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सात समंदर पार से आए विदेशी जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाज से किया विवाह

एक विदेशी प्रेमी जोड़े ने काशी में भारतीय रीति-रिवाज से शादी की है. नवविवाहित दंपति का कहना है कि उन्हें काशी इतनी भा गई कि दोनों ने यहीं शादी करने की योजना बनाई.

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विदेशी जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाज से किया विवाह.
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Published : Dec 13, 2019, 12:59 PM IST

Updated : Dec 13, 2019, 2:39 PM IST

वाराणसी: देश की आध्यात्मिक राजधानी कही जाने वाली काशी अपने-आप में एक बड़ी सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए है. काशी के घाट, मंदिर और पवित्र गंगा की अविरल धारा देश ही नहीं विदेशियों को भी अनायस ही अपनी ओर आकर्षित करती है. तभी तो एक विदेशी प्रेमी युगल को काशी इतनी भा गई कि उसने यहीं पर शादी करने की जिद ठान ली.

विदेशी जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाज से किया विवाह.

भारतीय रीति-रिवाज से की शादी
विदेशी चमक-धमक से दूर रेयूनियां के लोद्रियां और फ्रांस की मारिन ने बनारस में आकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति से जीवन भर के लिए एक-दूसरे का दामन थामा. 3 घंटे के वैवाहिक कार्यक्रम में हर रीति-रिवाज का पालन किया गया, जो एक भारतीय शादी में होती है. मसलन ताक पात, सिंदूर दान, फेरे और कन्यादान आदि जैसे मुख्य नियमों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. ये विदेशी प्रेमी जोड़े भारतीय संस्कृति के अनुसार शादी के बंधन में बंधकर काफी खुश थे. आपको बता दें कि विदेशी जोड़े को 14 महीने का एक बेटा भी है

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जिंदगी भर के लिए थामा एक-दूसरे का दामन.
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एक दूसरे को माला पहनाते दूल्हा-दुल्हन.

भा गई थी काशी की सुन्दरता
वाराणसी के शिवाला इलाके में रेयूनियां के लोद्रियां और फ्रांस की मारिन ने एक दूसरे के साथ भारतीय परंपरा के अनुसार शादी की. लोद्रियां ने बताया कि 5 सालों से वे मारिन के साथ प्रेम संबंध में थे और लगभग 5 बार भारत आ चुके हैं, लेकिन काशी में घूमने आए तो यहां की सभ्यता संस्कृति और यहां का अंदाज काफी पसंद आया, तभी से दोनों ने काशी में विवाह करने की योजना बनाई थी.

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वैदिक मंत्रोंचारण से संपन्न हुआ विवाह.

रेयूनियां में होती है शिव और काली की पूजा
डॉ. अनिल चतुर्वेदी ने बताया लोद्रियां रेयूनियां के रहने वाले हैं, जहां काफी संख्या में भारतीय रहते हैं और वहां काली पूजा के साथ शिव पूजा भी की जाती है. ये सारी खूबियां देखने के बाद जब वो भारत आए तो यहां की संस्कृति ने उनका मन मोह लिया. खासकर काशी में आकर वो काफी प्रभावित हुए और फिर यहीं पर शादी करने की ठानी.

यह भी पढ़ें- 14 दिसंबर के कार्यक्रमों का जायजा लेने कानपुर पहुंचे सीएम योगी, सेल्फी प्वाइंट का किया उद्घाटन

वाराणसी: देश की आध्यात्मिक राजधानी कही जाने वाली काशी अपने-आप में एक बड़ी सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए है. काशी के घाट, मंदिर और पवित्र गंगा की अविरल धारा देश ही नहीं विदेशियों को भी अनायस ही अपनी ओर आकर्षित करती है. तभी तो एक विदेशी प्रेमी युगल को काशी इतनी भा गई कि उसने यहीं पर शादी करने की जिद ठान ली.

विदेशी जोड़े ने हिंदू रीति-रिवाज से किया विवाह.

भारतीय रीति-रिवाज से की शादी
विदेशी चमक-धमक से दूर रेयूनियां के लोद्रियां और फ्रांस की मारिन ने बनारस में आकर भारतीय सभ्यता और संस्कृति से जीवन भर के लिए एक-दूसरे का दामन थामा. 3 घंटे के वैवाहिक कार्यक्रम में हर रीति-रिवाज का पालन किया गया, जो एक भारतीय शादी में होती है. मसलन ताक पात, सिंदूर दान, फेरे और कन्यादान आदि जैसे मुख्य नियमों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ. ये विदेशी प्रेमी जोड़े भारतीय संस्कृति के अनुसार शादी के बंधन में बंधकर काफी खुश थे. आपको बता दें कि विदेशी जोड़े को 14 महीने का एक बेटा भी है

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जिंदगी भर के लिए थामा एक-दूसरे का दामन.
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एक दूसरे को माला पहनाते दूल्हा-दुल्हन.

भा गई थी काशी की सुन्दरता
वाराणसी के शिवाला इलाके में रेयूनियां के लोद्रियां और फ्रांस की मारिन ने एक दूसरे के साथ भारतीय परंपरा के अनुसार शादी की. लोद्रियां ने बताया कि 5 सालों से वे मारिन के साथ प्रेम संबंध में थे और लगभग 5 बार भारत आ चुके हैं, लेकिन काशी में घूमने आए तो यहां की सभ्यता संस्कृति और यहां का अंदाज काफी पसंद आया, तभी से दोनों ने काशी में विवाह करने की योजना बनाई थी.

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वैदिक मंत्रोंचारण से संपन्न हुआ विवाह.

रेयूनियां में होती है शिव और काली की पूजा
डॉ. अनिल चतुर्वेदी ने बताया लोद्रियां रेयूनियां के रहने वाले हैं, जहां काफी संख्या में भारतीय रहते हैं और वहां काली पूजा के साथ शिव पूजा भी की जाती है. ये सारी खूबियां देखने के बाद जब वो भारत आए तो यहां की संस्कृति ने उनका मन मोह लिया. खासकर काशी में आकर वो काफी प्रभावित हुए और फिर यहीं पर शादी करने की ठानी.

यह भी पढ़ें- 14 दिसंबर के कार्यक्रमों का जायजा लेने कानपुर पहुंचे सीएम योगी, सेल्फी प्वाइंट का किया उद्घाटन

Intro:
यह शादी कहीं विदेश में नहीं बल्कि धर्म और अध्यात्म के शहर काशी में हो रही हैं हम आपको बता दें भारतीय सभ्यता और संस्कृति किसी विदेशी को इतना भा सकता है कि वो भारतीय संस्कृति के मुताबिक विवाह करने के लिए लंबे अरसे से इंतजार करते रहे और आज भारतीय वैवाहिक परंपरा के अनुसार एक दूसरे के बंधन में बंध गए। 3 घंटे के वैवाहिक कार्यक्रम में हरेक रीति रिवाज का पालन किया गया जो एक भारतीय शादी में होती है। मसलन ताक पात, सिंदूर दान, फेरे और कन्यादान आदि जैसे मुख्य नियमों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। ये विदेशी प्रेमी जोड़े भारतीय संस्कृति के अनुसार शादी के बंधन में बनंधकर काफी खुश थे। आपको बता दें कि विदेशी जोड़े को 14 महीने का एक बेटा भी है।



Body:वाराणसी के शिवाला इलाके में रेयूनियाँ के लोद्रियाँ और फ्रांस की मारिन ने एक दूसरे के साथ भारतीय परंपरा के अनुसार शादी की।


लोद्रियाँ ने बताया कि 5 सालों से वे मारिन के साथ प्रेम संबंध में थे और लगभग 5 बार भारत आ चुके हैं। लेकिन काशी में घूमने आए तो यहां की सभ्यता संस्कृति और यहां का अंदाज काफी पसंद आयातभी से दोनों ने काशी में विवाह करने की योजना बनाई थी।

बाईट : लोद्रियाँ, निवासी रेयूनियाँ


Conclusion:डॉ अनिल चतुर्वेदी ने बताया लोद्रियाँ रेयूनियाँ के रहने वाले हैं जहां काफी संख्या में भारतीय रहते हैं और वहां काली पूजा शिव पूजा भी की जाती है। ये सारी खूबियां देखने के बाद जब वो भारत आये तो यहां की संस्कृति ने उनका मन मोह लिया खासकर काशी में आकर वो काफी प्रभावित हुए और फिर यहीं पर शादी करने की ठानी।

बाईट : डॉ अनिल चतुर्वेदी,पंडित

आशुतोष उपाध्याय
7007459303
Last Updated : Dec 13, 2019, 2:39 PM IST
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