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वाराणसी: संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मनाई गई गणेश चतुर्थी - वाराणसी खबर

यूपी के वाराणसी जिले में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गणेश चतुर्थी पर्व मनाया गया. इस अवसर पर कुलपति ने विश्व कल्याण के अभ्युदय एवं मंगल कामना हेतु विधि-विधान पूर्वक पूजन-अर्चन किया. कुलपति ने सर्व मंगल की कामना भी की.

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संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मनाई गई गणेश चतुर्थी.
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Published : Aug 22, 2020, 3:38 PM IST

वाराणसी: जिले के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गणेश चतुर्थी पर्व मनाया गया. विश्व कल्याण व कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए विश्वविद्यालय परिसर के गणेश मंदिर में पूजन-अर्चन कर सर्व मंगल की कामना की गई. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के अति प्राचीन गणेश मंदिर में शनिवार को गणेश चतुर्थी पर कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ल ने विश्व कल्याण के अभ्युदय एवं मंगल कामना हेतु विधि-विधान पूर्वक पूजन-अर्चन किया.

इस दौरान कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ला ने बताया कि गणेश पूजन से घर में सुख समृद्धि एवं बुद्धि विवेक की भी वृद्धि होती है. गणेश पूजन की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन ही भगवान शिव के गण हाथी का शीश लेकर कैलाश पहुंच गए थे. तब हाथी का शीश लगाकर भगवान शिव ने गणेश चतुर्थी को गणेश जी को पुनर्जीवित किया था. इसलिए आज के दिन यह महापर्व मनाया जाता है. गणेश को सभी देवताओं में प्रथम पूज्य माना गया है. इसलिए गणपति बप्पा को अपने घर में लाकर स्थापित करने से सारी बाधाएं दूर होती हैं.

उन्होंने कहा कि इस वर्ष यह महापर्व वर्तमान परिस्थिति में कोरोना संक्रमण को नष्ट करने एवं संपूर्ण विश्व को इससे मुक्ति प्राप्त होने, सुख शांति और समृद्धि के उद्देश्य से मनाया गया है. यह पूजन नियमित चलेगा. हम सब विघ्नहर्ता से यही कामना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द हमारा देश इससे मुक्त हो जाए. उन्होंने बताया कि सदैव महामारी की परिस्थिति में दवा के साथ-साथ जप-तप भी करना चाहिए. पूजन-अर्चन का बहुत महत्व है.

वाराणसी: जिले के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में गणेश चतुर्थी पर्व मनाया गया. विश्व कल्याण व कोरोना वायरस से मुक्ति के लिए विश्वविद्यालय परिसर के गणेश मंदिर में पूजन-अर्चन कर सर्व मंगल की कामना की गई. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के अति प्राचीन गणेश मंदिर में शनिवार को गणेश चतुर्थी पर कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ल ने विश्व कल्याण के अभ्युदय एवं मंगल कामना हेतु विधि-विधान पूर्वक पूजन-अर्चन किया.

इस दौरान कुलपति प्रोफेसर राजा राम शुक्ला ने बताया कि गणेश पूजन से घर में सुख समृद्धि एवं बुद्धि विवेक की भी वृद्धि होती है. गणेश पूजन की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, आज के दिन ही भगवान शिव के गण हाथी का शीश लेकर कैलाश पहुंच गए थे. तब हाथी का शीश लगाकर भगवान शिव ने गणेश चतुर्थी को गणेश जी को पुनर्जीवित किया था. इसलिए आज के दिन यह महापर्व मनाया जाता है. गणेश को सभी देवताओं में प्रथम पूज्य माना गया है. इसलिए गणपति बप्पा को अपने घर में लाकर स्थापित करने से सारी बाधाएं दूर होती हैं.

उन्होंने कहा कि इस वर्ष यह महापर्व वर्तमान परिस्थिति में कोरोना संक्रमण को नष्ट करने एवं संपूर्ण विश्व को इससे मुक्ति प्राप्त होने, सुख शांति और समृद्धि के उद्देश्य से मनाया गया है. यह पूजन नियमित चलेगा. हम सब विघ्नहर्ता से यही कामना कर रहे हैं कि जल्द से जल्द हमारा देश इससे मुक्त हो जाए. उन्होंने बताया कि सदैव महामारी की परिस्थिति में दवा के साथ-साथ जप-तप भी करना चाहिए. पूजन-अर्चन का बहुत महत्व है.

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