वाराणसी: कैंटोनमेंट स्थित प्रधान डाकघर में खाताधारकों के करोड़ों रुपये गायब होने के प्रकरण में ईओडब्ल्यू को जांच सौंपी गई है. इस संदर्भ में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान) के डीजी आरपी सिंह वाराणसी पहुंचे. ईओडब्ल्यू के एसपी सतेंद्र कुमार के नेतृत्व में जांच होगी. उनके अंडर में एक टीम सोमवार को डाक घर पहुंच कर सारे दस्तावेज कब्जे में लेने के बाद नए सिरे से जांच शुरू करेगी.
इसके पहले 11 सदस्यीय विभागीय टीम ने डाक विभाग के कर्मचारियों समेत पांच लोगों के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. इस प्रकरण में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे घोटाले की राशि बढ़ती गई. पहले 50 लाख फिर एक करोड़ और अब करीब 6 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई है.
इसमें 208 खाताधारकों ने विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी कि इनके खातों से रुपये गायब हैं. जांच में 180 खातों की जांच के दौरान ही करीब 4 करोड़ रुपये गायब होने की बात सामने आई थी. बाकी जांच आगे बढ़ी तो लगभग 6 करोड़ों का कुल घोटाला सामने आया.
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इस बारे में ईओडब्ल्यू के अधिकारिक सूत्रों की जानकारी के अनुसार प्रकरण की जांच के लिए लखनऊ से आलाधिकारी खुद वाराणसी पहुंच गए हैं, जो सोमवार को टीम के साथ प्रधान डाकघर पहुंचकर संबंधित मामले के सारे दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू करेंगे.
इस प्रकरण में कुछ ऊपर के अधिकारियों के भी फंसने का अंदेशा लगाया जा रहा है, जिसके बाद हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल जिन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. उनको निलंबित किया जा चुका है. उनमें डाक सुपरवाइजर रमाशंकर लाल, राजेश कुमार, डाक सहायक सुनील यादव, विनय यादव और एजेंट प्रदीप कुमार शामिल हैं.