वाराणसी: सपा के सिंबल पर बनारस में पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए आए तेज बहादुर का पहले पर्चा खारिज किया गया. अब उन पर आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है, जिसके बाद तेज बहादुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि तेज बहादुर के ऊपर धारा 144 के उल्लंघन के साथ ही बलवा की धाराओं में भी मुकदमा दर्ज किया गया है यानी धारा 188 और 147 के तहत कार्रवाई की गई है.
इतना ही नहीं, पुलिस ने तेज बहादुर और उनके साथियों पर और भी अन्य धाराओं में कार्रवाई करने की तैयारी शुरू कर दी है. एसएसपी वाराणसी का कहना है कि आचार संहिता उल्लंघन के साथ ही उन्होंने लगातार सेना की वर्दी पहन कर प्रचार किया. कलेक्ट्रेट परिसर में उनकी मौजूदगी दर्ज की गई है, जिसके आधार पर उस वक्त के वीडियो और फोटो के द्वारा तेज बहादुर के अन्य साथियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ भी लीगल नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद तेज बहादुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
क्यों की जा रही कार्रवाई
- दरअसल, 1 मई को तेज बहादुर यादव को उनके नामांकन पत्रों की जांच के बाद अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया था.
- तब उन्हें एक प्रस्तावक और वकील साथ लेकर आने की इजाजत दी गई थी.
- लेकिन उस वक्त बड़ी संख्या में तेज बहादुर के समर्थक उनके साथ कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे और 100 मीटर के दायरे में भी प्रवेश कर गए.
- यहां पर सिर्फ प्रत्याशी और उसके प्रस्तावक को जाने की अनुमति थी.
क्या कहना है एडीएम का
इस बारे में एडीएम सिटी विनय कुमार सिंह का कहना है कि इस दौरान उनको उनके समर्थकों को रोका गया लेकिन वह माने नहीं. उनकी तरफ से पूरा दिन कलेक्ट्रेट परिसर और आसपास के क्षेत्र में काफी नारेबाजी हुई और हंगामे की स्थिति बनी रही. नॉमिनेशन कैंसिल होने के बाद भी उनके समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए धारा 144 का उल्लंघन किया और बड़ी संख्या में लोग एक जगह कर विरोध दर्ज कराते रहे, जिसकी वजह से उन पर धारा 188 और 147 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
फिलहाल तेज बहादुर पर मुकदमा दर्ज करने के पीछे एडवोकेट कमलेश चंद्र त्रिपाठी की भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं की तरफ से कैंट थाने में धारा 144 का उल्लंघन के बाबत तहरीर दी गई थी. इस पर जांच के बाद कैंट पुलिस ने ये कार्रवाई की है. मामला दर्ज कर लिया गया है. आचार संहिता उल्लंघन के तहत इसकी विवेचना का आवश्यक कार्रवाई के बाद भी एडीएम सिटी कह रहे हैं.