वाराणसी: जब इंद्र का घमंड तोड़ने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठिका पर उठाया तो दूसरे को न सताने का एक बड़ा संदेश गया. इसी संदेश के साथ आज भी गोवर्धन पूजा के तौर पर श्री कृष्ण को नमन कर इस खास दिन को दीपावली के अगले दिन धूमधाम के साथ मनाया जाता है.
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47 साल से हो रहा आयोजन
गोवर्धन पूजा के मौके पर बनारस में भव्य शोभायात्रा का आयोजन बीते 47 सालों से हो रहा है. इस आयोजन के तहत सोमवार लहुराबीर से भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया. मथुरा से आए कलाकारों ने भव्य तरीके से श्री कृष्ण भगवान, शिव और राधा रानी के स्वरूपों की झांकियों का दर्शन लोगों को करवाए. अद्भुत रूप में सज धज जब यह झांकियां सड़कों पर दिखीं तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया.
सदियों से चली आ रही है परंपरा
यदुवंशी समाज के लोगों का कहना था कि यह पुरानी परंपरा सदियों से चली आ रही है और वे युवा पीढ़ी को इन चीजों को बचाकर रखने के उद्देश्य से इस तरह की शोभायात्रा का आयोजन करते हैं, जिससे लोगों को यह पता चले कि कभी भी जब भी मुसीबत का समय आए तो यदुवंशी समाज के लोग हर स्थिति में लोगों की मदद के लिए तैयार खड़े रहें. इस यात्रा में यदुवंशी समाज के युवा लट्ठबाजी का प्रदर्शन कर अपनी ताकत और कला का भी प्रदर्शन करते हैं.