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वाराणसीः IIT BHU के प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र ईएसी सदस्य नामित - ईएसी सदस्य बने प्रदीप कुमार मिश्र

आईआईटी BHU के प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र को पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेष मूल्यांकन समिति (EAC) के सदस्य के रूप में नामित किया गया है. इस उपलब्धि पर छात्र और अध्यापक उन्हें बधाई दे रहे हैं.

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प्रो. प्रदीप कुमार मिश्र
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Published : Jul 20, 2020, 4:55 PM IST

वाराणसीः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र को भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेष मूल्यांकन समिति (EAC) के सदस्य के रूप में नामित किया गया है. छात्र और अध्यापक प्रो. प्रदीप कुमार को बधाई दे रहे हैं.

विशेष मूल्यांकन समिति (EAC) एक बहुत ही अनुशासनिक क्षेत्रीय मूल्यांकन समिति है, जिसमें विभिन्न क्षेत्र के विशिष्ट परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए विषय विशेषज्ञ शामिल होते हैं. विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति की सिफारिश के आधार पर पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी दी जाती है या खारिज कर दिया जाता है.

यह समिति मंजूरी देने से पहले सभी अवसर रचनात्मक और औद्योगिक परियोजनाओं की जांच करती है. वर्तमान परिवेश में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया. विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने के लिए इस समिति की जिम्मेदारी और बढ़ गई है.

इस उपलब्धि के लिए आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र को विभिन्न आचार्य और शिक्षकों ने शुभकामनाएं दीं. वहीं छात्र-छात्राओं ने भी अपने गुरु को शुभकामना दीं. इस सम्मान को लेकर विश्वविद्यालय सहित आईआईटी बीएचयू में सभी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

वाराणसीः भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र को भारत सरकार के पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेष मूल्यांकन समिति (EAC) के सदस्य के रूप में नामित किया गया है. छात्र और अध्यापक प्रो. प्रदीप कुमार को बधाई दे रहे हैं.

विशेष मूल्यांकन समिति (EAC) एक बहुत ही अनुशासनिक क्षेत्रीय मूल्यांकन समिति है, जिसमें विभिन्न क्षेत्र के विशिष्ट परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए विषय विशेषज्ञ शामिल होते हैं. विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति की सिफारिश के आधार पर पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा परियोजनाओं को पर्यावरणीय मंजूरी दी जाती है या खारिज कर दिया जाता है.

यह समिति मंजूरी देने से पहले सभी अवसर रचनात्मक और औद्योगिक परियोजनाओं की जांच करती है. वर्तमान परिवेश में प्रधानमंत्री ने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया. विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन बनाने के लिए इस समिति की जिम्मेदारी और बढ़ गई है.

इस उपलब्धि के लिए आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर प्रदीप कुमार मिश्र को विभिन्न आचार्य और शिक्षकों ने शुभकामनाएं दीं. वहीं छात्र-छात्राओं ने भी अपने गुरु को शुभकामना दीं. इस सम्मान को लेकर विश्वविद्यालय सहित आईआईटी बीएचयू में सभी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं.

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