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वाराणसी: जिनके ऊपर पूरे शहर की जिम्मेदारी, उन्होंने ही अपने कार्यालय को बना रखा है मच्छरों की नर्सरी का अड्डा - वाराणसी में गंदगी का अंबार

बारिश से जहां उमस से लोगों को राहत मिलती है, वहीं जलजमाव और मच्छरों के आतंक से लोग परेशान हो जाते हैं. जिस विभाग पर लोगों को इस समस्या से निजात दिलाने की जिम्मेदारी है, उसी विभाग की नालियों में गंदा पानी भरा हुआ है. ये हाल वाराणसी नगर निगम का है. देखिए ये रिपोर्ट.

वाराणसी नगर निगम
वाराणसी नगर निगम
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Published : Jun 11, 2022, 10:29 AM IST

वाराणसी: भीषण गर्मी और उमस से परेशान लोगों को अब जल्द राहत मिलने जा रही है, क्योंकि बारिश का महीना शुरू हो चुका है. मानसून कुछ इलाकों में सक्रिय होता दिखाई दे रहा है. प्री मानसून की बारिश भी होने लगी है. लेकिन, बारिश आने के साथ कुछ मुसीबतें भी आती हैं. इनमें जलजमाव और मच्छरों का आतंक सबसे ऊपर होता है.

हर साल बारिश के बाद से मच्छरों के आतंक की खबरें ठंड आने के पहले तक सुनने को मिलती हैं. इसे लेकर सरकार भी काफी परेशान हो जाती है और पानी के ठहराव को रोकने के लिए हर जिले के सरकारी महकमे को सख्ती से निपटने के आदेश दिए जाते हैं. लेकिन, अगर इस जिम्मेदारी को निभाने वाला नगर निगम ही अपने घर में मच्छरों की नर्सरी बना ले तो फिर क्या होगा? कुछ ऐसा ही हाल वाराणसी नगर निगम का है, जहां मच्छरों को पनपने के लिए पर्याप्त सुविधाएं मिल रही हैं. क्या है मच्छरों की नर्सरी का यह सच जानिए ईटीवी भारत की इस पड़ताल में.

जानकारी देते नगर स्वास्थ्य अधिकारी

दरसअल, नगर निगम मानसून की दस्तक के साथ ही घरों के बाहर गार्डन, अपार्टमेंट, सरकारी कार्यालय और रिहायशी इमारतों के अलावा अन्य जगहों पर जहां पानी का ठहराव हो सकता है, उसकी साफ-सफाई के लिए लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है. नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि जब शासन की तरफ से कोई आदेश जारी होता है तो उससे संबंधित विभाग को कुछ पावर भी मिल जाती हैं. इससे वह नियम का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन क्या यह कानूनी कार्रवाई सरकारी विभागों पर भी हो सकती है. इस सवाल के जवाब में भी अधिकारियों ने यही कहा कि नगर निगम के ऊपर भले ही साफ-सफाई की जिम्मेदारी और मच्छरों के आतंक को रोकने का जिम्मा हो फिर भी नगर निगम के बेसमेंट से लेकर नगर निगम में मौजूद नाले नालियां पूरी तरह से गंदे पानी से चोक हो रखे हैं.

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में फेल हुआ नगर निगम
नगर निगम के रियलिटी चेक में ईटीवी भारत ने नगर निगम के फर्स्ट फ्लोर पर मौजूद नालियों की दशा को देखा. गंदे पानी से पूरी तरह से पटी हुई यह नालियां मच्छरों के लिए सबसे मुफीद जगह दिखाई दे रही थी. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला सच तो तब सामने आया जब फर्स्ट फ्लोर के नीचे बनाए गए बेसमेंट में हमारी नजर पहुंची. यहां पर बड़े से हॉल नुमा बेसमेंट में कमर तक पानी भरा हुआ था. पानी इतना काला और गंदा था, जिसे देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मच्छरों के लिए यह स्थान सबसे सुरक्षित है. यहां आने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा है, क्योंकि मच्छरों का प्रकोप बारिश आने के साथ ही बढ़ने लगता है और डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां भी देखने को मिलती हैं. इसके बाद भी वाराणसी नगर निगम ना ही शासन के आदेश को मान रहा है और ना ही लोगों के स्वास्थ्य की चिंता कर रहा है.

यह भी पढ़ें: लखनऊ के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बेहतर इलाज की तैयारी, अस्पतालों में 122 डॉक्टरों की होगी नियुक्ति

नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने माना कि निगम की नालियों में गंदा पानी
इस संबंध में जब नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह से बातचीत की तो उनका कहना था कि नगर निगम को दी गई ताकतों के मुताबिक, वे ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर सकते हैं, जो सरकारी आदेश की अवहेलना करते हैं. बारिश के मौसम में पानी के ठहराव को सही तरीके से रोकने में सहायता नहीं करते हैं, लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि यह आदेश नगर निगम पर भी लागू होता है तो उन्होंने कहा कि हां बिल्कुल. हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड उन्होंने इस बात को खुद स्वीकार भी किया कि नीचे बेसमेंट में और नालियों में गंदा पानी भरे होने की उन्हें जानकारी है. इसके लिए उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को बता भी रखा है. लेकिन, इन्हीं कारणों से इसकी सफाई नहीं हो पा रही है. फिर भी पूरा प्रयास किया जाएगा कि इस बार नगर निगम के बेसमेंट को पूरी तरह से साफ करके मच्छरों के प्रकोप से मुक्ति दिलाई जा सके.

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वाराणसी: भीषण गर्मी और उमस से परेशान लोगों को अब जल्द राहत मिलने जा रही है, क्योंकि बारिश का महीना शुरू हो चुका है. मानसून कुछ इलाकों में सक्रिय होता दिखाई दे रहा है. प्री मानसून की बारिश भी होने लगी है. लेकिन, बारिश आने के साथ कुछ मुसीबतें भी आती हैं. इनमें जलजमाव और मच्छरों का आतंक सबसे ऊपर होता है.

हर साल बारिश के बाद से मच्छरों के आतंक की खबरें ठंड आने के पहले तक सुनने को मिलती हैं. इसे लेकर सरकार भी काफी परेशान हो जाती है और पानी के ठहराव को रोकने के लिए हर जिले के सरकारी महकमे को सख्ती से निपटने के आदेश दिए जाते हैं. लेकिन, अगर इस जिम्मेदारी को निभाने वाला नगर निगम ही अपने घर में मच्छरों की नर्सरी बना ले तो फिर क्या होगा? कुछ ऐसा ही हाल वाराणसी नगर निगम का है, जहां मच्छरों को पनपने के लिए पर्याप्त सुविधाएं मिल रही हैं. क्या है मच्छरों की नर्सरी का यह सच जानिए ईटीवी भारत की इस पड़ताल में.

जानकारी देते नगर स्वास्थ्य अधिकारी

दरसअल, नगर निगम मानसून की दस्तक के साथ ही घरों के बाहर गार्डन, अपार्टमेंट, सरकारी कार्यालय और रिहायशी इमारतों के अलावा अन्य जगहों पर जहां पानी का ठहराव हो सकता है, उसकी साफ-सफाई के लिए लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है. नगर निगम के अधिकारियों का मानना है कि जब शासन की तरफ से कोई आदेश जारी होता है तो उससे संबंधित विभाग को कुछ पावर भी मिल जाती हैं. इससे वह नियम का उल्लंघन करने वालों पर कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन क्या यह कानूनी कार्रवाई सरकारी विभागों पर भी हो सकती है. इस सवाल के जवाब में भी अधिकारियों ने यही कहा कि नगर निगम के ऊपर भले ही साफ-सफाई की जिम्मेदारी और मच्छरों के आतंक को रोकने का जिम्मा हो फिर भी नगर निगम के बेसमेंट से लेकर नगर निगम में मौजूद नाले नालियां पूरी तरह से गंदे पानी से चोक हो रखे हैं.

ईटीवी भारत के रियलिटी चेक में फेल हुआ नगर निगम
नगर निगम के रियलिटी चेक में ईटीवी भारत ने नगर निगम के फर्स्ट फ्लोर पर मौजूद नालियों की दशा को देखा. गंदे पानी से पूरी तरह से पटी हुई यह नालियां मच्छरों के लिए सबसे मुफीद जगह दिखाई दे रही थी. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाला सच तो तब सामने आया जब फर्स्ट फ्लोर के नीचे बनाए गए बेसमेंट में हमारी नजर पहुंची. यहां पर बड़े से हॉल नुमा बेसमेंट में कमर तक पानी भरा हुआ था. पानी इतना काला और गंदा था, जिसे देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मच्छरों के लिए यह स्थान सबसे सुरक्षित है. यहां आने वाले लोगों के लिए बहुत बड़ा खतरा है, क्योंकि मच्छरों का प्रकोप बारिश आने के साथ ही बढ़ने लगता है और डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियां भी देखने को मिलती हैं. इसके बाद भी वाराणसी नगर निगम ना ही शासन के आदेश को मान रहा है और ना ही लोगों के स्वास्थ्य की चिंता कर रहा है.

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नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने माना कि निगम की नालियों में गंदा पानी
इस संबंध में जब नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एनपी सिंह से बातचीत की तो उनका कहना था कि नगर निगम को दी गई ताकतों के मुताबिक, वे ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर सकते हैं, जो सरकारी आदेश की अवहेलना करते हैं. बारिश के मौसम में पानी के ठहराव को सही तरीके से रोकने में सहायता नहीं करते हैं, लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि यह आदेश नगर निगम पर भी लागू होता है तो उन्होंने कहा कि हां बिल्कुल. हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड उन्होंने इस बात को खुद स्वीकार भी किया कि नीचे बेसमेंट में और नालियों में गंदा पानी भरे होने की उन्हें जानकारी है. इसके लिए उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को बता भी रखा है. लेकिन, इन्हीं कारणों से इसकी सफाई नहीं हो पा रही है. फिर भी पूरा प्रयास किया जाएगा कि इस बार नगर निगम के बेसमेंट को पूरी तरह से साफ करके मच्छरों के प्रकोप से मुक्ति दिलाई जा सके.

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