वाराणसी: बाहुबली और मगधीरा जैसी सुपर-डुपर हिट फिल्म बनाने वाले साउथ फिल्मों के फेमस फिल्म डायरेक्टर एसएस राजमौली मंगलवार को वाराणसी पहुंचे. यहां वो अपनी अपकमिंग फिल्म राइज रौर रिवोल्ट (RRR) फिल्म के प्रमोशन के मकसद से आए थे. राजमौली के साथ इस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार जूनियर एनटीआर और रामचरण भी मौजूद थे. इस फिल्म में मुख्य एक्ट्रेस के रोल में इंडियन फिल्म इंडस्ट्री की फेमस एक्टर आलिया भट्ट हैं.
साउथ इंडस्ट्री से जुड़े इन तीन बड़े नामों ने आज वाराणसी में राजघाट से बजड़े पर सवार होकर गंगा की लहरों का आनंद लिया. इ दौरान उन्होंने बनारस की खूबसूरती देख जमकर तारीफ की. एसएस राजामौली ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपनी अपकमिंग फिल्म के बारे में तमाम जानकारी दी.
वहीं एसएस राजामौली ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 4 सालों से इस फिल्म को लेकर उनका प्लान था. 550 करोड़ रुपए से ज्यादा बजट की फिल्म के प्रमोशन के लिए वो देश के अलग-अलग हिस्सों में गए. वाराणसी उनका लास्ट डेस्टिनेशन है और यहां पर फिल्म के प्रमोशन के बाद आगे बढ़ेंगे. उन्होंने बताया कि इस फिल्म की पूरी कहानी फ्रीडम फाइटर्स पर फिल्माई गई है. किस तरह से आजादी की लड़ाई में दो फ्रीडम फाइटर्स का योगदान होता है. उसे दर्शाने की कोशिश की गई है. रामचरण इस फिल्म में अल्लूर सीता राम राजन का किरदार निभा रहे हैं, जबकि जूनियर एनटीआर कुमरमभीम का किरदार निभा रहे हैं. उन्होंने कहा कि वो ईश्वर से कामना कर रहे हैं कि यह मूवी बाहुबली से भी ज्यादा सुपर हिट हो.
एसएस राजामौली ने इस फिल्म के दूसरे पार्ट को लेकर साफ कर दिया कि इस मूवी को सिर्फ एक पार्ट में ही रिलीज किया जाएगा. इसका दूसरा पार्ट नहीं आएगा. उन्होंने कहा यह हिस्टोरिकल फिल्म नहीं है. पूरी तरह से Fiction-Film है. यह फिल्म दो लीजेंडरी फ्रीडम फाइटर्स की जिंदगी पर आधारित है. इस पर पूरी तरह से काम करने के बाद ही किरदारों का चयन किया गया और पूरी फिल्म की स्क्रिप्ट तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि यह सिर्फ साउथ की मूवी नहीं बल्कि इंडियन मूवी है. अलग-अलग भाषा में अलग-अलग देशों में एक साथ रिलीज की जाएगी. यह फिल्म 25 मार्च सिनेमा हॉल्स के स्क्रीन पर होगी.
इस दौरान उन्होंने बचपन की उन यादों को साझा किया और वाराणसी से अपने रिश्तो के बारे में खुलकर बताया. उन्होंने बताया कि जब वो छोटे थे तब उनके माता-पिता काफी धार्मिक प्रवृत्ति के थे. वह काशी से अटूट संबंध रखते थे. उनकी माता को बनारस से बेहद लगाव था और हर शिवरात्रि वो लोग यहां आते थे. गंगा स्नान के बाद बाबा विश्वनाथ का दर्शन पूजन भी करते थे. एसएस राजामौली ने बताया कि प्रयागराज से भी उनका बहुत पुराना लगाव है. उन्होंने बताया कि वो चेन्नई में रहते थे और बहुत छोटे थे. उस वक्त उनके पिताजी ने इलाहाबाद से गंगाजल लाने के लिए ट्रेन में अकेले भेजा था. तमाम दिक्कतों के बाद भी वो गंगाजल लेकर पहुंचे. सीख मिली कि दिक्कतें जितनी भी हों. लेकिन यदि कुछ कर गुजरने की चाहत हो तो सफलता जरूर मिलती है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप