वाराणसी : धर्म नगरी काशी में गली गली में मंदिरों का होना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है, लेकिन पिछले दिनों वाराणसी के मुस्लिम बाहुल्य इलाके में संभल की तर्ज पर एक घर के बाहर एक शिव मंदिर के बंद मिले होने की जानकारी होने के बाद सनातन रक्षक दल और सनातन धर्मियों की यहां जुटान हुई और उसके बाद काफी देर तक हंगामा चलता रहा. मंदिर किसका था और इसकी रखवाली कौन कर रहा, पूजा कब से नहीं हो रही इन तथ्यों की जांच के लिए प्रशासन ने सनातन धर्म संगठनों से एक सप्ताह का समय मांगा था. जिसकी वजह से यहां पूजा पाठ शुरू नहीं हो सका.
इसी बात को लेकर आज गोदौलिया चौराहे पर सनातन रक्षक दल और महिला संगठनों ने प्रशासन की नींद को तोड़ने के लिए शंखनाद किया. संस्थाओं का कहना था कि जिस तरह से मंदिर मिले 23 दिन का वक्त हो गया है, लेकिन इसके बाद भी प्रशासन इस पर कोई निर्णय नहीं ले रहा है. जबकि कागजों में यह मंदिर सार्वजनिक रूप से स्पष्ट हो चुका है. मंदिर कब खुलेगा और प्रशासन की नींद कब टूटेगी इसलिए सभी शंखनाद करके प्रशासन को जगाने का काम कर रहा है.
दरअसल वाराणसी के मदनपुरा इलाके में एक पुराण शिव मंदिर मिलने के बाद यहां पर सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ाई गई थी सनातन रक्षक दल और जिला प्रशासन में इस मंदिर की जांच पड़ताल शुरू की थी. एडीएम सिटी आलोक कुमार का कहना है कि मंदिर के तथ्यों की जांच करवाई गई है. मंदिर सार्वजनिक संपत्ति है इसे लेकर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है. निर्णय के बाद ही पूजा पाठ शुरू किया जा सकता है. वही आज इस मामले में बड़ी संख्या में सनातन धर्म से जुड़े लोग और संगठनों से जुड़े लोगों ने गोदौलिया चौराहे पर पहुंचकर शंखनाद किया. महिलाओं ने शंख बजाते हुए जिला प्रशासन को नींद से जागने की बात कही महिला संगठनों का कहना था कि मंदिर को मिले आज 23 दिन से ज्यादा का वक्त हो गया है. अंदर शिवलिंग है या नहीं इसकी पूजा होगी या नहीं है किसी को नहीं पता सनातन धर्म से जुड़े लोग इस बात से बेहद दुखी हैं कि मंदिर होने के बाद भी पूजा नहीं हो रही है इस वजह से हम सभी एक झूठ होकर अब आगे की रणनीति पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि कितने दिन होने के बाद भी पूजा पाठ अब तक शुरू न होना कहीं ना कहीं से हमें भी तकलीफ पहुंचा रहा है.
वहीं सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है कि जिला प्रशासन बार-बार मौखिक रूप से तो कह रहा है कि यह सार्वजनिक मंदिर है लेकिन मुझे मेरे द्वारा दिए गए लिखित एप्लीकेशन का कोई जवाब लिखित तौर पर नहीं मिल रहा है. इसलिए हम सभी कानून के खिलाफ नहीं जाना चाहते कानून के तौर पर जो भी हमें आदेश होगा, उस आधार पर पूजा पाठ शुरू करेंगे, लेकिन जिला प्रशासन को इसमें देरी नहीं करनी चाहिए और यदि यह सार्वजनिक संपत्ति है तो मंदिर खोलकर इसकी साफ सफाई करवाने के साथ यहां पूजा पाठ जल्द शुरू की जानी चाहिए.
लगभग 3 सप्ताह पहले वाराणसी के मदनपुर इलाके में ताज मोहम्मद के मकान में बाहर की तरफ एक शिव मंदिर लोगों के बीच चर्चा का विषय बना था. सोशल मीडिया पर वायरल इस मंदिर की तस्वीरों के बाद यहां सनातन रक्षक दल ने पहुंचकर इसकी पड़ताल शुरू की थी और प्रशासन भी अलर्ट हो गया था. उसी वक्त संभल में भी एक मंदिर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में खोला गया था. इसलिए मामला बहुत तेजी से सुर्खियों में आया. फिलहाल प्रशासन ने इस मंदिर की सारी कागजी जानकारियां जुटा ली हैं और मंदिर सार्वजनिक ही स्पष्ट हुआ है लेकिन अभी पूजा पाठ को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है एटीएम सिटी का कहना है कि इस पर उच्च अधिकारियों की तरफ से निर्णय लिया जाएगा उसके बाद ही पूजा पाठ व अन्य शुरू किया जा सकेगा.