वाराणसी: जिले के रामनाथ चौधरी सोच संस्थान वाटिका सुंदरपुर में स्वर्ण शताब्दी वैदिक धर्म महासम्मेलन का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ सूर्य उदय के साथ पाणिनी कन्या महाविद्यालय की छात्राओं ने प्राणायाम और युग ध्यान से किया. वहीं, ध्वजारोहण आर्य समाज के संरक्षक एमडीएच मसाले के संस्थापक पद्म भूषण महाशय धर्मपाल ने किया. इसके बाद समस्त विश्व में शांति के लिए यज्ञ किया गया, जिसमें वैदिक मंत्रों के उच्चारण के साथ आहुति दी गई.
स्वामी दयानंद सरस्वती शास्त्रार्थ के 150 वर्ष-
- धर्म और आध्यात्म की नगरी काशी से विदेश के हर विभूति गहरा नाता रहा है.
- शुक्रवार को 150 वर्ष पूर्व ऋषि दयानंद काशी में आए और शास्त्रार्थ किया.
- आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती के शास्त्रार्थ के 150 वर्ष पूरे हो गए हैं.
- शास्त्रार्थ के 150 वर्ष पूरे होने पर स्वर्ण शताब्दी वैदिक धर्म महासम्मेलन का आयोजन किया गया.
- महासम्मेलन 3 दिवसीय है, जिसमें देश सहित विदेश आर्य समाज के संत साधु सम्मिलित थे.
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काशी स्वर्ण शताब्दी वैदिक धर्म महासम्मेलन का आज उद्घाटन सत्र है. इसमें सबसे पहले यज्ञ किया गया है. यजुर्वेद की अध्याय से आहुतियां दी गई हैं. इसके बाद ध्वजारोहण किया गया. इसके साथ तीन दिवसीय स्वामी शताब्दी वैदिक धर्म महासम्मेलन का शुभारंभ हुआ.
-स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती, महामंत्री, आर्य प्रतिनिधि सभा