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वाराणसी: 25 मार्च से शुरू होगा हिंदू नव संवत्सर, 'प्रमादी' के राजा होंगे बुध, मंत्री चंद्रमा - हिंदू नव संवत्सर 2077

हिंदू कैलेंडर के नव संवत्सर 2077 की शुरूआत 25 मार्च को चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होगा. यूपी के वाराणसी में ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी ने बताया कि यह वर्ष भारत की संप्रभुता और मान सम्मान को विश्व में बढ़ाने वाला साबित होगा. उन्होंने कहा कि इस बार के नव संवत्सर में राजा बुध और मंत्री चंद्रमा होंगे. इस वजह से हर व्यक्ति व्याधी मुक्त होगा. इसे बार नव संवत्सर को प्रमादी नाम से जाना जाएगा.

hindu calendar vikram samvat 2077.
25 मार्च से शुरू होगा हिंदू नव संवत्सर.
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Published : Mar 23, 2020, 2:23 PM IST

Updated : Mar 23, 2020, 3:00 PM IST

वाराणसी: सनातन धर्म में भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों के बारे में बताएं जाने का ज्योतिषीय प्रमाण मौजूद है. ग्रहों की चाल के आधार पर क्या घटा, क्या हो रहा है और क्या होने वाला है. इस बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है. यह जानकारी आपको भविष्य में होने वाली घटनाओं से आगाह करने में सहायक सिद्ध होती है. इन सबके बीच सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, नव संवत्सर. जो पूरे साल आपको क्या फल देगा, उसके बारे में जानना जरूरी है.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य.

इस बार हिंदू कैलेंडर के नव संवत्सर 2077 ( विक्रम संवत 2077) की शुरुआत 25 मार्च चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होने जा रहा है. इस बार नव संवत्सर का नाम प्रमादी है. इसके राजा बुध और मंत्री चंद्रमा होंगे. दोनों सौम्य ग्रहों की वजह से यह वर्ष भारत की संप्रभुता और मान सम्मान को विश्व में बढ़ाने वाला और बीते वर्ष से हर मामले में उत्तम भी होगा.

ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि नव विक्रम संवत का आरंभ 'प्रमादी' नाम से होने जा रहा है. इसके ग्रह मंडल के राजा बुद्ध होंगे और मंत्री चंद्रमा. जबकि शनि, सूर्य और अन्य ग्रहों की मौजूदगी से यह वर्ष पूरे देश के लिए अति उत्तम होने जा रहा है. पंडित पवन त्रिपाठी के मुताबिक ग्रहों की वर्तमान स्थिति पर यदि गौर करें तो राजा की भूमिका में बुध और मंत्री की भूमिका में चंद्रमा होने की वजह से यह वर्ष बहुत ही शांत और शीतलता प्रदान करने वाला होगा.

इसे भी पढ़ें- काशी में इस संगीतकार ने अनूठे अंदाज में कोरोना से लड़ने वालों को किया धन्यवाद

ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि सौम्य और सजगता होने की वजह से इस बार देश में सभी चीजें स्वस्थ, प्रसन्न और हर व्यक्ति व्याधि मुक्त होगा. यदि लग्न की बात की जाए तो जगन लग्न में वृश्चिक लग्न के योग की वजह से भारत वर्ष की संप्रभुता और प्रभुता और प्रभाव पूरे विश्व में बनेगा. पवन त्रिपाठी का कहना है कि ग्रहों की चाल से भारत शीर्ष स्तर पर पहुंचेगा और यहां के राजा का नेतृत्व और मजबूत होगा. पूरे विश्व में भारत दूसरे देशों का नेतृत्व करने की दिशा में और मजबूती से आगे बढ़ेगा.

ये है मंत्रीमंडल में ग्रहों का हाल

  • धान्येश में मंगल का प्रभाव होने की वजह से चना, सरसों और बाजार मूल्य में वृद्धि देखने को मिल सकती है. तेल जैसे पदार्थ महंगे होंगे.
  • वर्षा का स्वामी सूर्य होगा, इसकी वजह से पैदावार अच्छी होगी.
  • रसों का स्वामी शनि है. इसकी वजह से जल का संचय भूमि पर नहीं होने के कारण कई रोग उत्पन्न हो सकते हैं.
  • ठोस वस्तुओं का स्वामी गुरु है. इसकी वजह से पीले रंग की वस्तुओं के प्रति लोगों का झुकाव अधिक होगा और इसकी मांग बढ़ेगी. सोना, पीतल और अन्य वस्तुएं महंगी होगी.
  • फलेश यानी फलों का स्वामी सूर्य है. इसकी वजह से इस बार फल अच्छी मात्रा में होंगे.
  • धन के स्थान पर इस मंत्रिमंडल में बुध विराजमान हैं. इस वजह से लाभ और सरकारी खजाने में वृद्धि होगी.
  • दुर्गेश यानी सेना का नेतृत्वकर्ता भी शनि होगा. इस वजह से लोग निडर होंगे और सरकारी तंत्र भी मजबूत होगा.

वाराणसी: सनातन धर्म में भूत, भविष्य और वर्तमान तीनों के बारे में बताएं जाने का ज्योतिषीय प्रमाण मौजूद है. ग्रहों की चाल के आधार पर क्या घटा, क्या हो रहा है और क्या होने वाला है. इस बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है. यह जानकारी आपको भविष्य में होने वाली घटनाओं से आगाह करने में सहायक सिद्ध होती है. इन सबके बीच सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है, नव संवत्सर. जो पूरे साल आपको क्या फल देगा, उसके बारे में जानना जरूरी है.

जानकारी देते ज्योतिषाचार्य.

इस बार हिंदू कैलेंडर के नव संवत्सर 2077 ( विक्रम संवत 2077) की शुरुआत 25 मार्च चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होने जा रहा है. इस बार नव संवत्सर का नाम प्रमादी है. इसके राजा बुध और मंत्री चंद्रमा होंगे. दोनों सौम्य ग्रहों की वजह से यह वर्ष भारत की संप्रभुता और मान सम्मान को विश्व में बढ़ाने वाला और बीते वर्ष से हर मामले में उत्तम भी होगा.

ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि नव विक्रम संवत का आरंभ 'प्रमादी' नाम से होने जा रहा है. इसके ग्रह मंडल के राजा बुद्ध होंगे और मंत्री चंद्रमा. जबकि शनि, सूर्य और अन्य ग्रहों की मौजूदगी से यह वर्ष पूरे देश के लिए अति उत्तम होने जा रहा है. पंडित पवन त्रिपाठी के मुताबिक ग्रहों की वर्तमान स्थिति पर यदि गौर करें तो राजा की भूमिका में बुध और मंत्री की भूमिका में चंद्रमा होने की वजह से यह वर्ष बहुत ही शांत और शीतलता प्रदान करने वाला होगा.

इसे भी पढ़ें- काशी में इस संगीतकार ने अनूठे अंदाज में कोरोना से लड़ने वालों को किया धन्यवाद

ज्योतिषाचार्य पंडित पवन त्रिपाठी का कहना है कि सौम्य और सजगता होने की वजह से इस बार देश में सभी चीजें स्वस्थ, प्रसन्न और हर व्यक्ति व्याधि मुक्त होगा. यदि लग्न की बात की जाए तो जगन लग्न में वृश्चिक लग्न के योग की वजह से भारत वर्ष की संप्रभुता और प्रभुता और प्रभाव पूरे विश्व में बनेगा. पवन त्रिपाठी का कहना है कि ग्रहों की चाल से भारत शीर्ष स्तर पर पहुंचेगा और यहां के राजा का नेतृत्व और मजबूत होगा. पूरे विश्व में भारत दूसरे देशों का नेतृत्व करने की दिशा में और मजबूती से आगे बढ़ेगा.

ये है मंत्रीमंडल में ग्रहों का हाल

  • धान्येश में मंगल का प्रभाव होने की वजह से चना, सरसों और बाजार मूल्य में वृद्धि देखने को मिल सकती है. तेल जैसे पदार्थ महंगे होंगे.
  • वर्षा का स्वामी सूर्य होगा, इसकी वजह से पैदावार अच्छी होगी.
  • रसों का स्वामी शनि है. इसकी वजह से जल का संचय भूमि पर नहीं होने के कारण कई रोग उत्पन्न हो सकते हैं.
  • ठोस वस्तुओं का स्वामी गुरु है. इसकी वजह से पीले रंग की वस्तुओं के प्रति लोगों का झुकाव अधिक होगा और इसकी मांग बढ़ेगी. सोना, पीतल और अन्य वस्तुएं महंगी होगी.
  • फलेश यानी फलों का स्वामी सूर्य है. इसकी वजह से इस बार फल अच्छी मात्रा में होंगे.
  • धन के स्थान पर इस मंत्रिमंडल में बुध विराजमान हैं. इस वजह से लाभ और सरकारी खजाने में वृद्धि होगी.
  • दुर्गेश यानी सेना का नेतृत्वकर्ता भी शनि होगा. इस वजह से लोग निडर होंगे और सरकारी तंत्र भी मजबूत होगा.
Last Updated : Mar 23, 2020, 3:00 PM IST
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