वाराणसी: ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामले को लेकर आज जिला जज की अदालत में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में इस विवाद से जुड़े सात मामलों समेत कुल 10 वाद सुने जाने थे जिस पर कोर्ट ने आज की तिथि मुकर्रर की थी, लेकिन कोर्ट ने इन 7 मुकदमों में से एक महत्वपूर्ण मामले को आज पिक करते हुए इस पर सुनवाई को आगे बढ़ाया. इसके अलावा ज्ञानवापी प्रकरण के मुकदमे में पहली बार यूनियन ऑफ इंडिया की तरफ से शासकीय अधिवक्ता की भी उपस्थिति कोर्ट में हुई.
भारत सरकार के शासकीय अधिवक्ता ने मुकदमों की प्लैंट कॉपी की डिमांड की है. वहीं, कोर्ट ने आज ज्ञानवापी परिसर के बैरिकेट एरिया में हाई कोर्ट प्रयागराज के आदेश के संदर्भ में पुरातत्व सर्वेक्षण कराने के आदेश पर मुस्लिम पक्ष की आपत्ति को देखते हुए इस मामले में दाखिल की गई हिंदू पक्ष की याचिका पर भी सुनवाई की है जिस पर मुस्लिम पक्ष ने अपने सीनियर लॉयर की उपस्थिति ना होने की बात कहते हुए अगली तिथि मांगी थी जिस पर कोर्ट ने सुनकर 14 जुलाई को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है.
दरअसल, वाराणसी के जिला जज की अदालत में लगभग 1 महीने बाद आज कोर्ट में तय किए गए शेड्यूल के मुताबिक सुनवाई शुरू की गई थी. अलग-अलग केस को एक साथ सुनने की तरफ से दाखिल की गई याचिका पर जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश ने हर केस में सुनवाई की नई व्यवस्था करते हुए आज महत्वपूर्ण केस को सुनने के लिए बैरिकेडिंग के अंदर वैज्ञानिक विधि से जांच की मांग की हिंदू पक्ष की याचिका पर सुनवाई शुरू की. इसके अलावा शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की तरफ से भी सावन के महीने में अंदर मिले कथित शिवलिंग के जलाभिषेक की अनुमति मांगी गई थी. जिस पर कोर्ट ने अगली तिथि पर सुनवाई करने की बात कही है बता दें कि ज्ञानवापी से जुड़े श्रृंगार गोरी मामले की महिला वादिनी लक्ष्मी देवी, रेखा पाठक, सीता साहू और मंजू व्यास ने जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सात मामलों की सुनवाई एक ही स्थान पर करने की मांग की थी.
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जिस पर कोर्ट ने आज शेड्यूल तय करने के लिए कहा था. इस प्रकरण में आज सुनवाई शुरू हुई है जिसके बाद 7 मामलों की सुनवाई में सबसे पहले कोर्ट ने हिंदू पक्ष की तरफ से ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर की गई बैरिकेडिंग के अंदर के हिस्से की वैज्ञानिक विधि से जांच की मांग पर सुनवाई प्रारंभ की है. जिला जज ने दोनों पक्षों को अपनी बात रखने के लिए कहा था जिस पर हिंदू पक्ष ने तो बहस की लेकिन मुस्लिम पक्ष की तरफ से यह कह कर समय मांगा गया कि संबंधित मामले की फाइलें वह कोर्ट में आज प्रस्तुत नहीं कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त मुस्लिम पक्ष ने सीनियर लॉयर की उपस्थिति ना होने की बात कहते हुए अगली तारीख की मांग की जिस पर कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की बात को सुनते हुए 14 जुलाई को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की है.
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