ETV Bharat / state

वाराणसी: गोवर्धन पूजा की निकाली गई भव्य शोभायात्रा, लट्ठबाजों ने किया कला का प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में काफी धूमधाम से गोवर्धन पूजा की शोभायात्रा निकाली गई. इस शोभायात्रा में कई तरहा की झांकियां देखने को मिलीं. वहीं यदुवंशी समाज को लोगों ने इस यात्रा के दौरान कई तरह के करतब भी दिखाए.

गोवर्धन पूजा की निकाली गई भव्य शोभायात्रा.
author img

By

Published : Oct 28, 2019, 7:28 PM IST

वाराणसी: जब इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठिका पर उठाया तो दूसरे को न सताने का एक बड़ा संदेश गया. इसी संदेश के साथ आज भी गोवर्धन पूजा के तौर पर श्री कृष्ण को नमन कर इस खास दिन को दीपावली के अगले दिन धूमधाम के साथ मनाया जाता है.

गोवर्धन पूजा की निकाली गई भव्य शोभायात्रा.
इस परंपरा का निर्वहन आज भी धर्म नगरी काशी में बड़े ही अद्भुत तरीके से यहां की सड़कों पर देखने को मिला. सदियों पुरानी परंपरा के अनुरूप यदुवंशी समाज के लोगों ने श्री कृष्ण की तरफ से दिए गए इस संदेश का पालन करते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली और अपनी पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाया.

पढे़ंः-51 सालों से काशी में किया जा रहा है 'निशा पूजा' का आयोजन


47 साल से हो रहा आयोजन
गोवर्धन पूजा के मौके पर बनारस में भव्य शोभायात्रा का आयोजन बीते 47 सालों से हो रहा है. इस आयोजन के तहत सोमवार लहुराबीर से भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. मथुरा से आए कलाकारों ने भव्य तरीके से श्री कृष्ण भगवान, शिव और राधा रानी के स्वरूपों की झांकियों का दर्शन लोगों को करवाए. अद्भुत रूप में सज धज जब यह झांकियां सड़कों पर दिखीं तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया.

सदियों से चली आ रही है परंपरा
यदुवंशी समाज के लोगों का कहना था कि यह पुरानी परंपरा सदियों से चली आ रही है और वे युवा पीढ़ी को इन चीजों को बचाकर रखने के उद्देश्य से इस तरह की शोभायात्रा का आयोजन करते हैं, जिससे लोगों को यह पता चले कि कभी भी जब भी मुसीबत का समय आए तो यदुवंशी समाज के लोग हर स्थिति में लोगों की मदद के लिए तैयार खड़े रहें. इस यात्रा में यदुवंशी समाज के युवा लट्ठबाजी का प्रदर्शन कर अपनी ताकत और कला का भी प्रदर्शन करते हैं.

वाराणसी: जब इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठिका पर उठाया तो दूसरे को न सताने का एक बड़ा संदेश गया. इसी संदेश के साथ आज भी गोवर्धन पूजा के तौर पर श्री कृष्ण को नमन कर इस खास दिन को दीपावली के अगले दिन धूमधाम के साथ मनाया जाता है.

गोवर्धन पूजा की निकाली गई भव्य शोभायात्रा.
इस परंपरा का निर्वहन आज भी धर्म नगरी काशी में बड़े ही अद्भुत तरीके से यहां की सड़कों पर देखने को मिला. सदियों पुरानी परंपरा के अनुरूप यदुवंशी समाज के लोगों ने श्री कृष्ण की तरफ से दिए गए इस संदेश का पालन करते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली और अपनी पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाया.

पढे़ंः-51 सालों से काशी में किया जा रहा है 'निशा पूजा' का आयोजन


47 साल से हो रहा आयोजन
गोवर्धन पूजा के मौके पर बनारस में भव्य शोभायात्रा का आयोजन बीते 47 सालों से हो रहा है. इस आयोजन के तहत सोमवार लहुराबीर से भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. मथुरा से आए कलाकारों ने भव्य तरीके से श्री कृष्ण भगवान, शिव और राधा रानी के स्वरूपों की झांकियों का दर्शन लोगों को करवाए. अद्भुत रूप में सज धज जब यह झांकियां सड़कों पर दिखीं तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया.

सदियों से चली आ रही है परंपरा
यदुवंशी समाज के लोगों का कहना था कि यह पुरानी परंपरा सदियों से चली आ रही है और वे युवा पीढ़ी को इन चीजों को बचाकर रखने के उद्देश्य से इस तरह की शोभायात्रा का आयोजन करते हैं, जिससे लोगों को यह पता चले कि कभी भी जब भी मुसीबत का समय आए तो यदुवंशी समाज के लोग हर स्थिति में लोगों की मदद के लिए तैयार खड़े रहें. इस यात्रा में यदुवंशी समाज के युवा लट्ठबाजी का प्रदर्शन कर अपनी ताकत और कला का भी प्रदर्शन करते हैं.

Intro:वाराणसी: जब इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कहानी उंगली पर उठाया तो एक बड़ा संदेश गया की कभी किसी को सताना नहीं चाहिए और घमंड नहीं करना चाहिए इसी संदेश के साथ आज भी गोवर्धन पूजा के तौर पर श्री कृष्ण को नमन कर इस खास दिन को दीपावली के अगले दिन धूमधाम के साथ मनाया जाता है और इस परंपरा का निर्वहन आज धर्म नगरी काशी में बड़े ही अद्भुत तरीके से यहां की सड़कों पर देखने को मिला सदियों पुरानी परंपरा के अनुरूप यदुवंशी समाज के लोगों ने श्री कृष्ण की तरफ से दिए गए इस संदेश का पालन करते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली और अपनी पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाया.


Body:वीओ-01 दरअसल गोवर्धन पूजा के मौके पर बनारस में भव्य शोभायात्रा का आयोजन बीते 47 सालों से हो रहा है इस आयोजन के तहत आज लहुराबीर से भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया जिसमें मथुरा से आए कलाकारों ने भव्य तरीके से श्री कृष्ण भगवान शंकर राधा रानी के स्वरूपों की झांकियों दर्शन लोगों को करवाएं अद्भुत रूप में सज धज कर ट्रैक्टर पर सवार होकर या झांकियां जब सड़कों पर दिखी तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया.


Conclusion:वीओ-02 यदुवंशी समाज के लोगों का गाना है यह पुरानी परंपरा सदियों से चली आ रही है और हम युवा पीढ़ी को इन चीजों को बचा कर रखने के उद्देश्य से इस तरह की शोभायात्रा का आयोजन करते हैं ताकि लोगों को यह पता चले कि कभी भी जब भी मुसीबत का समय आए तो यदुवंशी समाज के लोग हर स्थिति में लोगों की मदद के लिए तैयार खड़े हैं और इसी संदेश के साथ बड़ी संख्या में यादव समाज के लोगों द्वारा इस शोभायात्रा को बीते कई सालों से निकाला जा रहा है जिसमें यदुवंशी समाज के युवा लठबाजी का प्रदर्शन कर अपनी ताकत और कला का भी प्रदर्शन करते हैं.

बाईट- अशोक यादव, सदस्य, गोवर्धन पूजा समिति
बाईट- शालिनी यादव, आयोजक
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.