वाराणसी: कोविड-19 संक्रमण की पहली लहर जब शुरू हुई तो वह कंप्लीट लॉकडाउन में सबसे बड़ी चुनौती स्वास्थ्य कर्मियों सहित सफाई कर्मियों और पुलिस को सुरक्षित रखना था. ऐसे में टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हुए चेन्नई समेत कुछ शहरों में ड्रोन के जरिए सैनिटाइजेशन का काम शुरू हुआ. इन शहरों में प्रधानमंत्री मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी शामिल था. जहां स्पेशल टेक्निक से तैयार किए गए ड्रोन गरुड़ के जरिए रेड जोन कंटेनमेंट एरिया में सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा था. इस बार इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तक ड्रोन गरुड़ के जरिए न सिर्फ दवाएं व जरूरत की चीजें पहुंचाई जाएंगी, बल्कि इसमें लगाए जा रहे अनाउंसमेंट सिस्टम से लोगों को जागरूक करने का भी काम किया जाएगा.
तैयार हो गया प्लान
दरअसल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट लिमिटेड के प्रयासों के तहत चेन्नई की तर्ज पर वाराणसी में भी ड्रोन कानून के जरिए होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तक कोरोना दवाओं की किट के साथ ही कोरोना के प्रति जागरूकता फैलाने की तैयारी की गई हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने चेन्नई स्थित स्टार्टअप गरुण एयरोस्पेस के लोगों से संपर्क किया है और जल्द ही ड्रोन वाराणसी पहुंचेगा. कंपनी के लोग स्मार्ट सिटी योजना के लिए तैयार की गई इस रूपरेखा के अनुरूप कोविड सुरक्षा की घोषणाएं भी करेंगे और कोविड-19 दवाओं की किट भी होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों तक पहुंचाने का काम करेंगे.
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जल्द होगा ट्रायल
इस बारे में नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि इस संदर्भ में कंपनी के लोगों से बातचीत हो गई है. जल्द ही इस स्मार्ट ड्रोन सिस्टम का टेस्ट वाराणसी में किया जाएगा. टेस्टिंग सफल होने के बाद इसको नियमित रूप से उन्हें उन इलाकों में संचालित किया जाएगा, जहां पर कोविड-19 संक्रमण के मामले ज्यादा हैं. लोगों तक दवा पहुंचाने के साथ ही उन क्षेत्रों में अवेयरनेस और सैनिटाइजेशन के लिए भी इस ड्रोन का इस्तेमाल होगा.