वाराणसी: यूपी बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षा की तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है. इस क्रम में केंद्रों के निर्धारण की प्रक्रिया भी ऑनलाइन की जा रही है. बोर्ड की पहली प्राथमिकता अशासकीय विद्यालयों और राजकीय विद्यालयों को केंद्र बनाना है. वहीं इस बार बोर्ड द्वारा छात्रों की मेरिट के आधार पर वित्तविहीन विद्यालयों को केंद्र बनाया जाएगा.
90 फीसद से अधिक होने पर ही विद्यालय बनेगा केंद्र
यूपी बोर्ड द्वारा इस बार यह निर्णय लिया गया है कि वर्ष 2020 की हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा का परिणाम 90 फीसद से अधिक होने पर ही वित्तविहीन विद्यालयों को इस बार केंद्र बनाया जाएगा. शासन की अपर मुख्य सचिव आराधना शुक्ला शुक्ला ने केंद्रों के निर्धारण में वायरस रिकॉर्ड युक्त सीसीटीवी रिकॉर्डिंग के लिए डीवीआर के साथ हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन सहित राउटर डिवाइस का लगा होना अनिवार्य बताया है. कोरोना महामारी को देखते हुए हाईस्कूल और इंटरमीडिएट कि दोनों पालीयों की परीक्षा में सोशल डिस्टेंसिंग के मानक के अनुसार परीक्षार्थियों के बैठने की पर्याप्त कुछ होना भी अनिवार्य है.
विभिन्न मानकों के लिए तय किए गए अंक
बोर्ड द्वारा विभिन्न मानकों पर अलग-अलग अंक निर्धारित किए गए हैं. हाई स्कूल स्तर का विद्यालय के लिए 10 अंक और इंटरमीडिएट तक के विद्यालय पर 20 अंक तय किए गए हैं. इस प्रकार कैमरे की निगरानी पर 10 अंक, सीसीटीवी कैमरे पर 10 अंक, वर्ष 2020 में यदि केंद्र था तो 20 अंक, वित्तविहीन विद्यालयों के लिए हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में 90 फीसद से अधिक रिजल्ट पर 20-20 अंक निर्धारित किया गया है. मानक पर खरे उतरने वाले विद्यालयों को केंद्र बनाया जाएगा.
वाराणसी के जिला विद्यालय निरीक्षक डॉक्टर वीपी सिंह ने बताया है कि बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार ही केंद्रों का निर्धारण किया जाएगा. इस बाबत परीक्षार्थियों के आने-जाने की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा. वहीं ब्लैक लिस्टेड विद्यालयों को केंद्र नहीं बनाया जाएगा. साथ ही कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए इस बार केंद्रों की संख्या कुछ बढ़ने की संभावना है.