वाराणसीः प्रदूषण रोकने के लिए पटाखों और पराली जलाने पर रोक लगाई गई हैं. लेकिन, जिले की सीएचसी चोलापुर परिसर में कूड़ा जलाया जा रहा है. कमाल की बात ये है कि वाराणसी प्रदेश के 13 अत्याधिक प्रदूषण वाले जिलों में शामिल है.
पटाखों पर लगी थी रोक
जिले में दिवाली पर पटाखों पर रोक लगी थी. इस पर कुछ दुकानदार और थोक व्यापारियों ने नाराजगी जाहिर की थी. लेकिन, सीएचसी चोलापुर परिसर के अंदर अस्पताल परिसर से निकलने वाले गंदगी को एकत्रित कर जलाने पर अंकुश नहीं लग पा रहा.
मिला है कायाकल्प पुरस्कार
सीएचसी चोलापुर को लगातार चौथी बार कायाकल्प पुरस्कार मिल चुका है. इसी माह की 9 तारीख को उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह मातृत्व सुरक्षा दिवस पर सीएचसी चोलापुर का निरीक्षण करने के लिए गए थे.
खुले में जलाया जा रहा कूड़ा
खुले में कूड़ा जलाए जाने को लेकर सीएचसी अधीक्षक आरबी यादव से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कोविड-19 की जांच में प्रयोग होने वाली किट को नष्ट करने के लिए उसे जलाना होता है. उनसे पूछा गया कि परिसर के अंदर मौजूद मरीजों को इस धुएं से दिक्कत होती है. इसके साथ ही परिसर की अन्य गंदगी और प्लास्टिक को भी जलाया जा रहा है। इस पर उन्होंने कहा कि यहां कूड़ा ले जाने के लिए गाड़ियां आती हैं. यदि मेरी गैर मौजूदगी में किसी ने कूड़ा जला दिया होगा तो जानकारी नहीं है.