वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में दिल्ली, हरियाणा और गुजरात के उद्यमी जमीन तलाश रहे हैं ताकि उद्योग क्षेत्र में नई पहल की जा सके. ज्वाइंट कमिश्नर उद्योग उमेश सिंह का कहना है कि संपूर्ण लॉकडाउन के बाद हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, मुंबई और सूरत के जो मजदूर थे, वे अपने घर वापस चले आए, जिसका उद्यमियों पर खासा असर पड़ा है. उद्यमियों का मानना है पूर्वांचल में उद्योग करना जितना सरल है, उतना अन्य राज्यों में नहीं.
दरअसल, हरियाणा, नई दिल्ली, गुजरात, मुंबई और सूरत के उद्यमी मजदूरों के पूर्वांचल लौट आने के बाद अब इसी क्षेत्र में उद्योग लगाने की तैयारी कर रहे हैं. उनकी सोच है कि वाराणसी से बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और पूर्वांचल के अन्य जिलों में बड़ा बाजार मिलेगा. मार्केटिंग करने में भी काफी आसानी हो जाएगी. ऐसे में हरियाणा, नई दिल्ली और मुंबई से माल भिजवाने के बजाय वाराणसी से ही हर तरफ माल भेजा जा सकता है. कंपनियों को एक बहुत बड़ा मौका वाराणसी से मिल रहा है, जिसकी वजह से बड़े-बड़े उद्योगपति अब वाराणसी में जमीन तलाश रहे हैं.
वाराणसी समेत अन्य जिलों में औद्योगिक इकाइयां लगाने के लिए नई दिल्ली, हरियाणा और गुजरात सहित अन्य शहरों के उद्यमी पूछताछ कर रहे हैं. कुछ उद्यमी इकाइयां लगाने के लिए भूमि देख भी चुके हैं. उद्योग लगने से पूर्वांचल में नए रोजगार का सृजन होगा, तभी यहां पर नौकरियों की संख्या भी बढ़ाई जा सकती है, जिसे लेकर प्रशासन बेहद संजीदा नजर आ रहा है.
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यही नहीं, कुछ बड़े उद्यमियों ने जौनपुर के मछली शहर में जमीन भी तलाश ली है, जिस पर काम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही बड़ी कंपनियां मछली शहर से प्रोडक्शन भी शुरू कर देंगी, जिसके बाद हजारों नवयुवकों को रोजगार का एक बहुत बड़ा मौका मिल सकता है.