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अस्सी घाट पर मना होली महोत्सव, विभिन्न प्रकार के लोकगीत हुए प्रस्तुत

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Published : Mar 21, 2021, 2:41 AM IST

काशी में होली भी कई प्रकार की मनाई जाती है. बाबा के गौना से शुरू होकर मसाने की होली, घाट की होली तक के विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इसी क्रम में अस्सी घाट पर रोटरी क्लब के द्वारा फागुन महोत्सव का शुभारंभ किया गया.

फागुन महोत्सव.
फागुन महोत्सव.

वाराणसीः अस्सी घाट पर फागुन महोत्सव का आयोजन किया गया. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत और कुलपति तिवारी ने दीप जलाकर महोत्सव का शुभारंभ किया. इसके बाद विभिन्न कलाकारों ने देर रात तक मां गंगा के तट पर विभिन्न प्रकार के होली के गीत प्रस्तुत किए.

फागुन महोत्सव.

लोकगीत पर झूमे लोग

जाने-माने लोक गायक डॉक्टर अमलेश शुक्ला ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ होली महोत्सव का शुभारंभ किया. वहीं विभिन्न प्रकार के होली के गीत गाए. इसमें बाबा के गुना से लेकर बरसाने की होली तक की गीत से सभी दर्शक हर-हर महादेव के उद्घोष से उनके गीतों पर झूम उठे.

फागुन महोत्सव का आनंद लेते लोग.
फागुन महोत्सव का आनंद लेते लोग.

होली के रगने रंगा बनारस

हिमांशु राज शर्मा ने बताया रंगभरी एकादशी के दिन से जब बाबा मां गौरा का गौना कराने जाते हैं. तब से काशी पूर्ण रूप से होली के रंग में रंग जाती है. फागुन महोत्सव मात्र उसकी दस्तक है. काशी में मस्ती का दौर शुरू हो गया है. हर स्थान पर अलग मस्ती देखने को मिलेगी. इस मिजाज में काशी 10 दिनों के लिए पूरी तरह डूब जाएगी. सब बाबा के रंग में नजर आएंगे.

इसे भी पढ़ें- सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति को मिली ऑनरेरी कर्नल कमाण्डेन्ट की उपाधि

वाराणसीः अस्सी घाट पर फागुन महोत्सव का आयोजन किया गया. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत और कुलपति तिवारी ने दीप जलाकर महोत्सव का शुभारंभ किया. इसके बाद विभिन्न कलाकारों ने देर रात तक मां गंगा के तट पर विभिन्न प्रकार के होली के गीत प्रस्तुत किए.

फागुन महोत्सव.

लोकगीत पर झूमे लोग

जाने-माने लोक गायक डॉक्टर अमलेश शुक्ला ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ होली महोत्सव का शुभारंभ किया. वहीं विभिन्न प्रकार के होली के गीत गाए. इसमें बाबा के गुना से लेकर बरसाने की होली तक की गीत से सभी दर्शक हर-हर महादेव के उद्घोष से उनके गीतों पर झूम उठे.

फागुन महोत्सव का आनंद लेते लोग.
फागुन महोत्सव का आनंद लेते लोग.

होली के रगने रंगा बनारस

हिमांशु राज शर्मा ने बताया रंगभरी एकादशी के दिन से जब बाबा मां गौरा का गौना कराने जाते हैं. तब से काशी पूर्ण रूप से होली के रंग में रंग जाती है. फागुन महोत्सव मात्र उसकी दस्तक है. काशी में मस्ती का दौर शुरू हो गया है. हर स्थान पर अलग मस्ती देखने को मिलेगी. इस मिजाज में काशी 10 दिनों के लिए पूरी तरह डूब जाएगी. सब बाबा के रंग में नजर आएंगे.

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