वाराणसीः देवों के देव महादेव की नगरी में एक गरीब बाप अपने बेटे को खोज रहा है. क्या धूप, क्या बारिश, क्या दिन और क्या रात हाथों में अपने बेटे के की तस्वीर लिए यब अभागा बाप अपने बेटे को ढूंढ रहा है. काशी की तंग गलियां हों या बड़े-बड़े घाटों पर बनी सीढ़ियां हर जगह आपको यह बाप दिख जाएगा.
कौन है शिव
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बीएसी द्वितीय वर्ष का छात्र है शिव कुमार त्रिवेदी. 13 फरवरी 2020 को 112 नंबर की पुलिस छात्र को लंका थाने लाती है और वहां से छात्र संदिग्ध परिस्थितियों में अब तक लापता है. हालांकि यह मामला हाईकोर्ट में चल रहा है.
बीएचयू के छात्रों ने ट्विटर पर चलाया था मुहिम
वैश्विक महामारी के दौर में जहां लोग घरों में बंद हैं. वहीं शिव के पिता प्रदीप त्रिवेदी बनारस के सड़कों पर अपने बेटे को खोज रहे हैं. ऐसे में जब बीएचयू के छात्रों को यह बात पता चली तो उन्होंने ट्विटर के माध्यम से सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर शिव को खोजने का प्रयास किया और एक मुहिम चलाई. जिससे यह खबर पूरे देश में फैल गई.
बीएचयू के छात्र कर रहे सीबीआई जांच की मांग
बीएससी सेकंड ईयर के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी की खोज की मांग को लेकर पहले पोस्टर के माध्यम से सीबीआई जांच की मांग की गई. उसके बाद छात्र सड़क पर उतर कर सीबीआई मांग कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि जब तक दोषी विश्वविद्यालय के अधिकारी या दोषी पुलिसकर्मी को सजा नहीं मिलती और हमारा साथी शिव नहीं मिलता तब तक हम यह मांग करते रहेंगे.
बीएचयू के पूर्व छात्र आए आगे
शिव कुमार त्रिवेदी के मामले का पता चलने के बाद बीएचयू के पूर्व छात्रों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता सौरभ तिवारी के माध्यम से उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. उनकी जनहित याचिका की पहली सुनवाई 25 अगस्त को हुई. दूसरी सुनवाई 3 सितंबर को हुई. इसके बाद कोर्ट में 22 सितंबर को मामले की तीसरी सुनवाई हुई.
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता ने साफ कहा था कि, आप 22 सितंबर तक छात्र को लाइए नहीं तो सीबीआई जांच के लिए तैयार रहिए. 22 सितंबर को सुनवाई में हाईकोर्ट के सामने एसएसपी वाराणसी प्रस्तुत हुए. उच्चतम न्यायालय के समक्ष एसएसपी वाराणसी ने स्वीकार कर लिया कि शिव कुमार त्रिवेदी लंका थाने की पुलिस अभिरक्षा से गायब हुआ है. अब मामले की अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को है.
शिव के पिता प्रदीप कुमार त्रिवेदी ने बताया मैं पिछले 7 महीने से अपने बेटे को खोज रहा हूं. मैंने वाराणसी के एसएसपी वाराणसी के डीएम. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री, गृह मंत्रालय, शिक्षा मंत्रालय सबसे ऑनलाइन शिकायत की है. प्रतिदिन 14 घंटे सुबह से लेकर शाम तक अपने बेटे को खोजता हूं. बनारस की गलियों, सड़कों, घाटों हर जगह मैं उसे खोज चुका हूं, लेकिन मेरे बेटा का कहीं पता नहीं चला. इतने दिन हो गए अब तक पुलिस ने भी कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया.
हाईकोर्ट पर पूर्ण विश्वास
शिव के पिता ने भावुक होते हुए कोट पर आशा नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है. न्यायपालिका से मुझे न्याय अवश्य मिलेगा. पुलिस कस्टडी में जो भी मेरे बेटे के साथ हुआ है. उस पर मुझे न्याय अवश्य मिलेगा. माननीय न्यायालय सीबीआई जांच कराए.