूछताछ कर जांच रिपोर्ट सम्मिलित नहीं कर ली जाती तब तक ब्लड बैंक का संचालन संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि यह एक तरफा कार्रवाई की गई है. आईएमए बनारस शाखा हमेशा से पारदर्शिता के साथ काम करता रहा है. वह इसी क्रम में संपूर्ण रूप से हर प्रकार की जांच में भी वह सहयोग के लिए तत्पर है.
जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने ड्रग इंस्पेक्टर को आईएमए ब्लड बैंक की 24 घंटे में जांच पूरी कर इसे चालू करने का आदेश दिया है. जिलाधिकारी ने प्रकरण में जो भी अनियमितता प्रकाश में आई है उसे ठीक कराने और सही रिकॉर्ड कीपिंग की जानकारी ब्लड बैंक प्रभारी को देने के लिए निर्देश दिया है, ताकि भविष्य में ऐसी गलती न हो. उन्होंने बताया कि ब्लड बैंक को यह निर्देशित किया गया है कि जिन कर्मचारियों, पूर्व कर्मचारी द्वारा गैरकानूनी कार्य किया गया है उस पर सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही ऐसे कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया जाए.
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27 जुलाई की रात चंदौली पुलिस द्वारा बबुरी मोड पर एक व्यक्ति को 200ml के तीन ब्लड बैग के साथ गिरफ्तार किया गया था. उसने यह स्वीकार किया था कि वह आईएमए ब्लड बैंक से 2000 रुपये यूनिट के हिसाब से ब्लड खरीद कर 4000 रुपये यूनिट के हिसाब से चंदौली के नर्सिंग होम में बेचता है. इस बात को संज्ञान में लेते हुए ड्रग विभाग द्वारा बीते गुरुवार को आईएमए ब्लड बैंक पर छापेमारी की गई, जहां पर ब्लड बेचे जाने की पुष्टि की गई थी.