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काशीः गोपाष्टमी पर विधि-विधान से हुआ गो माता का पूजन - गोपाष्टमी पर विधि विधान से हुआ गो माता का पूजन

देश भर में आज गोपाष्टमी का पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जा रहा है. धर्म और आस्था की नगरी काशी में गोपाष्टमी के अवसर पर विभिन्न गोशालाओं में पूरे विधि-विधान से गोमाता का पूजन किया गया.

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Published : Nov 4, 2019, 12:44 PM IST

वाराणसीः कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी उत्सव बड़े धूमधाम से पूरे देश भर में मनाया जा रहा है. जिले के दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में गोपाष्टमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गोपाष्टमी की शाम को जब गायें घास चरकर वापस आने पर उनका पंचोपचार पूजन करके भोजन देने और उनकी चरण रज को माथे पर धारण करने से सौभाग्य की वृद्धि होती है.

विधि-विधान से हुआ गो माता का पूजन.

गो माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास
गो माता को सुबह स्नान कराने के बाद उन्हें श्वेत वस्त्रों से सजाया गया. उसके साथ ही वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ पांच ब्राह्मणों ने गोपाष्टमी का पूजन कराया, जिसमें गो माता को अक्षत, चंदन, रोली, घी, शहद, दूध, मीठा, फल चढ़ाया गया. सनातन धर्म में गो माता के अंदर 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना जाता है. ऐसे में लोगों ने गो माता की पूजा के साथ 33 कोटि देवी देवताओं का पूजन-पाठ किया. पूरा धर्मसंघ प्रांगण महादेव के उद्घोष से गूंज उठा.

गोपाष्टमी के अवसर पर हम लोगों ने पूरे विधि-विधान से मंत्रोच्चारण के बीच गो माता की पूजा की. सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि गो माता में 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं.
- मनोरमा देवी,श्रद्धालु

वाराणसीः कार्तिक मास के शुक्लपक्ष की अष्टमी को गोपाष्टमी उत्सव बड़े धूमधाम से पूरे देश भर में मनाया जा रहा है. जिले के दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में गोपाष्टमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गोपाष्टमी की शाम को जब गायें घास चरकर वापस आने पर उनका पंचोपचार पूजन करके भोजन देने और उनकी चरण रज को माथे पर धारण करने से सौभाग्य की वृद्धि होती है.

विधि-विधान से हुआ गो माता का पूजन.

गो माता में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास
गो माता को सुबह स्नान कराने के बाद उन्हें श्वेत वस्त्रों से सजाया गया. उसके साथ ही वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ पांच ब्राह्मणों ने गोपाष्टमी का पूजन कराया, जिसमें गो माता को अक्षत, चंदन, रोली, घी, शहद, दूध, मीठा, फल चढ़ाया गया. सनातन धर्म में गो माता के अंदर 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना जाता है. ऐसे में लोगों ने गो माता की पूजा के साथ 33 कोटि देवी देवताओं का पूजन-पाठ किया. पूरा धर्मसंघ प्रांगण महादेव के उद्घोष से गूंज उठा.

गोपाष्टमी के अवसर पर हम लोगों ने पूरे विधि-विधान से मंत्रोच्चारण के बीच गो माता की पूजा की. सनातन धर्म में ऐसी मान्यता है कि गो माता में 33 कोटि देवी-देवता निवास करते हैं.
- मनोरमा देवी,श्रद्धालु

Intro: धर्म और आस्था का शहर काशी में आज गोपाष्टमी के अवसर पर जिले के विभिन्न गौशालाओं में पूरे विधि विधान से गौ माता का पूजन किया गया उनकी आरती उतारी गई। सनातन धर्म कल्याण के लिए गौ माता से आशीर्वाद लिया गया।


Body:जिले के दुर्गाकुंड स्थित धर्म संघ में गोपाष्टमी का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गौमाता को सुबह स्नान कराने के बाद उन्हें श्वेत वस्त्रों से सजाया गया। उसके साथ ही वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ पांच ब्राह्मणों गोपाष्टमी के पूजन को कराया जिसमे गौ माता को अक्षत, चंदन,रोली, घी, शहद, दूध, मीठा, फल,चढ़ाया, गया। सनातन धर्म में गौ माता में 33 कोटि देवी देवताओं का वास माना जाता है। ऐसे में लोगों ने आज गौ माता की पूजा के साथ 33 कोटि देवी देवताओं का पूजन पाठ किया। वही दिव्य आरती किया गया आरती किया। महादेव के उद्घोष से पूरा परिषद गुज उठा।


Conclusion:मनोरमा देवी ने बताया आज गोपाष्टमी है हम लोगों ने पूरे विधि-विधान से मंत्रों के बीच चंदन अक्षत कुमकुम लगाकर गौ माता का पूजा किया क्योंकि हमारे सनातन धर्म गौमाता में 33 कोटि देवी-देवताओं निवास करते हैं। आज हम लोगों ने गौ माता के पूजन के साथ 33 कोटि देवी देवताओं का पूजन पाठ किया।

बाईट :-- मनोरमा देवी,श्रद्धालु

अशुतोष उपाध्याय
9005099684
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