वाराणसी : गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई सहित गूगल के चार अन्य लोगों को पुलिस ने राहत दी है. एक वीडियो को पोस्ट करने से विवाद शुरू हुआ था. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसमें गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का भी नाम शामिल था. अब इस मुकदमे में भेलूपुर पुलिस ने राहत दी है. पुलिस के अनुसार, विवेचना में चारों के खिलाफ कोई पुष्टिकारक साक्ष्य न मिलने पर उनकी नामजदगी गलत पाई गई. इसके अलावा अन्य 14 आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे के तहत जांच जारी रहेगी.
यह है पूरा मामला
जिले के भेलूपुर थाना क्षेत्र में गौरीगंज के निवासी गिरजा शंकर जायसवाल ने एक वीडियो को लेकर विवाद के बाद न्यायालय में गुहार लगाई थी. इसके बाद कोर्ट के आदेश पर भेलूपुर पुलिस ने 18 लोगों के खिलाफ आईटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया था. इसमें सबसे चर्चित नाम गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई का था. यह मामला वाराणसी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने से जुड़ा है.
व्हाट्सएप के जरिए मिला था वीडियो
दरअसल, गिरजा शंकर जायसवाल ने लिखित तहरीर में बताया कि उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए एक वीडियो मिला था. उसमें गाजीपुर के नोनहरा के विशुनपुरा निवासी विशाल गाजीपुरी उर्फ विशाल सिंह और उनकी पत्नी सपना बौद्ध समेत अन्य ने गीत गाया है. इसमें पीएम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की गई थी. इतना ही नहीं, यह वीडियो फेसबुक पर डालकर आर्थिक मदद मांगी जा रही है.
आपत्ति जताने पर दर्ज कराया मुकदमा
जब गिरजा शंकर ने विशाल गाजीपुरी से इसकी आपत्ति जताई तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया. गिरजा शंकर ने बताया कि इतना ही नहीं, उनका मोबाइल नंबर वीडियो के साथ जोड़कर यू-ट्यूब पर डाल दिया गया. इसके बाद विशाल के समर्थन में उनके पास लगभग 8 हजार धमकी भरे कॉल आए. गिरजा शंकर का आरोप है कि इतना सब होने के बाद भी यू-ट्यूब में उस वीडियो को डिलीट नहीं किया गया.
14 के खिलाफ पुलिस जांच जारी
इसके बाद उन्होंने इसकी शिकायत न्यायालय में की, जिसके बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट तृतीय के आदेश पर भेलूपुर पुलिस ने 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. हालांकि मुकदमे से गुगल के सीईओ सुंदर पिचाई सहित चार लोगों को राहत मिल चुकी है, जबकि अन्य 14 लोगों के खिलाफ पुलिस जांच में जुटी है.