वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में विशिष्ट व्याख्यान 'प्राकृतिक खेती' का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मौजूद रहे. बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने की.
प्राकृतिक रूप से करें खेती
कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती जिस पर विभिन्न विद्वानों ने अपनी बात रखी. विद्वानों ने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह से हम आधुनिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं, उससे हमारे स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही है. कई असाध्य रोग बहुत तेजी से फैलने लगे हैं. हम सबको प्राकृतिक रूप से खेती करनी चाहिए. साफ शब्दों में उन्होंने यह कहा कि हमें प्रकृति के साथ रहना चाहिए.
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मुख्य अतिथि के रूप में आचार्य देवव्रत हुए शामिल
मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि हम जितना प्रकृति के साथ रहेंगे, उतना स्वस्थ रहेंगे. उन्होंने देशी गाय के गोबर से किस तरह खाद बना सकते हैं और वह खाद हमारे खेतों के लिए कितनी अधिक उपजाऊ होगी, इन बातों को सबके सामने रखा.
गाय के गोबर से बनी खाद अधिक उपजाऊ
प्रो. उपेन्द्र पाठक ने बताया कि प्राकृतिक खेती पर राज्यपाल ने संपूर्ण राष्ट्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण बात उठाई. देशी गाय के गोबर से खाद बना सकते हैं. देशी गाय की एक महीने की खाद से हम 30 एकड़ भूमि को पुनर्जीवित कर सकते हैं. इस खाद की कीमत भी कम होगी और साथ-साथ हमें अनेक प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिलेगी.