वाराणसीः महादेव की नगरी काशी में आने वाले नववर्ष का स्वागत बिल्कुल अनोखे तरीके से किया गया. वाराणसी के प्रसिद्ध दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि द्वारा की जाने वाली संध्याकालीन विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती आज वर्ष 2023 को समर्पित रही. इस दौरान दीपों से 2023 स्वागतम् लिखा गया.
शनिवार को घाट पर साल 2022 की अंतिम गंगा आरती की गई. वहीं, इस दौरान वर्ष 2023 की मंगल कामना के स्वागत के लिए 7 अर्चकों के द्वारा वैदिक मंत्रों का उच्चारण किया गया. उसके साथ शंख, घंटा घड़ियाल के साथ हुई आरती से वर्ष 2023 का स्वागत काशी में किया गया. घाट पर जुटे हजारों की संख्या में काशी वासियों और पर्यटकों ने हर-हर महादेव का उद्घोष किया. इस दौरान भक्तों ने बाबा विश्वनाथ, काल भैरव महाराज और मां गंगा से नववर्ष की मंगल कामना की.
गंगा सेवा निधि अध्यक्ष आशीष तिवारी ने बताया अच्छी संध्या कालीन आरती वर्ष 2023 को समर्पित रही. काशी के परंपरा के अनुसार सप्त ऋषियों द्वारा मां गंगा की आरती की जा रही है. घंटा घड़ियाल और शंख की ध्वनि के साथ वर्ष 2023 का स्वागत किया जा रहा है. हम लोगों ने दीपक से वर्ष 2023 स्वागतम लिखा है. हमारी यह कामना है कि जिस तरह दीप जलते हैं उसी तरह लोगों के घरों में खुशियां आएं. उसके साथी लोगों से यह निवेदन भी कर रहे हैं कि अभी कोविड-19 पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. विदेशों में काफी तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, हमें भी जागरूक रहने की आवश्यकता है.
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