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ज्ञानवापी परिसरः श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन-पूजन मामले में 10 मई तक रिपोर्ट सौंपने के आदेश

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श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन-पूजन मामले में 10 मई तक रिपोर्ट सौंपने के आदेश
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Published : Apr 26, 2022, 4:10 PM IST

Updated : Apr 26, 2022, 5:15 PM IST

16:03 April 26

वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर मामले में कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है. कोर्ट कमिश्नर मौके का स्थलीय निरीक्षण और वीडियो ग्राफी करके रिपोर्ट बनाएंगे.

श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन-पूजन मामले में 10 मई तक रिपोर्ट सौंपने के आदेश

10 मई तक कोर्ट में सौंपी जाएगी सर्वे रिपोर्ट
ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट 10 मई तक कोर्ट को सौंपनी होगी. सिविल जज सीनियर डिवीजन ने न्यायालय में दाखिल कानून व्यवस्था खराब होने के अर्जी को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में स्थित माता श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर राखी सिंह व अन्य 5 लोगों की तरफ से सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में दायर की गई थी.

याचिका पर मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 8 अप्रैल के अपने पुराने फैसले को ही कायम रखा है. कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि 3 मई को ईद उल फितर के त्यौहार के बाद ज्ञानवापी परिसर में मौजूद माता श्रृंगार गौरी के मंदिर परिसर और आसपास की वीडियोग्राफी के लिए कमीशन की कार्यवाही पूरी की जाएगी.

इस बाबत कोर्ट की तरफ से 18 अप्रैल को प्रशासन और विपक्षी यानी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की तरफ से वीडियोग्राफी रोकने की याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दी है. अगस्त 2020 में हिंदू महासभा की तरफ से राखी सिंह एवं 4 अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन ना किए जाने को हिंदू हित में ना बताते हुए कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर की थी.

इस प्रार्थना पत्र में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद, वाराणसी पुलिस कमिश्नर, वाराणसी कमिश्नर, वाराणसी जिलाधिकारी समेत उत्तर प्रदेश सरकार को विपक्षी पक्ष के तौर पर शामिल किया गया था. इस प्रकरण में 8 अप्रैल को कोर्ट की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर की वास्तविक स्थिति जानने के लिए वकील कमिश्नर के तौर पर अजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति कर के 20 अप्रैल तक इस मामले में वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट मांगी गई थी.

18 अप्रैल को वाराणसी प्रशासन और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देखकर वीडियोग्राफी को लेकर वास्तु स्थिति तय करने और संख्या बल के साथ ही कई अन्य प्रतिबंधित स्थानों समेत मस्जिद के अंदर गैर मुसलमानों के प्रवेश पर रोक की बात कही थी. जिसमें मस्जिद के दक्षिणी गेट से सिर्फ वर्ग विशेष और सुरक्षाकर्मियों को ही जाने की अनुमति की बात कह कर अंदर वीडियोग्राफी की अनुमति ना देने की बात भी कही गई थी. इस बात को कोर्ट ने आज खारिज करते हुए अंजुमन इंतजामियां मसाजिद के वकील के कहे गए बयान को आधार मानते हुए की मस्जिद के अंदर कोई भी प्रवेश कर सकता है. इस आधार पर कोर्ट ने ईद के बाद वीडियोग्राफी की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए 10 मई को कमीशन की रिपोर्ट तलब की है.

श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन प्रकरण में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं के वकील मदन मोहन की मानें तो न्यायालय ने 18 अप्रैल को दायर की जाएगी. प्रशासन व विपक्षी की याचिका को खारिज कर दिया है और ईद उल फितर के बाद 10 मई से पहले कमीशन की कार्यवाही का आदेश देते हुए वीडियोग्राफी व जांच को पूरा करने के लिए कहा है. इसके लिए न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि परिसर के अंदर याचिकाकर्ता उनके वकील और उनके एक सहयोगी जा सकते हैं. यह आदेश विपक्ष के लोगों के लिए भी लागू है. उनकी तरफ से भी याचिकाकर्ता वकील और उनके सहयोगियों को ले जाया जा सकता है. प्रशासन कानून व्यवस्था व अन्य मुद्दे पर पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी अपने हिसाब से करेगा.

इसे पढ़ें- सीएम योगी का बड़ा आदेश, मंत्री-अफसर अपनी सम्पत्ति सार्वजनिक करें

इसे पढ़ें- श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर : शृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन को लेकर 26 को आएगा फैसला

16:03 April 26

वाराणसी : श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर मामले में कोर्ट ने सर्वे का आदेश दिया है. कोर्ट कमिश्नर मौके का स्थलीय निरीक्षण और वीडियो ग्राफी करके रिपोर्ट बनाएंगे.

श्रृंगार गौरी मंदिर में नियमित दर्शन-पूजन मामले में 10 मई तक रिपोर्ट सौंपने के आदेश

10 मई तक कोर्ट में सौंपी जाएगी सर्वे रिपोर्ट
ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट 10 मई तक कोर्ट को सौंपनी होगी. सिविल जज सीनियर डिवीजन ने न्यायालय में दाखिल कानून व्यवस्था खराब होने के अर्जी को खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि श्री काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी परिसर में स्थित माता श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन को लेकर राखी सिंह व अन्य 5 लोगों की तरफ से सिविल जज सीनियर डिविजन की अदालत में दायर की गई थी.

याचिका पर मंगलवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए 8 अप्रैल के अपने पुराने फैसले को ही कायम रखा है. कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि 3 मई को ईद उल फितर के त्यौहार के बाद ज्ञानवापी परिसर में मौजूद माता श्रृंगार गौरी के मंदिर परिसर और आसपास की वीडियोग्राफी के लिए कमीशन की कार्यवाही पूरी की जाएगी.

इस बाबत कोर्ट की तरफ से 18 अप्रैल को प्रशासन और विपक्षी यानी अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की तरफ से वीडियोग्राफी रोकने की याचिका को भी कोर्ट ने खारिज कर दी है. अगस्त 2020 में हिंदू महासभा की तरफ से राखी सिंह एवं 4 अन्य महिलाओं ने श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन ना किए जाने को हिंदू हित में ना बताते हुए कोर्ट में सरकार के खिलाफ याचिका दायर की थी.

इस प्रार्थना पत्र में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद, वाराणसी पुलिस कमिश्नर, वाराणसी कमिश्नर, वाराणसी जिलाधिकारी समेत उत्तर प्रदेश सरकार को विपक्षी पक्ष के तौर पर शामिल किया गया था. इस प्रकरण में 8 अप्रैल को कोर्ट की तरफ से ज्ञानवापी परिसर में मौजूद श्रृंगार गौरी मंदिर की वास्तविक स्थिति जानने के लिए वकील कमिश्नर के तौर पर अजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति कर के 20 अप्रैल तक इस मामले में वीडियोग्राफी कर रिपोर्ट मांगी गई थी.

18 अप्रैल को वाराणसी प्रशासन और अंजुमन इंतजामियां मसाजिद की तरफ से कोर्ट में प्रार्थना पत्र देखकर वीडियोग्राफी को लेकर वास्तु स्थिति तय करने और संख्या बल के साथ ही कई अन्य प्रतिबंधित स्थानों समेत मस्जिद के अंदर गैर मुसलमानों के प्रवेश पर रोक की बात कही थी. जिसमें मस्जिद के दक्षिणी गेट से सिर्फ वर्ग विशेष और सुरक्षाकर्मियों को ही जाने की अनुमति की बात कह कर अंदर वीडियोग्राफी की अनुमति ना देने की बात भी कही गई थी. इस बात को कोर्ट ने आज खारिज करते हुए अंजुमन इंतजामियां मसाजिद के वकील के कहे गए बयान को आधार मानते हुए की मस्जिद के अंदर कोई भी प्रवेश कर सकता है. इस आधार पर कोर्ट ने ईद के बाद वीडियोग्राफी की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए 10 मई को कमीशन की रिपोर्ट तलब की है.

श्रृंगार गौरी नियमित दर्शन प्रकरण में याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ताओं के वकील मदन मोहन की मानें तो न्यायालय ने 18 अप्रैल को दायर की जाएगी. प्रशासन व विपक्षी की याचिका को खारिज कर दिया है और ईद उल फितर के बाद 10 मई से पहले कमीशन की कार्यवाही का आदेश देते हुए वीडियोग्राफी व जांच को पूरा करने के लिए कहा है. इसके लिए न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि परिसर के अंदर याचिकाकर्ता उनके वकील और उनके एक सहयोगी जा सकते हैं. यह आदेश विपक्ष के लोगों के लिए भी लागू है. उनकी तरफ से भी याचिकाकर्ता वकील और उनके सहयोगियों को ले जाया जा सकता है. प्रशासन कानून व्यवस्था व अन्य मुद्दे पर पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी अपने हिसाब से करेगा.

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Last Updated : Apr 26, 2022, 5:15 PM IST
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