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काशी के अस्सी घाट पर दिव्यांग छात्रों ने किया शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रम

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Published : Nov 17, 2019, 11:07 PM IST

देश की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी में दिव्यांग छात्रों ने रविवार को अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया.

दिव्यांग छात्रों की शानदार प्रस्तुति.

वाराणसी: देश की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी में अस्सी घाट पर रविवार को अलग ही नजारा देखने को मिला, जहां 21 प्रकार के दिव्यांग छात्रों ने अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं उनकी शानदार प्रस्तुति को देखकर हर कोई अपने दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गया और तालियों से उनका अभिवादन किया.

दिव्यांग छात्रों की शानदार प्रस्तुति.

अस्सी घाट पर दिव्यांग छात्र-छात्राओं का कार्यक्रम
विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर अस्सी घाट पर रविवार की सुबह बनारस मंच पर दिव्यांग संगम का आयोजन किया, जिसमें लगभग 21 प्रकार के दिव्यांग छात्रों ने सम्मिलित हुए. कार्यक्रम में 80 छात्रों ने अपनी प्रस्तुति दिखाई. कार्यक्रम के बाद छात्रों को पुरस्कृत किया गया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई.

दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने गंगा की शुद्धता, बढ़ता प्रदूषण, बढ़ती जनसंख्या आदि विषयों पर नाटक प्रस्तुत कर लोगों को जगाने का प्रयास किया और अपने नाटक के माध्यम से लोगों को संदेश भी दिया.

हमारा बस एक ही मकसद है कि इन छात्रों के अंदर की जो कला है, वह बाहर निकले, जिससे यह खुद को अकेला महसूस न करें.
डॉ. उत्तम ओझा, संयोजक

वाराणसी: देश की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी में अस्सी घाट पर रविवार को अलग ही नजारा देखने को मिला, जहां 21 प्रकार के दिव्यांग छात्रों ने अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. वहीं उनकी शानदार प्रस्तुति को देखकर हर कोई अपने दांतों तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गया और तालियों से उनका अभिवादन किया.

दिव्यांग छात्रों की शानदार प्रस्तुति.

अस्सी घाट पर दिव्यांग छात्र-छात्राओं का कार्यक्रम
विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर अस्सी घाट पर रविवार की सुबह बनारस मंच पर दिव्यांग संगम का आयोजन किया, जिसमें लगभग 21 प्रकार के दिव्यांग छात्रों ने सम्मिलित हुए. कार्यक्रम में 80 छात्रों ने अपनी प्रस्तुति दिखाई. कार्यक्रम के बाद छात्रों को पुरस्कृत किया गया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गई.

दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने गंगा की शुद्धता, बढ़ता प्रदूषण, बढ़ती जनसंख्या आदि विषयों पर नाटक प्रस्तुत कर लोगों को जगाने का प्रयास किया और अपने नाटक के माध्यम से लोगों को संदेश भी दिया.

हमारा बस एक ही मकसद है कि इन छात्रों के अंदर की जो कला है, वह बाहर निकले, जिससे यह खुद को अकेला महसूस न करें.
डॉ. उत्तम ओझा, संयोजक

Intro: देश की सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले वाराणसी में आज अलग ही नजारा जिले के अस्सी घाट के सुबह बनारस मंच पर देखने को मिला। 21 प्रकार के दिव्यांग छात्रों ने अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी शानदार प्रस्तुति को देखकर हर कोई अपने दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर दिखा और तालियों की आवाज से लोगों ने उनका अभिवादन किया।


Body:विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने मिलकर अस्सी घाट के सुबह बनारस मंच पर दिव्यांग संगम का आयोजन किया जिसमें लगभग 21 प्रकार के दिव्यांग छात्रों ने सम्मिलित हुए जिसमें 80 छात्रों ने अपनी प्रस्तुति दिखाया वह छात्रों को पुरस्कृत किया गया और उनके उज्जवल भविष्य का कामना किया गया।

दिव्यांग छात्र छात्राओं ने अपनी शानदार प्रस्तुति के माध्यम से जहां गंगा की शुद्धता बढ़ते प्रदूषण बढ़ती जनसंख्या पर नाटक प्रस्तुत कर लोगों को जगाने का प्रयास किया और अपने नाटक के माध्यम से लोगों को संदेश दिया।


Conclusion:चंदन ने बताया आज हम लोगों ने यहां पर एक गंगा मां का गीत प्रस्तुत किया हमें बहुत अच्छा लगा ऐसे कार्यक्रम होने चाहिए हमें इस कार्यक्रम में आकर बहुत ही अच्छा लगा।

बाईट :-- चंदन दिव्यांग, छात्र

उत्तम ओझा ने बताया कि जिले के विभिन्न सामाजिक संस्थाएं मिलकर दिव्यांग संगम सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जो वाराणसी के अस्सी घाट के सुबह बनारस मंच पर आयोजित किया गया। यहां पर कुल 21 प्रकार के दिव्यांग छात्रों शामिल हुए जिसमें 80 छात्रों ने प्रतिभागी किया। इनकी शानदार प्रस्तुति देख कर हमें लगा कि यह प्रस्तुति दिव्यांग छात्रों द्वारा नहीं दिया जा रहा है। हमारा बस एक ही मकसद है कि इनके अंदर की जो कला है वह बाहर निकले जिसे यह खुद को अकेला महसूस करें।
बाईट:-- डॉ उत्तम ओझा, संयोजक

आशुतोष उपाध्याय

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