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वाराणसी: शराब की कम बिक्री होने से आबकारी विभाग को राजस्व की क्षति

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Published : Sep 22, 2020, 9:40 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के बीच जनपद में खुली शराब की दुकानों पर कुछ दिन उमड़ी भारी भीड़ के बावजूद बिक्री में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. बीते साल की तुलना में इस बार अगस्त तक राजस्व में लगभग 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है.

varanasi
आबकारी विभाग

वाराणसी: कहते हैं पीने वालों को तो पीने का बहाना चाहिए, लेकिन जब बहाना हो और पीने के लिए मिले ही न तब फिर पीने वाले भी परेशान हो जाते हैं और पिलाने वाले और भी दुखी. ऐसा ही कुछ कोविड-19 की वजह से देशभर में हुए लॉकडाउन के बाद आबकारी विभाग को राजस्व की हानि के रूप में उठाना पड़ा है. बीते साल की तुलना में इस बार अगस्त तक राजस्व में लगभग 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. मार्च में हुए लॉकडाउन और अप्रैल में पूरी तरह से बंदी की वजह से आबकारी विभाग अपने टारगेट से काफी पीछे हैं. हालांकि अब हालात सुधर रहे हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार शराब की बिक्री से आने वाले राजस्व में भारी कमी आई है.

कोरोना काल में आबकारी विभाग को राजस्व की क्षति.
आबकारी विभाग के अधिकारी इस बारे में कैमरे पर तो कुछ बोलने को तैयार नहीं, लेकिन विभाग से मिले आंकड़ों पर यदि गौर करें तो मई में 2019 में शराब की कुल 69,00,884 बोतलें बिकी थी, लेकिन इस बार मई में इनकी संख्या घटकर 3,57,752 हो गई यानी लगभग बिक्री में 22 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ. 48 फीसदी कम शराब सिर्फ मई के महीने में बिकी. वहीं देशी शराब की अगर बात की जाए तो इसकी बिक्री में भी 40 प्रतिशत की कमी मई के महीने में दर्ज हुई. 7,57,528 लीटर देसी शराब मई 2020 में बिकी, जबकि 2019 मई के महीने में 11,21,787 लीटर देसी शराब बिकी थी. इसमें भी लगभग 46 लाख का नुकसान उठाना पड़ा. बीयर की सेल भी काफी प्रभावित हुई. 2019 मई के महीने में जहां 19,94,432 बोतलों की बिक्री हुई थी. वहीं मई के महीने में 2020 में सिर्फ 5,63,158 बोतलें बिकीं और विभाग को लगभग 17 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा.वहीं 2019 अप्रैल से लेकर 31 अगस्त 2019 तक आबकारी विभाग के आंकड़ों में पिछले साल दिए गए सरकार के 1101 करोड़ों रुपये के टारगेट के सापेक्ष 332 करोड़ों रुपये की बिक्री अप्रैल से अगस्त तक इन पांच महीनों में हुई थी. विभाग की माने तो लगभग 80 प्रतिशत टारगेट अचीव कर लिया गया, लेकिन इस बार हालात बेहद खराब हैं. अप्रैल 2020 से शुरू हुए वित्तीय वर्ष में 31 अगस्त 2020 तक महज 256 करोड़ रुपये की शराब बिकी है, जो वित्तीय वर्ष 2019 के इन 5 महीनों की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत कम है. विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो इस बार सरकार की तरफ से 1208 करोड़ रुपये का टारगेट आबकारी विभाग वाराणसी को मिला है, लेकिन हालात जैसे हैं उसे देखकर यह नहीं लगता कि यह टारगेट अचीव भी होगा.

वाराणसी: कहते हैं पीने वालों को तो पीने का बहाना चाहिए, लेकिन जब बहाना हो और पीने के लिए मिले ही न तब फिर पीने वाले भी परेशान हो जाते हैं और पिलाने वाले और भी दुखी. ऐसा ही कुछ कोविड-19 की वजह से देशभर में हुए लॉकडाउन के बाद आबकारी विभाग को राजस्व की हानि के रूप में उठाना पड़ा है. बीते साल की तुलना में इस बार अगस्त तक राजस्व में लगभग 23 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है. मार्च में हुए लॉकडाउन और अप्रैल में पूरी तरह से बंदी की वजह से आबकारी विभाग अपने टारगेट से काफी पीछे हैं. हालांकि अब हालात सुधर रहे हैं, लेकिन पिछले साल की तुलना में इस बार शराब की बिक्री से आने वाले राजस्व में भारी कमी आई है.

कोरोना काल में आबकारी विभाग को राजस्व की क्षति.
आबकारी विभाग के अधिकारी इस बारे में कैमरे पर तो कुछ बोलने को तैयार नहीं, लेकिन विभाग से मिले आंकड़ों पर यदि गौर करें तो मई में 2019 में शराब की कुल 69,00,884 बोतलें बिकी थी, लेकिन इस बार मई में इनकी संख्या घटकर 3,57,752 हो गई यानी लगभग बिक्री में 22 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ. 48 फीसदी कम शराब सिर्फ मई के महीने में बिकी. वहीं देशी शराब की अगर बात की जाए तो इसकी बिक्री में भी 40 प्रतिशत की कमी मई के महीने में दर्ज हुई. 7,57,528 लीटर देसी शराब मई 2020 में बिकी, जबकि 2019 मई के महीने में 11,21,787 लीटर देसी शराब बिकी थी. इसमें भी लगभग 46 लाख का नुकसान उठाना पड़ा. बीयर की सेल भी काफी प्रभावित हुई. 2019 मई के महीने में जहां 19,94,432 बोतलों की बिक्री हुई थी. वहीं मई के महीने में 2020 में सिर्फ 5,63,158 बोतलें बिकीं और विभाग को लगभग 17 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा.वहीं 2019 अप्रैल से लेकर 31 अगस्त 2019 तक आबकारी विभाग के आंकड़ों में पिछले साल दिए गए सरकार के 1101 करोड़ों रुपये के टारगेट के सापेक्ष 332 करोड़ों रुपये की बिक्री अप्रैल से अगस्त तक इन पांच महीनों में हुई थी. विभाग की माने तो लगभग 80 प्रतिशत टारगेट अचीव कर लिया गया, लेकिन इस बार हालात बेहद खराब हैं. अप्रैल 2020 से शुरू हुए वित्तीय वर्ष में 31 अगस्त 2020 तक महज 256 करोड़ रुपये की शराब बिकी है, जो वित्तीय वर्ष 2019 के इन 5 महीनों की तुलना में लगभग 23 प्रतिशत कम है. विभाग के आला अधिकारियों की मानें तो इस बार सरकार की तरफ से 1208 करोड़ रुपये का टारगेट आबकारी विभाग वाराणसी को मिला है, लेकिन हालात जैसे हैं उसे देखकर यह नहीं लगता कि यह टारगेट अचीव भी होगा.
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