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वाराणसी: प्रधान डाकघर में 6 करोड़ से ज्यादा का घोटाला, ईओडब्ल्यू करेगी जांच

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बीते सितंबर में सामने आए खाताधारकों के करोड़ों रुपये गायब होने के मामले में ईओडब्ल्यू जांच करेगी. इसके पहले जांच के लिए 11 सदस्य की विभागीय टीम ने डाक विभाग के कर्मचारियों समेत पांच लोगों के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है.

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घोटाले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई.
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Published : Jan 11, 2020, 11:54 PM IST

वाराणसी: कैंटोनमेंट स्थित प्रधान डाकघर में खाताधारकों के करोड़ों रुपये गायब होने के प्रकरण में ईओडब्ल्यू को जांच सौंपी गई है. इस संदर्भ में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान) के डीजी आरपी सिंह वाराणसी पहुंचे. ईओडब्ल्यू के एसपी सतेंद्र कुमार के नेतृत्व में जांच होगी. उनके अंडर में एक टीम सोमवार को डाक घर पहुंच कर सारे दस्तावेज कब्जे में लेने के बाद नए सिरे से जांच शुरू करेगी.

इसके पहले 11 सदस्यीय विभागीय टीम ने डाक विभाग के कर्मचारियों समेत पांच लोगों के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. इस प्रकरण में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे घोटाले की राशि बढ़ती गई. पहले 50 लाख फिर एक करोड़ और अब करीब 6 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई है.

इसमें 208 खाताधारकों ने विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी कि इनके खातों से रुपये गायब हैं. जांच में 180 खातों की जांच के दौरान ही करीब 4 करोड़ रुपये गायब होने की बात सामने आई थी. बाकी जांच आगे बढ़ी तो लगभग 6 करोड़ों का कुल घोटाला सामने आया.

ये भी पढ़ें- संसद आदेश दे, पीओके हमारा होगा : आर्मी चीफ

इस बारे में ईओडब्ल्यू के अधिकारिक सूत्रों की जानकारी के अनुसार प्रकरण की जांच के लिए लखनऊ से आलाधिकारी खुद वाराणसी पहुंच गए हैं, जो सोमवार को टीम के साथ प्रधान डाकघर पहुंचकर संबंधित मामले के सारे दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू करेंगे.

इस प्रकरण में कुछ ऊपर के अधिकारियों के भी फंसने का अंदेशा लगाया जा रहा है, जिसके बाद हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल जिन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. उनको निलंबित किया जा चुका है. उनमें डाक सुपरवाइजर रमाशंकर लाल, राजेश कुमार, डाक सहायक सुनील यादव, विनय यादव और एजेंट प्रदीप कुमार शामिल हैं.

वाराणसी: कैंटोनमेंट स्थित प्रधान डाकघर में खाताधारकों के करोड़ों रुपये गायब होने के प्रकरण में ईओडब्ल्यू को जांच सौंपी गई है. इस संदर्भ में ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अनुसंधान) के डीजी आरपी सिंह वाराणसी पहुंचे. ईओडब्ल्यू के एसपी सतेंद्र कुमार के नेतृत्व में जांच होगी. उनके अंडर में एक टीम सोमवार को डाक घर पहुंच कर सारे दस्तावेज कब्जे में लेने के बाद नए सिरे से जांच शुरू करेगी.

इसके पहले 11 सदस्यीय विभागीय टीम ने डाक विभाग के कर्मचारियों समेत पांच लोगों के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. इस प्रकरण में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी, वैसे-वैसे घोटाले की राशि बढ़ती गई. पहले 50 लाख फिर एक करोड़ और अब करीब 6 करोड़ रुपये के घोटाले की बात सामने आई है.

इसमें 208 खाताधारकों ने विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी कि इनके खातों से रुपये गायब हैं. जांच में 180 खातों की जांच के दौरान ही करीब 4 करोड़ रुपये गायब होने की बात सामने आई थी. बाकी जांच आगे बढ़ी तो लगभग 6 करोड़ों का कुल घोटाला सामने आया.

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इस बारे में ईओडब्ल्यू के अधिकारिक सूत्रों की जानकारी के अनुसार प्रकरण की जांच के लिए लखनऊ से आलाधिकारी खुद वाराणसी पहुंच गए हैं, जो सोमवार को टीम के साथ प्रधान डाकघर पहुंचकर संबंधित मामले के सारे दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू करेंगे.

इस प्रकरण में कुछ ऊपर के अधिकारियों के भी फंसने का अंदेशा लगाया जा रहा है, जिसके बाद हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल जिन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. उनको निलंबित किया जा चुका है. उनमें डाक सुपरवाइजर रमाशंकर लाल, राजेश कुमार, डाक सहायक सुनील यादव, विनय यादव और एजेंट प्रदीप कुमार शामिल हैं.

Intro:वाराणसी ब्रेकिंग...

वाराणसी: कैंटोनमेंट स्थित प्रधान डाकघर में सितंबर माह के दौरान सामने आए खाताधारकों के करोड़ों रुपए गायब होने के प्रकरण में अब मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंप दी गई है. इस संदर्भ में ईओडब्ल्यू के डीजी आर पी सिंह बनारस पहुंच भी गए हैं. इस पूरे मामले की जांच के लिए वाराणसी की की टीम को रोकने के साथ ही आर्थिक अपराध अनुसंधान के एसपी सतेंद्र कुमार को जांच का नेतृत्व दिया गया है उनके अंडर में एक टीम सोमवार को डाक घर पहुंच कर सारे दस्तावेज कब्जे में लेने के बाद नए सिरे से इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू करेगी.


Body:वीओ-01 बता दें कि इसके पहले इस प्रकरण की जांच के लिए 11 सदस्य विभागीय टीम ने जांच करते हुए डाक विभाग के कर्मचारियों समेत पांच लोगों के खिलाफ कैंट थाने में एफआईआर दर्ज कराई है. कैंट स्थित प्रधान डाकघर के ग्राहकों के खाते में जमा धनराशि गायब किए जाने के मामले में जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी वैसे-वैसे घोटाले की राशि बढ़ती गई. पहले 50 लाख फिर एक करोड़ और अब लगभग 6 करोड़ों रुपए के घोटाले की बात सामने आई है. जिसमें 208 खाताधारकों ने विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी कि इनके खातों से रुपए गायब हैं. जांच में 180 खातों की जांच के दौरान ही करीब 4 करोड रुपए गायब होने की बात सामने आई थी बाकी जांच आगे बढ़ी तो लगभग 6 करोड़ों का कुल घोटाला सामने आया.


Conclusion:वीओ-02 इस बारे में प्रकरण की जांच मिलने के बाद ईओडब्ल्यू के अधिकारिक सूत्रों से हुई बातचीत में यह बात सामने आई है कि प्रकरण की जांच के लिए लखनऊ से आला अधिकारी खुद वाराणसी पहुंच गए हैं जो सोमवार को टीम के साथ प्रधान डाकघर पहुंचकर संबंधित मामले के सारे दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू करेंगे इस प्रकरण में कुछ ऊपर के अधिकारियों के भी फसने का अंदेशा लगाया जा रहा है जिसके बाद हड़कंप मचा हुआ है फिलहाल जिन कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. उनको निलंबित किया जा चुका है. जिनमें डाक सुपरवाइजर रमाशंकर लाल, राजेश कुमार, डाक सहायक सुनील यादव, विनय यादव और एजेंट प्रदीप कुमार शामिल हैं.

गोपाल मिश्र

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