वाराणसी: भदोही के नरथुआ में दुर्गा पंडाल हादसे से हर किसी का दिल दहल गया है. इस हादसे में करीब 65 लोग झुलसे हैं, जिनमें से 5 की मौत हो चुकी है. हादसे के बाद ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मरीजों को भदोही के साथ बनारस के 4 अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है. इस हादसे के बाद जहां एक ओर लोग अपनों की सलामती की दुआ कर रहे हैं तो वहीं प्रशासन से इंसाफ की मांग कर रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने इस घटना के पीड़ितों से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अपना दर्द बयां किया है.
पत्नी लड़ रही जिंदगी से जंग: घटना के चश्मदीद भदोही निवासी सुरेंद्र कुमार बताते हैं कि इस घटना ने उन्हें बहुत डरा दिया है. घटना के वक्त वह वहीं मौजूद थे. उनका परिवार भी उनके साथ था. आग लगता देख वो किनारे से बांस को तोड़ते हुए बाहर निकल गए, लेकिन उनकी पत्नी वहां झुलस गई. उनकी पत्नी का इलाज बीएचयू ट्रामा सेंटर में चल रहा है. उन्होंने बताया कि उनकी पत्नी की हालत बेहद नाजुक है. कांपती जुबान से वह बस एक ही बात कह रहे थे कि कम से कम प्रशासन को सुरक्षा का ध्यान रखकर ही पंडाल लगाने की अनुमति देनी चाहिए.भदोही अग्निकांड के पीड़ितों ने बयां किया अपना दर्द कभी नहीं देखा ऐसा हादसा: उपरौठ के रहने वाले अखिलेश कुमार बताते हैं कि ऐसा हादसा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था. इतने साल से वहां दुर्गा पूजा आयोजन किया जा रहा है, लेकिन ऐसा कभी हुआ. कल जो हादसा हुआ उसने गांव के लोगों को दहशत में डाल दिया है. उन्होंने कहा कि हम अब प्रशासन से यही मांग करते हैं कि दुर्गा पंडालों को अनुमति देने से पहले वहां की व्यवस्थाओं को परख लें ताकि ऐसी जनहानि दोबारा न हो.
हासदे ने हमारी जेठानी को हमसे छीन लिया: शिविर गांव की कुसुम चौबे की जेठानी आरती चौबे की दुर्गा पंडाल में जलने से मौत हो गई है. हादसे को याद करते हुए कुसुम चौबे ने कहा कि यह दुर्गा पूजा हम जीवन भर नहीं भूलेंगे, क्योंकि इसने हमारे परिवार को तबाह कर दिया है. इस घटना में हमारी जेठानी की मौत हो गई.
मौके पर पहुंचे स्थानीय नेता: ट्रामा सेंटर में भर्ती घायलों की मदद के लिए भदोही के पूर्व एमएलसी बीजेपी नेता रंगनाथ मिश्रा पहुंचे. उन्होंने कहा कि अब तक इस तरीके की घटना कभी नहीं हुई थी. घटना ने आसपास के गांव के लोगों को हिला कर रख दिया है. घटना में बहुत सारे लोग जख्मी हो गए हैं. रात में आनन-फानन सभी को वहां से निकलवाकर अलग-अलग अस्पतालों में भेजा गया था. मरीजों को बेहतर व्यवस्थाएं मिल रही हैं या नहीं, यही देखने मैं यहां आया हूं. उन्होंने कहा कि यह बेहद हृदयविदारक घटना है.
मुख्यमंत्री के दूत बनकर पहुंचे अनिल राजभर: मरीजों का हालचाल लेने कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर मुख्यमंत्री के दूत बनकर बीएचयू ट्रामा सेंटर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मरीजों से उनका कुशल क्षेम जाना. अनिल राजभर के साथ वाराणसी के आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे. अनिल राजभर ने कहा कि इस घटना की पल-पल की रिपोर्ट मुख्यमंत्री ले रहे हैं. हमारी प्राथमिकता है कि अब कोई कैजुअलिटी न हो. इसके लिए बेहतर इलाज की व्यवस्था कराई जाए. हम लगातार डॉक्टरों के संपर्क में हैं और मरीजों को बेहतर सुविधा दे रहे हैं. प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है. जहां जहां-दुर्गा पंडाल है वहां की व्यवस्थाओं को लेकर सजग रहेंगे.