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वाराणसी में पूर्व विधायक गोरख पासवान ने रोकी थी ट्रेन, कोर्ट ने सुनाई 3 महीने की सजा

वाराणसी की एसीजेएम एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व विधायक गोरख पासवान को दोषी करार देते हुए तीन माह की सजा सुनाई है.

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पूर्व विधायक गोरख पासवान को एमपी एमएलए कोर्ट ने सुनाई 3 महीने की सजा
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Published : Aug 8, 2022, 8:51 PM IST

वाराणसी: बलिया जनपद की बेल्थरा रोड विधानसभा के पूर्व विधायक गोरख पासवान को कोर्ट ने दोषी माना है. सोमवार को एसीजेएम एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल पहले एक ट्रेन को रोके जाने के मामले में पूर्व विधायक को दोषी करार देते हुए तीन माह की सजा और साढ़े चार हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

बता दें कि पूर्व विधायक पहले समाजवादी पार्टी में थे. लेकिन वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. अभियोजन पक्ष के अनुसार आरपीएफ मऊ के सब इंस्पेक्टर डीके शर्मा ने अप्रैल 2012 में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि 4 अप्रैल 2012 को वाराणसी से गोरखपुर रेल प्रखंड पर बनकरा गांव के समीप रेल फाटक बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने इंटरसिटी ट्रेन को बेल्थरा रोड और किड़िहरापुर रेलवे स्टेशन के बीच रोक दिया था.

जिसकी वजह से ट्रेन लगभग 18 मिनट तक वहां रुकी रही थी. उस समय ट्रेन रोकने वाले ग्रामीणों का नेतृत्व सपा विधायक गोरख पासवान ने किया था. शिकायत के आधार पर विधायक और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. अदालत में छह गवाह पेश किए गए. इसके बाद साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी पूर्व विधायक को दोषी पाते हुए सजा सुनाई.

यह भी पढ़ें-ऑनर किलिंग मामले में पिता-पुत्र सहित तीन को आजीवन कारावास

कोर्ट में मौजूद सब इंस्पेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने बताया कि बेल्थरा रोड से सपा के विधायक रहे गोरख पासवान समेत 7 लोगों के खिलाफ रेल परिचालन को अनाधिकृत रूप से बाधित करने का आरोप लगा था. आरोप के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था. अदालत में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजन अधिकारी केके मिश्रा ने कोर्ट में पैरवी की.

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वाराणसी: बलिया जनपद की बेल्थरा रोड विधानसभा के पूर्व विधायक गोरख पासवान को कोर्ट ने दोषी माना है. सोमवार को एसीजेएम एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल पहले एक ट्रेन को रोके जाने के मामले में पूर्व विधायक को दोषी करार देते हुए तीन माह की सजा और साढ़े चार हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

बता दें कि पूर्व विधायक पहले समाजवादी पार्टी में थे. लेकिन वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. अभियोजन पक्ष के अनुसार आरपीएफ मऊ के सब इंस्पेक्टर डीके शर्मा ने अप्रैल 2012 में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी. उनका आरोप था कि 4 अप्रैल 2012 को वाराणसी से गोरखपुर रेल प्रखंड पर बनकरा गांव के समीप रेल फाटक बनाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने इंटरसिटी ट्रेन को बेल्थरा रोड और किड़िहरापुर रेलवे स्टेशन के बीच रोक दिया था.

जिसकी वजह से ट्रेन लगभग 18 मिनट तक वहां रुकी रही थी. उस समय ट्रेन रोकने वाले ग्रामीणों का नेतृत्व सपा विधायक गोरख पासवान ने किया था. शिकायत के आधार पर विधायक और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. अदालत में छह गवाह पेश किए गए. इसके बाद साक्ष्यों और तथ्यों के आधार पर अदालत ने आरोपी पूर्व विधायक को दोषी पाते हुए सजा सुनाई.

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कोर्ट में मौजूद सब इंस्पेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने बताया कि बेल्थरा रोड से सपा के विधायक रहे गोरख पासवान समेत 7 लोगों के खिलाफ रेल परिचालन को अनाधिकृत रूप से बाधित करने का आरोप लगा था. आरोप के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया था. अदालत में अभियोजन की ओर से लोक अभियोजन अधिकारी केके मिश्रा ने कोर्ट में पैरवी की.

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