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वाराणसी: गौरव सिंह ने कोरोना से बचाव के लिए तैयार किया यूवीसी व्हीकल स्टरलाइजर

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Published : Apr 21, 2020, 2:45 PM IST

यूपी के वाराणसी में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए यूवीसी व्हीकल स्टरलाइजर का निर्माण किया गया है. इस स्टरलाइजर का निर्माण मालवीय उद्यमी संवर्धन एवं नव प्रवर्तन केंद्र स्थित एलविंग सल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के गौरव सिंह ने किया है.

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यूवीसी व्हीकल स्टरलाइजर

वाराणसी: वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस से बचाव साफ-सफाई और सामजिक दूरी बनाए रखना है. इसके लिए चार पहिया वाहनों में स्टरलाइजर लगाया जा सकता है. इससे सार्स सिंड्रोम, कोरोना वायरस, निपाह वायरस और क्रीमियन-कोंगो हेमोरेजिक बुखार के कारक वायरस को खत्म किया जा सकता है.

मालवीय उद्यमी संवर्धन एवं नवप्रवर्तन केंद्र के समनवयक व केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर पीके मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में वाहनों को सैनिटाइज करने के लिए कीटाणुनाशक स्प्रे का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे पोछने की भी आवश्यकता है. इन कीटनाशक का ज्यादा इस्तेमाल मानव शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.

पीके मिश्रा ने बताया कि यूवीसी व्हीकल स्टरलाइजर द्वारा पराबैंगनी कीटाणुशोधन विकिरण का उपयोग लोगों और कपड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना चार पहिया वाहनों को अधिकतर हानिकारक वायरस से मुक्त कर सकता है. यह स्टरलाइजर वाहन के अंदर मात्र 44w की यूवीसी क्षमता पर कार्य करता है और 12v पर संचालित होता है.

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि संस्थान अपने सामाजिक दायित्वों का निवर्हन करते हुए कोरोना वायरस से लड़ने को पूरी तरह तैयार है और इस तरह की सभी जरूरतों के लिए प्रशासन का सहयोग करने को पूरी तरह तत्पर है.

वाराणसी: वैश्विक महामारी बन चुके कोरोना वायरस से बचाव साफ-सफाई और सामजिक दूरी बनाए रखना है. इसके लिए चार पहिया वाहनों में स्टरलाइजर लगाया जा सकता है. इससे सार्स सिंड्रोम, कोरोना वायरस, निपाह वायरस और क्रीमियन-कोंगो हेमोरेजिक बुखार के कारक वायरस को खत्म किया जा सकता है.

मालवीय उद्यमी संवर्धन एवं नवप्रवर्तन केंद्र के समनवयक व केमिकल इंजीनियरिंग के प्रोफेसर पीके मिश्रा ने बताया कि वर्तमान में वाहनों को सैनिटाइज करने के लिए कीटाणुनाशक स्प्रे का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसे पोछने की भी आवश्यकता है. इन कीटनाशक का ज्यादा इस्तेमाल मानव शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है.

पीके मिश्रा ने बताया कि यूवीसी व्हीकल स्टरलाइजर द्वारा पराबैंगनी कीटाणुशोधन विकिरण का उपयोग लोगों और कपड़ों को नुकसान पहुंचाए बिना चार पहिया वाहनों को अधिकतर हानिकारक वायरस से मुक्त कर सकता है. यह स्टरलाइजर वाहन के अंदर मात्र 44w की यूवीसी क्षमता पर कार्य करता है और 12v पर संचालित होता है.

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन ने बताया कि संस्थान अपने सामाजिक दायित्वों का निवर्हन करते हुए कोरोना वायरस से लड़ने को पूरी तरह तैयार है और इस तरह की सभी जरूरतों के लिए प्रशासन का सहयोग करने को पूरी तरह तत्पर है.

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