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रैन बसेरों की दशा पर हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, विश्वविद्यालय के छात्रों ने दाखिल की जनहित याचिका - ALLAHABAD HIGH COURT

इलाहाबाद विधि के छात्रों ने जनहित याचिका दाखिल करके रैन बसेरों की दशा सुधारने की मांग की है.

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इलाहाबाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 11, 2025, 7:23 PM IST

Updated : Feb 11, 2025, 7:30 PM IST

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रयागराज के रैन बसेरों की दशा पर जवाब मांगा है. जवाब के लिए सरकार को छह सप्ताह का समय दिया गया है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने देश के विभिन्न विश्विद्यालय में अध्ययनरत ह्यूमन राइट्स लीगल नेटवर्क में इंटर्नशिप कर रहे विधि छात्रों की जनहित याचिका पर दिया है.

अनुष्का सिंह, स्वयं श्रीवास्तव, राज सिंह, ओजस्वी जायसवाल, आदित्य सोरेन, अक्षत, दिलीप व पुष्पराज की ओर से प्रयागराज के रैन बसेरों की खस्ता हालात पर एक विस्तृत फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के आधार पर दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि विधि छात्र-छात्राओं की टीम ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में यह बताया कि रैन बसेरों में बेघर लोगो के रहने एवं खाने की सुविधा मुहैया कराने का दायित्व राज्य सरकार का है लेकिन प्रयागराज के रैन बसेरों में बिना आईडी कार्ड के प्रवेश नहीं दिया जाता है.

इन रैन बसेरों में सिर्फ पुलिसकर्मी रुक रहे हैं. साथ ही इन रैन बसेरों में रहने, खाने, आकस्मिक स्वास्थ्य व बाथरूम की सुविधा निम्न स्तर की है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रयागराज के रैन बसेरों की दशा पर जवाब मांगा है. जवाब के लिए सरकार को छह सप्ताह का समय दिया गया है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने देश के विभिन्न विश्विद्यालय में अध्ययनरत ह्यूमन राइट्स लीगल नेटवर्क में इंटर्नशिप कर रहे विधि छात्रों की जनहित याचिका पर दिया है.

ये भी पढ़ें- UP में कल रहेगा सार्वजनिक अवकाश, संत रविदास जयंती पर बंद रहेंगे सभी ऑफिस और स्कूल-कॉलेज

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रयागराज के रैन बसेरों की दशा पर जवाब मांगा है. जवाब के लिए सरकार को छह सप्ताह का समय दिया गया है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने देश के विभिन्न विश्विद्यालय में अध्ययनरत ह्यूमन राइट्स लीगल नेटवर्क में इंटर्नशिप कर रहे विधि छात्रों की जनहित याचिका पर दिया है.

अनुष्का सिंह, स्वयं श्रीवास्तव, राज सिंह, ओजस्वी जायसवाल, आदित्य सोरेन, अक्षत, दिलीप व पुष्पराज की ओर से प्रयागराज के रैन बसेरों की खस्ता हालात पर एक विस्तृत फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट के आधार पर दाखिल जनहित याचिका में कहा गया है कि विधि छात्र-छात्राओं की टीम ने अपनी फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में यह बताया कि रैन बसेरों में बेघर लोगो के रहने एवं खाने की सुविधा मुहैया कराने का दायित्व राज्य सरकार का है लेकिन प्रयागराज के रैन बसेरों में बिना आईडी कार्ड के प्रवेश नहीं दिया जाता है.

इन रैन बसेरों में सिर्फ पुलिसकर्मी रुक रहे हैं. साथ ही इन रैन बसेरों में रहने, खाने, आकस्मिक स्वास्थ्य व बाथरूम की सुविधा निम्न स्तर की है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से प्रयागराज के रैन बसेरों की दशा पर जवाब मांगा है. जवाब के लिए सरकार को छह सप्ताह का समय दिया गया है. यह आदेश मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने देश के विभिन्न विश्विद्यालय में अध्ययनरत ह्यूमन राइट्स लीगल नेटवर्क में इंटर्नशिप कर रहे विधि छात्रों की जनहित याचिका पर दिया है.

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Last Updated : Feb 11, 2025, 7:30 PM IST
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