वाराणसी : मदर्स डे के अवसर पर रविवार को नमामि गंगे ने गंगा द्वार पर मां गंगा की आरती उतारी. इस दौरान देश की सुख -समृद्धि के लिए कामना भी की गई. सदस्यों की ओर से माताओं को तुलसी के पौधे, पुष्पहार और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया. सदस्यों ने अपने ममतामयी आंचल से भारत वासियों को जीवन देने वाली मां गंगा के किनारे की सफाई भी की. इसमें काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया.
नमामि गंगे के सदस्यों ने मां स्वरूप प्रकृति के संरक्षण की कामना कर माताओं को तुलसी का पौधा देकर उनका अभिनंदन किया. राष्ट्र ध्वज लेकर श्री काशी विश्वनाथ धाम में स्थापित भारत माता और उपस्थित सभी माताओं की आरती उतारी गई. आरती के दौरान गंगा तट और श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर परिसर भारत माता की जयकारों से गूंज उठा.
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि भारत की जीवनधारा मां गंगा की हर बूंद में भारतवासियों के लिए ममता समाहित है. गंगा उत्तर भारत की अर्थव्यवस्था का मेरुदंड है. यह आस्था और अर्थव्यवस्था दोनों ही है. गंगा का अविरल प्रवाह सनातनी संस्कृति का अक्षय और अविरल प्रवाह है. सदियों से गंगा भारतवासियों को अपने आंचल तले पाल रही है. प्रत्येक नागरिक का उत्तरदायित्व है कि गंगा रूपी धरोहर का संरक्षण करे. उन्होंने बताया कि मां गंगा, भारत माता और सभी माताओं की आरती उतारकर हमने उनके ममत्व, त्याग और बलिदान का सम्मान किया है.
आयोजन में प्रमुख रूप से काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला, महानगर प्रभारी पुष्पलता वर्मा, पूजा मौर्या, जयप्रकाश गुप्ता, राजेश सेठ, सुष्मिता सेठ सहित तमाम लोग शामिल रहे.
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