ETV Bharat / state

व्यक्ति जितना प्रकृति के साथ चलेगा उतना स्वस्थ रहेगा: राज्यपाल आचार्य देवव्रत

यूपी के वाराणसी के बीएचयू के वैदिक विज्ञान केंद्र में विशिष्ट व्याख्यान 'प्राकृतिक खेती' का आयोजन किया गया. इसमें गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम जितना प्रकृति के साथ रहेंगे, उतना स्वस्थ रहेंगे.

विशिष्ट व्याख्यान 'प्राकृतिक खेती' कार्यक्रम का आयोजन.
author img

By

Published : Oct 10, 2019, 3:24 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में विशिष्ट व्याख्यान 'प्राकृतिक खेती' का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मौजूद रहे. बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने की.

विशिष्ट व्याख्यान 'प्राकृतिक खेती' कार्यक्रम का आयोजन.

प्राकृतिक रूप से करें खेती
कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती जिस पर विभिन्न विद्वानों ने अपनी बात रखी. विद्वानों ने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह से हम आधुनिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं, उससे हमारे स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही है. कई असाध्य रोग बहुत तेजी से फैलने लगे हैं. हम सबको प्राकृतिक रूप से खेती करनी चाहिए. साफ शब्दों में उन्होंने यह कहा कि हमें प्रकृति के साथ रहना चाहिए.

इसे भी पढ़ें:- बापू का काशी से था खास रिश्ता, बीएचयू के स्थापना दिवस में हुए थे शामिल

मुख्य अतिथि के रूप में आचार्य देवव्रत हुए शामिल
मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि हम जितना प्रकृति के साथ रहेंगे, उतना स्वस्थ रहेंगे. उन्होंने देशी गाय के गोबर से किस तरह खाद बना सकते हैं और वह खाद हमारे खेतों के लिए कितनी अधिक उपजाऊ होगी, इन बातों को सबके सामने रखा.

गाय के गोबर से बनी खाद अधिक उपजाऊ
प्रो. उपेन्द्र पाठक ने बताया कि प्राकृतिक खेती पर राज्यपाल ने संपूर्ण राष्ट्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण बात उठाई. देशी गाय के गोबर से खाद बना सकते हैं. देशी गाय की एक महीने की खाद से हम 30 एकड़ भूमि को पुनर्जीवित कर सकते हैं. इस खाद की कीमत भी कम होगी और साथ-साथ हमें अनेक प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिलेगी.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के वैदिक विज्ञान केंद्र में विशिष्ट व्याख्यान 'प्राकृतिक खेती' का आयोजन किया गया. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मौजूद रहे. बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसकी अध्यक्षता बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने की.

विशिष्ट व्याख्यान 'प्राकृतिक खेती' कार्यक्रम का आयोजन.

प्राकृतिक रूप से करें खेती
कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती जिस पर विभिन्न विद्वानों ने अपनी बात रखी. विद्वानों ने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह से हम आधुनिक खेती की तरफ बढ़ रहे हैं, उससे हमारे स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही है. कई असाध्य रोग बहुत तेजी से फैलने लगे हैं. हम सबको प्राकृतिक रूप से खेती करनी चाहिए. साफ शब्दों में उन्होंने यह कहा कि हमें प्रकृति के साथ रहना चाहिए.

इसे भी पढ़ें:- बापू का काशी से था खास रिश्ता, बीएचयू के स्थापना दिवस में हुए थे शामिल

मुख्य अतिथि के रूप में आचार्य देवव्रत हुए शामिल
मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि हम जितना प्रकृति के साथ रहेंगे, उतना स्वस्थ रहेंगे. उन्होंने देशी गाय के गोबर से किस तरह खाद बना सकते हैं और वह खाद हमारे खेतों के लिए कितनी अधिक उपजाऊ होगी, इन बातों को सबके सामने रखा.

गाय के गोबर से बनी खाद अधिक उपजाऊ
प्रो. उपेन्द्र पाठक ने बताया कि प्राकृतिक खेती पर राज्यपाल ने संपूर्ण राष्ट्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण बात उठाई. देशी गाय के गोबर से खाद बना सकते हैं. देशी गाय की एक महीने की खाद से हम 30 एकड़ भूमि को पुनर्जीवित कर सकते हैं. इस खाद की कीमत भी कम होगी और साथ-साथ हमें अनेक प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिलेगी.

Intro:वाराणसी काशी हिंदू विश्वविद्यालय वैदिक विज्ञान केंद्र में विशिष्ट व्याख्यान "प्राकृतिक खेती" आयोजन किया गया जिस के मुख्य अतिथि राज्यपाल गुजरात आचार्य देवब्रत रहे। बीएचयू के मालवीय मूल्य अनुशीलन केंद्र के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर राकेश भटनागर ने किया।


Body:प्राकृतिक खेती जिस पर विभिन्न विद्वानों ने अपनी बात रखी उनका साफ कहना था कि वर्तमान समय में जिस तरह हम आधुनिक खेती की तरफ बढ़ने और जिससे हमारे स्वास्थ्य में लगातार गिरावट होने से कई असाध्य रोग बहुत तेजी से फैलने हम सबको प्राकृतिक खेती करना चाहिए साफ शब्दों में उन्होंने यह कहा कि हमें प्रकृति के साथ रहना चाहिए।

मुख्य अतिथि राज्यपाल गुजरात आचार्य देवब्रत ने कहा हम जितना प्रकृति के साथ रहेंगे इतना स्वस्थ रहेंगे उन्होंने देशी गाय के गोबर से किस तरह हम कम शास्त्रों में खाद बना सकते हैं और व खाद हमारे खेतों के लिए कितना अधिक उपजाऊ होगा इन बातों को सबके सामने रखा।


Conclusion:प्रो उपेन्द्र पाठक ने बातया प्राकृतिक खेती इस पर महामहिम राज्यपाल जी ने संपूर्ण राष्ट्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण बात उठाया जो भारतीय गाय है उनकी यह विशेषता है कि उनके गोबर और गोमूत्र में वह अद्भुत शक्ति है हम एक देसी गाय के खाद से 1 महीने के खाद से हम 30 एकड़ भूमि को पुनर्जीवित कर सकते हैं और किसी खास को देने की आवश्यकता नहीं है उन्होंने खाद कैसे बनाया जाए इस विधि को भी बहुत ही आसानी से बताया जो हमारे किसानों से हमारे प्रोफेसर और छात्रों के लिए बहुत ही अच्छा था। इस खाद की कीमत भी कम होगी और साथ-साथ हमें अनेक प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिलेगी।

बाईट :-- डॉ उपेन्द्र त्रिपाठी, समन्वयक, वैदिक विज्ञान केंद्र बीएचयू

अशुतोष उपाध्याय
9005099684
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.