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महिलाएं स्तन की गांठ को न करें नजरंदाज, वरना हो जाएंगी कैंसर की शिकार - ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण

महिलाएं स्तन की गांठ को नजरंदाज करने से कैंसर हो सकता है. विशेषज्ञ डॉ. रुचि पाठक के मुताबिक स्तन कैंसर की शुरुआत ब्रेस्ट में छोटी गांठ से होती है. शुरूआती स्थिति में चिकित्सक की सलाह पर गांठ की जांच कराकर कैंसर का निदान किया जा सकता है.

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महिलाएं स्तन की गांठ को न करें नजरंदाज
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Published : Oct 29, 2022, 1:26 PM IST

वाराणसी: ब्रेस्ट में हुई किसी भी तरह की गांठ को नजर अंदाज करना एक बड़ी मुसीबत को आमंत्रण देने जैसा है. ब्रेस्ट की इस गांठ से कैंसर भी हो सकता है. लिहाजा ब्रेस्ट में अगर गांठ नजर आये तो इसे गंभीरता से लें और जांच कराकर फौरन उपचार शुरू कराए. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में यह जांच निःशुल्क की जाती है. लोगों को जागरूक करने के लिए अक्टूबर माह को स्तन कैंसर जागरूक माह के रूप में मनाया गया.

महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केन्द्र की वरिष्ठ चिकित्सक और एनसीडी कार्यक्रम की जिला समन्वयक और विशेषज्ञ डॉ. रुचि पाठक के मुताबिक स्तन कैंसर की शुरुआत ब्रेस्ट में छोटी गांठ से होती है. शुरूआती स्थिति में चिकित्सक की सलाह पर गांठ की जांच कराकर कैंसर का निदान किया जा सकता है, लेकिन इसमें बरती गई लापरवाही ही बाद में मरीज के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती है और यह जानलेवा भी साबित होती है.

पूरे देश में 78 लाख आए नए मरीज
विशेषज्ञ डॉ. रुचि पाठक ने बताया कि वर्ष 2020 में ब्रेस्ट कैंसर के देश में लगभग एक लाख 78 हजार नये मामले सामने आए. इनमें 90 हजार से अधिक की मौत ब्रेस्ट कैंसर की वजह से हुई. इसी तरह केवल वाराणसी में वर्ष 2017 में कुल एक हजार नौ सौ सात मरीज कैंसर के पाए गए, जिनमें 26 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के थे.

हर माह स्वयं भी करें जांच
डॉ. रुचि पाठक ने बताया कि स्तन कैंसर महिलाओं में सर्वाधिक पाया जाने वाला कैंसर है. पहले 40 से 45 वर्ष की महिलाओं के स्तन कैंसर से पीड़ित होने की संभावना सबसे अधिक रहती थी. पर अब 30 से 40 वर्ष की महिलाओं में भी इसकी संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस संकट से बचने के लिए महिलाओं को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उनके स्तन में कहीं कोई गांठ तो नहीं उभर रही. इसके लिए 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को अपने स्तन की जांच हर माह स्वयं भी करनी चाहिए और वर्ष में एक बार चिकित्सक से उसका परीक्षण कराना चाहिए. गांठ का पता चलते ही फौरन चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए.

यहां मिलता है निःशुल्क प्रशिक्षण
ब्रेस्ट में गांठ है या नहीं इसकी जांच स्वतः भी की जा सकती है. इसके लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्थित ‘सम्पूर्णा क्लीनिक’ में निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है. ‘सम्पूर्णा क्लीनिक’ की प्रभारी डॉ. जाह्नवी बताती है कि महज चंद मिनट के इस प्रशिक्षण के बाद कोई भी महिला स्वतः अपने स्तन की जांच कर कैंसर के बड़े खतरे से बच सकती है.

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
• स्तन में किसी तरह की गांठ
• निपल से किसी तरह का श्राव
• निपल का अंदर की ओर धंसना
• स्तन की स्किन संतरे के छिलके की तरह होना
• किसी एक स्तन के आकार में परिवर्तन
• किसी भी स्तन में लालिमा अथवा सूजन
• किसी एक स्तन का असामान्य रूप से नीचे लटकना

यह भी पढ़ें- वाराणसी में 16 नवंबर से शुरू होगी अग्निवीरों की सेना में भर्ती प्रक्रिया, देखें लिस्ट

वाराणसी: ब्रेस्ट में हुई किसी भी तरह की गांठ को नजर अंदाज करना एक बड़ी मुसीबत को आमंत्रण देने जैसा है. ब्रेस्ट की इस गांठ से कैंसर भी हो सकता है. लिहाजा ब्रेस्ट में अगर गांठ नजर आये तो इसे गंभीरता से लें और जांच कराकर फौरन उपचार शुरू कराए. जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में यह जांच निःशुल्क की जाती है. लोगों को जागरूक करने के लिए अक्टूबर माह को स्तन कैंसर जागरूक माह के रूप में मनाया गया.

महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केन्द्र की वरिष्ठ चिकित्सक और एनसीडी कार्यक्रम की जिला समन्वयक और विशेषज्ञ डॉ. रुचि पाठक के मुताबिक स्तन कैंसर की शुरुआत ब्रेस्ट में छोटी गांठ से होती है. शुरूआती स्थिति में चिकित्सक की सलाह पर गांठ की जांच कराकर कैंसर का निदान किया जा सकता है, लेकिन इसमें बरती गई लापरवाही ही बाद में मरीज के लिए बड़ी मुसीबत बन जाती है और यह जानलेवा भी साबित होती है.

पूरे देश में 78 लाख आए नए मरीज
विशेषज्ञ डॉ. रुचि पाठक ने बताया कि वर्ष 2020 में ब्रेस्ट कैंसर के देश में लगभग एक लाख 78 हजार नये मामले सामने आए. इनमें 90 हजार से अधिक की मौत ब्रेस्ट कैंसर की वजह से हुई. इसी तरह केवल वाराणसी में वर्ष 2017 में कुल एक हजार नौ सौ सात मरीज कैंसर के पाए गए, जिनमें 26 प्रतिशत ब्रेस्ट कैंसर के थे.

हर माह स्वयं भी करें जांच
डॉ. रुचि पाठक ने बताया कि स्तन कैंसर महिलाओं में सर्वाधिक पाया जाने वाला कैंसर है. पहले 40 से 45 वर्ष की महिलाओं के स्तन कैंसर से पीड़ित होने की संभावना सबसे अधिक रहती थी. पर अब 30 से 40 वर्ष की महिलाओं में भी इसकी संख्या तेजी से बढ़ रही है. इस संकट से बचने के लिए महिलाओं को इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि उनके स्तन में कहीं कोई गांठ तो नहीं उभर रही. इसके लिए 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को अपने स्तन की जांच हर माह स्वयं भी करनी चाहिए और वर्ष में एक बार चिकित्सक से उसका परीक्षण कराना चाहिए. गांठ का पता चलते ही फौरन चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए.

यहां मिलता है निःशुल्क प्रशिक्षण
ब्रेस्ट में गांठ है या नहीं इसकी जांच स्वतः भी की जा सकती है. इसके लिए पं. दीन दयाल उपाध्याय चिकित्सालय के एमसीएच विंग में स्थित ‘सम्पूर्णा क्लीनिक’ में निःशुल्क प्रशिक्षण भी दिया जाता है. ‘सम्पूर्णा क्लीनिक’ की प्रभारी डॉ. जाह्नवी बताती है कि महज चंद मिनट के इस प्रशिक्षण के बाद कोई भी महिला स्वतः अपने स्तन की जांच कर कैंसर के बड़े खतरे से बच सकती है.

ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण
• स्तन में किसी तरह की गांठ
• निपल से किसी तरह का श्राव
• निपल का अंदर की ओर धंसना
• स्तन की स्किन संतरे के छिलके की तरह होना
• किसी एक स्तन के आकार में परिवर्तन
• किसी भी स्तन में लालिमा अथवा सूजन
• किसी एक स्तन का असामान्य रूप से नीचे लटकना

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