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काशी आने से पहले हो जाएं सावधान, वरना आप भी बन सकते हैं इनके शिकार

काशी में अवैध गाइड पर्यटकों को भ्रमित कर रहे हैं. आरोप है कि वाराणसी घूमने आई फ्रांस की एक युवती से फर्जी गाइड ने बियर में शराब पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया.

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काशी आने से पहले हो जाएं सावधान
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Published : Sep 30, 2022, 10:22 PM IST

वाराणसीः काशी में बहरूपिये पर्यटकों को भ्रमित कर रहे हैं. गाइड के नाम का सहारा लेने वाले बहरूपियों की वजह से वाराणसी आने वाले पर्यटकों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. ऐसा ही एक मामला भेलूपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है. आरोप है कि वाराणसी घूमने आई फ्रांस की युवती को फर्जी गाइड ने बियर में शराब पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है.
घटना के बाद पीड़िता ने इसकी रिपोर्ट भेलूपुर थाने में दर्ज कराई है. थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता केदारघाट क्षेत्र स्थित एक होटल में ठहरी थी. वहां उसे एक आदमी मिला था. उसने खुद को टूरिस्ट गाइड बताकर 2 दिन शहर में घुमाया. इसके बाद तीसरे दिन रात के समय वह विदेशी युवती को एक रेस्तरां में खाना खिलाने ले गया. इसी दौरान आरोपी ने युवती को बियर में शराब मिलाकर पिला दी. इसके बाद आरोपी ने युवती के साथ दुष्कर्म किया.
पीड़िता ने बताया कि बियर पीने के बाद उसे चक्कर आने लगा. कुछ ही देर में उसे उल्टी शुरू हो गई. वह बेहोश हो गई. युवती ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि बाद में उसकी नींद खुली, तो वह बिस्तर पर ब‍िना कपड़ों के पड़ी हुई थी. इसके बाद पीड़िता ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया.

वैध और अवैध गाइड का पता लगाना जरूरी
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब यह मामला उठा है कि वाराणसी में कितने ऐसे गाइड हैं. जो रजिस्टर्ड हैं और कौन से ऐसे लोग हैं जो फर्जी गाइड बनकर पर्यटकों को लूट रहे हैं या उनके साथ बदसलूकी कर रहे हैं. यह भी पता लगाना जरूरी है कि कैसे इस तरह के बहरूपियों की पहचान की जाए और ठगी से बचा जा सके. दरअसल गाइड केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होते हैं. जिन्हें एक पहचान पत्र भी दिया जाता है.

अभी वाराणसी में कुल 148 गाइड हैं वैध
पर्यटन अधिकारी प्रीति श्रीवास्तव (Tourism Officer Preeti Srivastava) ने बताया कि गाइड दो तरह के हैं. एक जिनकी नियुक्ति भारत सरकार द्वारा होती है. दूसरे वो जिनको राज्य सरकार का पर्यटन विभाग नियुक्त करता है. वाराणसी में इनकी संख्या बहुत ही सीमित है. कुल 148 गाइड्स हैं. जिनमें 94 गाइड भारत सरकार के हैं, 54 गाइड राज्य सरकार के हैं. परीक्षा पास करने के बाद ही इन्हें गाइड की मान्यता मिलती है. इनके पास एक परिचय पत्र भी होता है.

गाइड का लाइसेंस और पहचान पत्र चेक करें
पर्यटन अधिकारी प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि इनकी एलआईयू जांच होती है. एएसआई के गार्ड्स स्मारक में इंट्री से पहले गाइड्स का पहचान पत्र या लाइसेंस चेक करने के बाद ही अंदर जाने देते हैं. प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि जब कोई यात्री या पर्यटक किसी गाइड को साथ में लेता है, तो उसका पहचान पत्र और गाइड लाइसेंस जरूर जांच कर लें. अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई गाइडेंस लेते हैं तो उसका आधार कार्ड जरूर जांच लें.

यह भी पढ़ें-ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामलाः शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग, वाराणसी में पोस्टर वार

ऐसे लें वैध गाइड की मदद
इस बारे में टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन (Tourism Welfare Association) के अध्यक्ष राहुल मेहता बताते हैं कि यदि कोई भी पर्यटक काशी आता है और उसे वैध गाइड की जरूरत है, तो वह किसी टूरिज्म एजेंट कंपनी के जरिए आए. उसे बेहतर सुविधा के साथ वैध गाइड उपलब्ध होगा. यदि कोई व्यक्तिगत तौर पर बिना किसी एजेंट कंपनी के काशी में आ रहा है. डिजिटली कहीं पर भी वैध गाइडों की सूची नहीं है ना ही कोई जानकारी उपलब्ध है. ऐसे में उसे सिर्फ गाइड एसोसिएशन व पर्यटन विभाग के दफ्तर जाकर के ही वैध गाइड की जानकारी प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि विभाग को गाइडों की सूची को प्रकाशित करने की ओर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है. जिससे काशी आने वाले लोगों को सहजता के साथ वैध गाइड मिल सके.

यह भी पढ़ें-UP में दिखेगी इंडिया इजरायल की दोस्ती की मिसाल, चंदौली को सब्जियों का निर्यात हब बनाने की तैयारी

वाराणसीः काशी में बहरूपिये पर्यटकों को भ्रमित कर रहे हैं. गाइड के नाम का सहारा लेने वाले बहरूपियों की वजह से वाराणसी आने वाले पर्यटकों को काफी दिक्कतें हो रही हैं. ऐसा ही एक मामला भेलूपुर थाना क्षेत्र से सामने आया है. आरोप है कि वाराणसी घूमने आई फ्रांस की युवती को फर्जी गाइड ने बियर में शराब पिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया है.
घटना के बाद पीड़िता ने इसकी रिपोर्ट भेलूपुर थाने में दर्ज कराई है. थाने में दर्ज रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता केदारघाट क्षेत्र स्थित एक होटल में ठहरी थी. वहां उसे एक आदमी मिला था. उसने खुद को टूरिस्ट गाइड बताकर 2 दिन शहर में घुमाया. इसके बाद तीसरे दिन रात के समय वह विदेशी युवती को एक रेस्तरां में खाना खिलाने ले गया. इसी दौरान आरोपी ने युवती को बियर में शराब मिलाकर पिला दी. इसके बाद आरोपी ने युवती के साथ दुष्कर्म किया.
पीड़िता ने बताया कि बियर पीने के बाद उसे चक्कर आने लगा. कुछ ही देर में उसे उल्टी शुरू हो गई. वह बेहोश हो गई. युवती ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि बाद में उसकी नींद खुली, तो वह बिस्तर पर ब‍िना कपड़ों के पड़ी हुई थी. इसके बाद पीड़िता ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया.

वैध और अवैध गाइड का पता लगाना जरूरी
इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अब यह मामला उठा है कि वाराणसी में कितने ऐसे गाइड हैं. जो रजिस्टर्ड हैं और कौन से ऐसे लोग हैं जो फर्जी गाइड बनकर पर्यटकों को लूट रहे हैं या उनके साथ बदसलूकी कर रहे हैं. यह भी पता लगाना जरूरी है कि कैसे इस तरह के बहरूपियों की पहचान की जाए और ठगी से बचा जा सके. दरअसल गाइड केंद्र और राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त होते हैं. जिन्हें एक पहचान पत्र भी दिया जाता है.

अभी वाराणसी में कुल 148 गाइड हैं वैध
पर्यटन अधिकारी प्रीति श्रीवास्तव (Tourism Officer Preeti Srivastava) ने बताया कि गाइड दो तरह के हैं. एक जिनकी नियुक्ति भारत सरकार द्वारा होती है. दूसरे वो जिनको राज्य सरकार का पर्यटन विभाग नियुक्त करता है. वाराणसी में इनकी संख्या बहुत ही सीमित है. कुल 148 गाइड्स हैं. जिनमें 94 गाइड भारत सरकार के हैं, 54 गाइड राज्य सरकार के हैं. परीक्षा पास करने के बाद ही इन्हें गाइड की मान्यता मिलती है. इनके पास एक परिचय पत्र भी होता है.

गाइड का लाइसेंस और पहचान पत्र चेक करें
पर्यटन अधिकारी प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि इनकी एलआईयू जांच होती है. एएसआई के गार्ड्स स्मारक में इंट्री से पहले गाइड्स का पहचान पत्र या लाइसेंस चेक करने के बाद ही अंदर जाने देते हैं. प्रीति श्रीवास्तव ने बताया कि जब कोई यात्री या पर्यटक किसी गाइड को साथ में लेता है, तो उसका पहचान पत्र और गाइड लाइसेंस जरूर जांच कर लें. अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई गाइडेंस लेते हैं तो उसका आधार कार्ड जरूर जांच लें.

यह भी पढ़ें-ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मामलाः शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की मांग, वाराणसी में पोस्टर वार

ऐसे लें वैध गाइड की मदद
इस बारे में टूरिज्म वेलफेयर एसोसिएशन (Tourism Welfare Association) के अध्यक्ष राहुल मेहता बताते हैं कि यदि कोई भी पर्यटक काशी आता है और उसे वैध गाइड की जरूरत है, तो वह किसी टूरिज्म एजेंट कंपनी के जरिए आए. उसे बेहतर सुविधा के साथ वैध गाइड उपलब्ध होगा. यदि कोई व्यक्तिगत तौर पर बिना किसी एजेंट कंपनी के काशी में आ रहा है. डिजिटली कहीं पर भी वैध गाइडों की सूची नहीं है ना ही कोई जानकारी उपलब्ध है. ऐसे में उसे सिर्फ गाइड एसोसिएशन व पर्यटन विभाग के दफ्तर जाकर के ही वैध गाइड की जानकारी प्राप्त होगी. उन्होंने कहा कि विभाग को गाइडों की सूची को प्रकाशित करने की ओर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है. जिससे काशी आने वाले लोगों को सहजता के साथ वैध गाइड मिल सके.

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