वाराणसी: गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ोतरी पर है. गंगा पूरी तरह से अपने तटीय क्षेत्र के नजदीक रिहायशी इलाकों में प्रवेश कर गई है. गंगा से ज्यादा तबाही वरुणा नदी(Varuna River) मचा रही है. काफी बड़ी संख्या में लोग वरुणा नदी पार के क्षेत्रों से पलायन कर रहे हैं. सरैया, पुल कोहना, पुराना पुल समेत तमाम इलाके पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में हैं. तेजी से गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी के कारण गंगा से सटे तमाम इलाकों और गलियों में अब नावे चलने लगी हैं.
अस्सी घाट पर गंगा का जलस्तर बढ़ने (Ganga water level at Assi Ghat) ) के कारण सड़क पर पानी बह रहा है जबकि दशाश्वमेध घाट पर गंगा सब्जी मंडी से आगे बढ़ते हुए सड़क तक आ चुकी है. मणिकर्णिका घाट पर सतुआ बाबा आश्रम के पास तक पानी पहुंच गया है और मणिकर्णिका घाट के रास्ते विश्वनाथ धाम के अंदर भी पानी प्रवेश कर रहा है. हालांकि मुख्य द्वार से अभी गंगा लगभग 10 सीढ़ी नीचे है क्योंकि उच्चतम बाढ़ स्तर पर बनाए जाने की वजह से गंगा का जलस्तर विश्वनाथ धाम के मुख्य चौक में प्रवेश नहीं कर पाया है लेकिन मणिकर्णिका पर बने पीछे के रास्ते पर गंगा विश्वनाथ धाम में प्रवेश कर गई है. (Rising water on Ghats of Banaras)
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राहत सामग्री का वितरण: बाढ़ राहत शिविरों में आज वितरित 1050 पैकेट दूध पैकेट 1050, केला 1100 के साथ ही 745 खाद्यान्न सामग्री के राहत किट वितरित किए गए. राहत केन्द्रों पर रह रही महिलाओं,किशोरियों को वितरित डिग्निटी किट 318 व शिविरों हेतु कुल 40 मेडिकल टीम गठित किए गए हैं. आज 240 लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई गई. इसके साथ ही शिविर में अब तक 455 लोगों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई. बाढ़ से प्रभावित पशुओं को 608 कुंतल भूसा वितरित करने के साथ ही आज 146 सहित अब तक 487 पशुओं का उपचार किया गया. राहत एवं बचाव कार्य के लिए 42 नावें लगाई गईं हैं. राहत शिविरों में पशु चिकित्साधिकारी तैनात किये गये हैं. बाढ़ राहत शिविरों में साफ बिस्तर, प्रकाश, शौचालय, मेडिकल, सुरक्षा आदि की व्यवस्था की गयी है.