लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण सम्पत्तियों के भौतिक कब्जे के नियम में बदलाव किया है. अब सिर्फ रजिस्ट्री दिखाने भर से कब्जा नहीं मिलेगा. इसके साथ ही एक औऱ कागज भी अनिवार्य कर दिया गया है. आखिर वह कागज कौन सा होगा और कहां से मिलेगा चलिए आगे बताते हैं.
दरअसल, वर्ष 2009 में जारी आदेश के तहत अभियंत्रण खण्ड की ओर से विक्रय अभिलेख (रजिस्ट्री) के माध्यम से आवंटी को सम्पत्ति का कब्जा दिया जाता था. वर्ष 2021 में आदेश में आंशिक संशोधन किया गया. इसके अनुसार रजिस्ट्री प्रपत्र पंजीकृत होने के बाद रजिस्ट्री सेल द्वारा भौतिक कब्जा देने के सम्बंध में अभियंत्रण खण्ड व आवंटी को पत्र प्रेषित करने की व्यवस्था की गयी. इस आदेश का अनुपालन नहीं हो रहा था. ऐसे में कुछ लोगों द्वारा इसका गलत फायदा उठाते हुए फर्जी व कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर न सिर्फ सम्पत्ति का कब्जा प्राप्त कर लिया जाता है, बल्कि उस पर निर्माण भी करा लिया जाता है.
कब्जा प्रमाण पत्र लेना होगाः एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के मुताबिक इस तरह के फर्जीवाड़े पर रोक लगाने के लिए नए आदेश जारी किये गए हैं. इसके अनुसार भूखण्ड, भवन व फ्लैट समेत सभी प्रकार की सम्पत्तियों के आवंटन के बाद रजिस्ट्री सेल द्वारा विक्रय विलेख तैयार कराया जाएगा. इसके बाद प्रभारी रजिस्ट्री सेल द्वारा हस्ताक्षर से कम्प्यूटर जनरेटेड कब्जा प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. इसकी एक-एक प्रति सम्बंधित अभियंत्रण खण्ड व आवंटी को उपलब्ध करायी जाएगी. कम्प्यूटर जनरेटेड कब्जा प्रमाण पत्र के आधार पर अभियंत्रण खण्ड द्वारा आवंटी को सम्पत्ति का भौतिक कब्जा दिलाया जाएगा. इसकी प्रति फाइल में संरक्षित करते हुए रिकाॅर्ड अनुभाग के सुपुर्द की जाएगी.
सम्पत्तियों का होगा भौतिक सर्वेः इसके अलावा वर्ष 2009 के बाद जिन सम्पत्तियों का कब्जा आवंटियों को दिया गया. अभियंत्रण खण्ड द्वारा उनका भौतिक सर्वे कराकर रजिस्टर में ब्योरा अंकित किया जाएगा. सभी अधिशासी अभियंताओं को एक महीने के अंदर सर्वे की कार्यवाही पूर्ण कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिये गये हैं.