वाराणसी: पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को हरित काशी बनाने की योजना के बाद अब प्लास्टिक मुक्त बनाने की कवायद शुरू की गई है. इसके लिए कई योजनाएं भी संचालित की गई हैं. वाराणसी को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए नगर निगम की ओर से जिले में प्लास्टिक संग्रहण केंद्र बनाया गया है. यहां पर प्लास्टिक जमा करने पर उसके पैसे दिए जाते हैं. साथ की मुफ्त में कपड़े का थैला और मास्क भी दिया जाता है.
नगर आयुक्त ने 18 दिसंबर को शहर के मलदहिया चौराहे पर प्लास्टिक संग्रहण केंद्र का उद्घाटन किया गया था. यहां पर प्लास्टिक बैंक बनाया गया है. केंद्र संरक्षक ने बताया कि यहां पर प्लास्टिक जाम करने के एवज में लोगों को उसकी कीमत की जाती है. साथ ही लोगों को प्लास्टिक न प्रयोग करने की शपथ भी दिलाई जाती है. नगर निगम ने इसका ठेका एक निजी कंपनी को दिया है.
दो टन रोजोना जमा होता है प्लास्टिक
निजी कंपनी कर्मचारी शब्बीर अहमद ने बताया कि केंद्र में रोजोना दो टन प्लास्टिक आता है, जो आम लोगों के द्वारा, होटल, स्कूल, बाजार और मॉल से प्राप्त होता है. इस प्लास्टिक का प्रयोग पॉलिस्टर के कपड़े बनाने व अन्य सामानों को बनाने में किया जाता है. उन्होंने बताया कि इस पहल का असर देखने को मिल रहा है और लोग धीरे-धीरे जागरूक भी हो रहे है.
रोजान तय होती है प्लास्टिक खरीद की कीमत
केंद्र पर काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि हर दिन मार्केट रेट के हिसाब से प्लास्टिक की खरीद की जाती है. उस दिन जो दाम होता है. उस हिसाब से प्लास्टिक खरीद का पैसा दिया जाता है. कर्मचारियों ने बताया कि लोग कम से कम प्लास्टिक का प्रयोग करें, इसलिए उन्हें मुक्त में कपड़े का थैला दिया जाता है.
कोरोना से बचाव के लिए दिया जाता है मास्क
प्लास्टिक संग्रहण केंद्र में प्लास्टिक बेचने आने वाले लोगों को कोरोना से बचाव के प्रति भी जागरूक किया जा रहा है. साथ ही आने वाले लोगों को मुफ्त में कपड़े से बना मास्क दिया जा रहा है. केंद्र के कर्मचारियों ने बताया कि लोगों को प्लास्टिक प्रयोग न करने के प्रति लगातार जागरूक भी किया जा रहा है. समय- समय पर इस संंबंध में जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है.