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ज्ञानवापी विवाद: अखिलेश यादव और ओवैसी के खिलाफ दायर वाद को कोर्ट ने माना पोषणीय

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामला
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Published : Nov 15, 2022, 11:29 AM IST

Updated : Nov 15, 2022, 7:15 PM IST

11:00 November 15

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले पर विवादित बयान देने के मामले में मंगलवाप को कोर्ट में सुनवाई हुई. विवादित बयान देने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई. वाराणसी की एसीजेएम-5 कोर्ट के जज उज्ज्वल उपाध्याय ने इस मामले की सुनवाई की.

आज हुई सुनवाई में ओवैसी और अखिलेश यादव पर मुकदमा दर्ज करने की याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. इस मामले की पोषणीयता को लेकर चल रही बहस पर वादी वकील हरिशंकर पांडेय को बड़ी जीत मिली है. बता दें कि कोर्ट में वजूखाने में गंदगी फैलाने और ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग प्रकरण में गलत बयानबाजी करने के मामले की सुनवाई चल रही है. इस मामले में ओवैसी और अखिलेश यादव ने टीवी चैनलों पर विवादित बयान दिया था. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है.

गौरतलब है कि यह याचिका ज्ञानवापी मामले को लेकर भड़काऊ बयान देने के अलावा वहां मिले कथित शिवलिंग के समीप गंदगी कर धार्मिक भावनाएं आहत करने से जुड़ी हुई है. याचिका के संबंध में हिंदू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है. बहस की लिखित प्रति भी कोर्ट में बीती 8 नवंबर को दाखिल की जा चुकी है. सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत प्रार्थना पत्र दिया था.


एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने कहा, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में बीती 16 मई को शिवलिंग मिला था. शिवलिंग जहां मिला था वहां हाथ-पैर धोए जाने, थूकने और गंदा पानी बहाने से असंख्य सनातन धर्मियों का मन पीड़ा से भरा है. आरोपियों ने साजिश के तहत स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कह कर सनातन धर्मियों की आस्था पर कुठाराघात और आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया है.

एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वही भगवान और शिवलिंग हैं. सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बात कह रहे हैं. इन नेताओं की बातें जन भावनाओं के खिलाफ हैं. इस पूरे मामले की साजिश में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा सहित सैकड़ों अन्य लोग भी शामिल हैं. इन सभी के आचरण से हिंदू समाज मर्माहत है. इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश कोर्ट दे.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी सिविल कोर्ट में 5 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

11:00 November 15

वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले पर विवादित बयान देने के मामले में मंगलवाप को कोर्ट में सुनवाई हुई. विवादित बयान देने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य पर मुकदमा दर्ज करने की मांग से संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई. वाराणसी की एसीजेएम-5 कोर्ट के जज उज्ज्वल उपाध्याय ने इस मामले की सुनवाई की.

आज हुई सुनवाई में ओवैसी और अखिलेश यादव पर मुकदमा दर्ज करने की याचिका को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया. इस मामले की पोषणीयता को लेकर चल रही बहस पर वादी वकील हरिशंकर पांडेय को बड़ी जीत मिली है. बता दें कि कोर्ट में वजूखाने में गंदगी फैलाने और ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग प्रकरण में गलत बयानबाजी करने के मामले की सुनवाई चल रही है. इस मामले में ओवैसी और अखिलेश यादव ने टीवी चैनलों पर विवादित बयान दिया था. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 29 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है.

गौरतलब है कि यह याचिका ज्ञानवापी मामले को लेकर भड़काऊ बयान देने के अलावा वहां मिले कथित शिवलिंग के समीप गंदगी कर धार्मिक भावनाएं आहत करने से जुड़ी हुई है. याचिका के संबंध में हिंदू और मुस्लिम पक्ष की बहस पूरी हो चुकी है. बहस की लिखित प्रति भी कोर्ट में बीती 8 नवंबर को दाखिल की जा चुकी है. सिविल कोर्ट के एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156-3 के तहत प्रार्थना पत्र दिया था.


एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने कहा, ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में बीती 16 मई को शिवलिंग मिला था. शिवलिंग जहां मिला था वहां हाथ-पैर धोए जाने, थूकने और गंदा पानी बहाने से असंख्य सनातन धर्मियों का मन पीड़ा से भरा है. आरोपियों ने साजिश के तहत स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के शिवलिंग को फव्वारा कह कर सनातन धर्मियों की आस्था पर कुठाराघात और आमजन में विद्वेष फैलाने का काम किया है.

एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने प्रार्थना पत्र में लिखा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया कि पीपल के पेड़ के नीचे पत्थर रख कर झंडा लगा दो तो वही भगवान और शिवलिंग हैं. सांसद असदुद्दीन ओवैसी और उनके भाई हिंदुओं के धार्मिक मामलों और स्वयंभू आदि विश्वेश्वर के खिलाफ लगातार अपमानजनक बात कह रहे हैं. इन नेताओं की बातें जन भावनाओं के खिलाफ हैं. इस पूरे मामले की साजिश में अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी, शहर काजी और शहर के उलेमा सहित सैकड़ों अन्य लोग भी शामिल हैं. इन सभी के आचरण से हिंदू समाज मर्माहत है. इसलिए सभी आरोपियों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने सहित अन्य आरोपों के तहत मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने का आदेश कोर्ट दे.

ये भी पढ़ेंः ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले में वाराणसी सिविल कोर्ट में 5 दिसंबर को होगी अगली सुनवाई

Last Updated : Nov 15, 2022, 7:15 PM IST
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