वाराणसी: बसपा सुप्रीमो मायावती ने 3 जून को पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक राम अचल राजभर पर पार्टी के खिलाफ गलत गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए निष्कासित कर दिया था. जिसके बाद बसपा में विधानसभा चुनाव 2022 के पूर्व बसपा कार्यकर्ता एक के बाद एक पार्टी से इस्तीफा देने का काम कर रहे हैं. सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर आगे की रणनीति पर विचार बनाने के बात कही है.
अलग-अलग जिलों में कार्यकर्ता इस्तीफा देंगे
उत्तर प्रदेश में विधानसभा 2022 के पूर्व बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पूर्व राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व परिवहन मंत्री राम अचल राजभर 3 जून को पार्टी के खिलाफ गलत गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाकर निष्कासित किया था. जिसके बाद यूपी के लगभग सभी जिलों में कार्यकर्ताओं के बगावती सुर दिखने लगे हैं. इसके बाद एक-एक करके कार्यकर्ताओं का इस्तीफा देना शुरू हो गया है. मंगलवार को वाराणसी में सेक्टर प्रभारी हर्ष राजभर के नेतृत्व में सैकड़ों बसपा कार्यकर्ताओं ने बसपा से इस्तीफा दिया. पूर्व महानगर अध्यक्ष हर्ष राजभर ने कहा कि वाराणसी सहित अन्य जनपदों में भी हमारे राजभर समाज के लोगों ने बसपा से नाता तोड़ने का फैसला लिया है. इसके तहत आज जिले के अन्य कार्यकर्ता अलग-अलग जिलों में कार्यकर्ता इस्तीफा देंगे. सेक्टर प्रभारी पूर्व महानगर अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि हम सभी लोगों ने बसपा से नाता तोड़कर आगे के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है, जल्द ही हम लोग कुछ नया फैसला लेंगे.
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पूर्व लोकसभा प्रभारी हर्ष राजभर ने बताया कि जिस तरह से बहन मायावती ने दूसरे के बहकावे में आकर पार्टी के एक जिम्मेदार कार्यकर्ता को पार्टी से निष्कासित करने का काम किया है. इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में काफी रोष हैं. इसके बाद पार्टी कार्यकर्ता इस्तीफा दे रहे हैं. विधानसभा चुनाव से पूर्व इस्तीफा देने की बात पर उन्होंने कहा कि अभी इस विषय पर हम लोग बैठक करेंगे कि आगे की रणनीति क्या होगी, क्योंकि इस फैसले से कार्यकर्ता आहत हुए हैं.