वाराणसीः ज्ञानवापी प्रकरण में वकील कमीशन के दौरान मिले शिवलिंग को फव्वारा कहने वाले अखिलेश यादव और ओवैसी पर मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर न्यायालय में मंगलवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने प्रकरण में सुनवाई करते हुए प्रभारी निरीक्षक चौक से रिपोर्ट मांगी है और अगली सुनवाई की तिथि 6 दिसंबर 2022 की निर्धारित की गई है.
बता दें कि एसीजेएम पंचम/एमपी-एमएलए कोर्ट उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत ने पिछली सुनवाई में इस वाद को सुनवाई योग्य पोषणीय पाया था और मुकदमा दर्ज करने के मुद्दे पर सुनवाई की अगली तारीख 29 नवंबर नियत की थी. वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने कोर्ट में अधिवक्ता आरपी शुक्ल, अजय प्रताप सिंह, घनश्याम मिश्र के जरिये प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि ज्ञानवापी परिसर में नमाजियों की ओर से वजूखाने में हाथ-पैर धोए जाते है और गंदगी फैलाई जाती है, जबकि वह स्थान हमारे अराध्य भगवान शिव का स्थान है. यह हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है.
इसके साथ ही कमीशन कार्रवाई के दौरान मिले कथित शिवलिंग को लेकर एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आदि ने ज्ञानवापी प्रकरण पर बयान देकर हिंदुओं की भावनाओं पर कुठाराघात किया है. अधिवक्ता ने इस मामले में ज्ञानवापी मस्जिद के अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अब्दुल वाकी, मुफ्ती-ए-बनारस मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी, कमेटी के संयुक्त सचिव सैय्यद मोहम्मद यासीन और बयान देने वाले नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है.
वहीं इस मामले में मुस्लिम पक्ष ने अर्जी के खिलाफ पोषणीयता की अर्जी दी थी. जिसे कोर्ट पहले ही खारिज कर चुकी थी. इस मामले में चार तिथि पहले ही अदालत में दोनों पक्ष को सुनने के बाद कोर्ट ने आदेश सुरक्षित रख लिया था. जिस पर पिछली सुनवाई में आदेश देते हुए कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई योग्य माना था और इसे स्वीकार करते हुए इस प्रकरण पर अगली सुनवाई के लिए 29 नवंबर मंगलवार की तिथि मुकर्रर की थी.
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