वाराणसी: अति रूद्र महायज्ञ संपूर्ण होने के अवसर पर अवधूत दत्त पीठम के पीठाधिपति जगद्गुरु श्री गणपति सच्चिदानंद स्वामी ने भक्तों से कहा कि जीवों को भवसागर पार कराने वाली नाव 'अति रुद्रम' चल पड़ी है, जो भी इसमें सवार होगा वह लोभ, मोह, काम, क्रोध, ताप समेत सभी बाधाओं को पार कर उतर जाएगा.
श्रद्धालुओं का मन हुआ प्रसन्न
महा पूर्णाहुति के बाद श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते हुए स्वामी जी ने कहा कि काशी में अति रुद्र महायज्ञ का आयोजन अत्यंत सफल रहा. यहां आकर सभी श्रद्धालुओं का मन प्रसन्न हुआ है. कुछ भक्तों ने आकर मुझसे बोला कि स्वामी जी वापस जाने का मन नहीं है. यही रहने का मन है. किराए का एक कमरा लेकर ही रहना चाहते हैं. यह अच्छी बात है. इस प्रकार का परिवर्तन होना हमारे जीवन में अच्छी बात है. इसलिए जीवन में यात्रा जरूर करना है.
विदेशों से श्रद्धालु आएं बनारस
स्वामी ने कहा कि यात्रा में भगवान त्याग बुद्धि देता है. भगवान दान करने की बुद्धि देते हैं. इस आयोजन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग यहां आए हैं. तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर के अलावा विदेश से भी लोग आए हैं.
अवधूत दत्त पीठम के सारे प्रतिनिधि हुए शामिल
अवधूत दत्त पीठम के सारे प्रतिनिधि तो यहां इस यज्ञ में बैठे हैं. यहां सभी शामिल हुए हैं. हम सभी लोग एक ही नाव पर चल रहे हैं. अति रुद्रम एक नाव है जो जीवों को भवसागर पार कराने के लिए चल पड़ी है. इसमें हम सब लोग सवार हैं. सत्य और गुरु कृपा रूपी यह नाव चल पड़ी है, इसमें जो-जो सवार होगा वह भव सागर पार हो जाएगा.
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सभी तीर्थों के दर्शन का सौभाग्य हुआ पूरा
उन्होंने कहा कि पाप, क्रोध, मोह, लोभ, ताप मिटाने वाली यह नाव गुरु के चरण की शरण प्राप्त कर चुकी है. गुरु चरण के दर्शन से सभी तीर्थों के दर्शन का सौभाग्य पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि जीवन में भगवान हमें हर क्षण अपनी उपस्थिति और विद्यमानता का बोध कराते हैं. हम अगर उन्हें पहचान सके उनके साथ अपना रिश्ता जोड़ सकें तो जीवन में हमारी नाव भी चल पड़ेगी.