वाराणसी: धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में भारतीय लड़की ने विदेशी लड़के से हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर ली. मां गंगा की पावन गोद में एक बड़ी नाव पर उनका विवाह संपन्न कराया गया. फ्रांस के रोमन ने भारतीय दूल्हे की तरह पोशाक धारण की. वहीं अहमदाबाद की धरती ने भी भारतीय दुल्हन की तरह चुन्नी के साथ लाल साड़ी पहनी.
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अहमदाबाद की धरती पिछले 1 वर्ष से काशी में रह रही हैं. रोमन 1 साल पहले फ्रांस से काशी घूमने आए थे. इसके बाद रोमन से इनकी दोस्ती हो गई. दोस्ती इतनी गहरा गई कि दोनों ने एक दूसरे को अपना जीवनसाथी बनाने का फैसला कर लिया.
भारतीय परंपरा से हुई शादी
हिंदू रीति रिवाज के अनुसार होने वाले विवाह में होने वाली मेहंदी, हल्दी की सारी रस्में एक होटल में निभाई गईं. भारतीय परंपरा के अनुसार ताक-पात से विवाह प्रारंभ हुआ. रोमन ने धरती को मंगलसूत्र पहनाया. कन्यादान और सात फेरे के बाद विवाह संपन्न हुआ. लगभग 3 घंटे तक भारतीय परंपरा के अनुसार विवाह की रस्मों को पूर्ण कराया गया. काशी के विद्वान ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार के साथ विवाह की रस्में और वचन बोले.
मां गंगा से है बेहद प्यार
नवविवाहित धरती ने बताया कि मैं मूल रूप से अहमदाबाद की हूं. मगर अब मैं काशी की हो गई हूं. मैंने रोमन से विवाह किया है. मेरी रोमन से मुलाकात वाराणसी में हुई थी. कुछ महीने पहले हम लोगों ने विवाह करने का फैसला लिया. मुझे मां गंगा से बहुत ही प्यार है. इसलिए मैंने अपना विवाह मां गंगा की गोद में किया है.
हिंदू रीति के बारे में बताती रही दुल्हन
धरती ने बताया कि मैंने शादी के बारे में ज्यादा कुछ सोचा नहीं था, लेकिन परमात्मा की जैसी इच्छा होती है वैसा ही होता है. मैंने रोमन को अपने हिंदू रीति रिवाजों के बारे में बताया. शादी के समय भी समय-समय पर मैं रोमन को सारी चीजें बता रही. उसे बताया कि वचन क्या होते हैं, फेरे क्यों लिए जाते हैं, सिंदूर क्यों लगाया जाता है.
गंगा घाट से है प्यार
फ्रांस के रोमन ने बताया कि इस प्रकार के विवाह से मैं बहुत खुश हूं. मुझे गंगा घाट और गंगा पर बहुत ही शांति मिलती है. मैं यहीं पर धरती से मिला था. बहुत जल्दी हम लोग नजदीक आ गए. मुझे आज बहुत ही अच्छा लग रहा है.