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बीएचयू में धरने पर बैठी महिला एसोसिएट प्रोफेसर, लगाया गंभीर आरोप - एसोसिएट प्रोफेसर धरने पर

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक महिला प्रोफेसर धरने पर बैठ हैं. इनका आरोप है कि विभाग इनके साथ दलित होने कारण दुर्व्यवहार कर रहा है. साथ ही यह भी कहा कि जब तक उनको न्याय नहीं मिलेगा तब तक वह धरने पर रहेंगी.

धरने पर बैठी एसोसिएट प्रोफेसर.
धरने पर बैठी एसोसिएट प्रोफेसर.
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Published : Mar 1, 2021, 7:11 PM IST

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब पत्रकारिता एवं संप्रेषण विभाग की महिला एसोसिएट प्रोफेसर धरने पर बैठ गईं. पहले तो केंद्रीय कार्यालय के अंदर ही धरने पर बैठीं, लेकिन उसके बाद केंद्रीय कार्यालय के बाहर आकर धरने पर बैठ गई.

धरने पर महिला प्रदर्शन.

एसोसिएट महिला प्रोफेसर ने प्रशासन शिक्षण अवकाश के अनुभाग अधिकारी सुरेंद्र मिश्रा पर लगाए गंभीर आरोप कहा कि उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है. जब तक मेरी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. विश्वविद्यालय प्रशासन के तमाम अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानी हैं.

इसे भी पढ़ें- वाराणसीः BHU गेट पर ताली-थाली बजाकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन

एसोसिएट प्रोफेसर शोभना नार्लिकर ने बताया कि वह 2013 से रेगुलर सर्विस कर रही हैं. बीएचयू ने मुझे रेगुलर वेतन भी दिया है. उसके बावजूद डीन ने उन्हें दलित होने के कारण लिव-विदाउट-पे (LWPP) पर ही रखा है.

प्रशासन शिक्षण अवकाश के अनुभाग अधिकारी सुरेंद्र मिश्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया है, जबकि उनकी डेट ऑफ एलिजिबिलिटी वो पीछे चली आई है. केवल दलित महिला हेड या एचओडी न बने इसलिए उन्होंने डेट ऑफ एलिजिबिलिटी जोड़ी नहीं है.

वाराणसीः काशी हिंदू विश्वविद्यालय के केंद्रीय कार्यालय में उस समय हड़कंप मच गया, जब पत्रकारिता एवं संप्रेषण विभाग की महिला एसोसिएट प्रोफेसर धरने पर बैठ गईं. पहले तो केंद्रीय कार्यालय के अंदर ही धरने पर बैठीं, लेकिन उसके बाद केंद्रीय कार्यालय के बाहर आकर धरने पर बैठ गई.

धरने पर महिला प्रदर्शन.

एसोसिएट महिला प्रोफेसर ने प्रशासन शिक्षण अवकाश के अनुभाग अधिकारी सुरेंद्र मिश्रा पर लगाए गंभीर आरोप कहा कि उन्होंने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया है. जब तक मेरी मांग पूरी नहीं होगी, तब तक हमारा प्रदर्शन जारी रहेगा. विश्वविद्यालय प्रशासन के तमाम अधिकारियों ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं मानी हैं.

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एसोसिएट प्रोफेसर शोभना नार्लिकर ने बताया कि वह 2013 से रेगुलर सर्विस कर रही हैं. बीएचयू ने मुझे रेगुलर वेतन भी दिया है. उसके बावजूद डीन ने उन्हें दलित होने के कारण लिव-विदाउट-पे (LWPP) पर ही रखा है.

प्रशासन शिक्षण अवकाश के अनुभाग अधिकारी सुरेंद्र मिश्रा पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया है, जबकि उनकी डेट ऑफ एलिजिबिलिटी वो पीछे चली आई है. केवल दलित महिला हेड या एचओडी न बने इसलिए उन्होंने डेट ऑफ एलिजिबिलिटी जोड़ी नहीं है.

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