वाराणसी: कहते हैं पीने वालों को तो पीने का बहाना चाहिए, लेकिन जब बहाना हो और पीने के लिए मिले ही न तब फिर पीने वाले भी परेशान हो जाते हैं और पिलाने वाले और भी दुखी. ऐसा ही कुछ कोविड-19 की वजह से देशभर में हुए लॉकडाउन के बाद आबकारी विभाग को राजस्व की हानि के रूप में उठाना पड़ा है. बीते साल की तुलना में इस बार अगस्त तक राजस्व में लगभग 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. मार्च में हुए लॉकडाउन और अप्रैल में पूरी तरह से बंदी की वजह से आबकारी विभाग अपने टारगेट से काफी पीछे हैं. हालांकि अब हालात सुधर रहे हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार शराब की बिक्री से आने वाले राजस्व में भारी कमी आई है.
वाराणसी: शराब की कम बिक्री होने से आबकारी विभाग को राजस्व की क्षति
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के बीच जनपद में खुली शराब की दुकानों पर कुछ दिन उमड़ी भारी भीड़ के बावजूद बिक्री में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. बीते साल की तुलना में इस बार अगस्त तक राजस्व में लगभग 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है.
वाराणसी: कहते हैं पीने वालों को तो पीने का बहाना चाहिए, लेकिन जब बहाना हो और पीने के लिए मिले ही न तब फिर पीने वाले भी परेशान हो जाते हैं और पिलाने वाले और भी दुखी. ऐसा ही कुछ कोविड-19 की वजह से देशभर में हुए लॉकडाउन के बाद आबकारी विभाग को राजस्व की हानि के रूप में उठाना पड़ा है. बीते साल की तुलना में इस बार अगस्त तक राजस्व में लगभग 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. मार्च में हुए लॉकडाउन और अप्रैल में पूरी तरह से बंदी की वजह से आबकारी विभाग अपने टारगेट से काफी पीछे हैं. हालांकि अब हालात सुधर रहे हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार शराब की बिक्री से आने वाले राजस्व में भारी कमी आई है.