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रंगभरी के बाद होली की मस्ती में रंगी काशी की महिलाएं - होली की मस्ती

रंगभरी एकादशी के साथ होली का पर्व शुरू हो चुका है. वाराणसी में हर तरफ होली का हुड़दंग देखने को मिल रहा है. फागुन का सुहानापन बनारस की होली में ऐसी जीवंतता भरता है कि फिजा में रंगों का बखूबी अहसास होता है.

मस्ती में रंगी काशी की महिलाएं
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Published : Mar 6, 2020, 2:06 PM IST

वाराणसी: धर्मनगरी वाराणसी में गुरुवार को रंगभरी एकादशी के साथ होली का उत्साह शुरू हो चुका है. हर तरफ होली का हुड़दंग देखने को मिल रहा है. होली के पर्व को मनाते हुए महिलाओं की टोली एक तरफ जहां जल संरक्षण का संदेश दे रही है, वहीं फैली बीमारियों से बचने के लिए सूखी होली खेलने की भी नसीहत दे रही है.

वाराणसी में होली का हुड़दंग.

10 मार्च को होली का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. बनारस में होली का हुड़दंग अपने शबाब पर है क्योंकि काशी और मथुरा की होली अपने आप में अद्भुत मानी जाती है. हर वर्ष होली पर पानी बचाकर सूखी होली खेलने की अपील की जाती है.

पढ़ें- मथुरा: नंद गांव में खेली गई होली, देश-विदेशों से पहुंचे लाखों श्रद्धालु

इस बार पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में यह संदेश देने के लिए कई सामाजिक संगठन की महिलाएं आगे आई हैं. महिलाओं का साफ तौर पर कहना है कि इको फ्रेंडली और गुलाल के साथ खेली जाने वाली होली ही बेस्ट होली होती है. इससे जल संरक्षण की दिशा में भी बड़ा प्रयास होता है और आपके चेहरे पर रंग भी चला जाता है. आजकल फैली तमाम बीमारियों के साथ वायरस से बचने के लिए भी सूखी होली खेलना ही बेस्ट है. होली से पहले महिलाओं की टोली गानों पर जमकर थिरक रही है और एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली खेल रही है.

वाराणसी: धर्मनगरी वाराणसी में गुरुवार को रंगभरी एकादशी के साथ होली का उत्साह शुरू हो चुका है. हर तरफ होली का हुड़दंग देखने को मिल रहा है. होली के पर्व को मनाते हुए महिलाओं की टोली एक तरफ जहां जल संरक्षण का संदेश दे रही है, वहीं फैली बीमारियों से बचने के लिए सूखी होली खेलने की भी नसीहत दे रही है.

वाराणसी में होली का हुड़दंग.

10 मार्च को होली का पर्व बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. बनारस में होली का हुड़दंग अपने शबाब पर है क्योंकि काशी और मथुरा की होली अपने आप में अद्भुत मानी जाती है. हर वर्ष होली पर पानी बचाकर सूखी होली खेलने की अपील की जाती है.

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इस बार पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में यह संदेश देने के लिए कई सामाजिक संगठन की महिलाएं आगे आई हैं. महिलाओं का साफ तौर पर कहना है कि इको फ्रेंडली और गुलाल के साथ खेली जाने वाली होली ही बेस्ट होली होती है. इससे जल संरक्षण की दिशा में भी बड़ा प्रयास होता है और आपके चेहरे पर रंग भी चला जाता है. आजकल फैली तमाम बीमारियों के साथ वायरस से बचने के लिए भी सूखी होली खेलना ही बेस्ट है. होली से पहले महिलाओं की टोली गानों पर जमकर थिरक रही है और एक दूसरे को अबीर गुलाल लगाकर होली खेल रही है.

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