ETV Bharat / state

चुनावी समर का अनोखा परिणाम जिससे पर्यटन को मिला 700 करोड़ का कारोबार - पॉलिटिकल टूरिज़्म वरदान

वाराणसी में लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा ट्रैवल एजेंसियों के कारोबार में बढ़ोतरी हुई है. चुनाव के समय सबसे ज्यादा बल्क में आर्डर मिले. लगभग 20 फरवरी से लेकर के 5 मार्च तक की बात कर ले तो ऐसे में ट्रैवल एजेंसियों को लगभग 300 करोड़ का मुनाफा हुआ है. यह इस कोरोना काल का सबसे बड़ा मुनाफा था.

ETV BHARAT
चुनावी समर का अनोखा परिणाम
author img

By

Published : Apr 10, 2022, 10:33 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इस बार का विधानसभा चुनाव और इसका परिणाम कई सौगातें दे गया. यहां के पर्यटन कारोबार की उम्मीदों को नए पंखों के साथ ऊंची उड़ान दे दी. आज वाराणसी पूर्वांचल का सियासी केंद्र बनने के साथ ही पर्यटन और कारोबार का भी बड़ा केंद्र बन गया है. यहां विधानसभा चुनाव के दौरान जहां राजनेताओं का तांता लगता दिखाई दिया तो वहीं चुनावों के पूर्व और इसे लक्षित कर उद्घाटित किए गए श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर ने यहां पर्यटन उद्योग को नईं ऊंचाईंया प्रदान कीं और यहां के कारोबारियों को करोड़ों का मुनाफा करा दिया जो आज भी जारी है. एक रिपोर्ट..

पर्यटन कारोबार को मिला 700 करोड़ का व्यापार

राजनेताओं के जुटने से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फोकस बढ़ा : काशी के सुस्त पड़े पर्यटन कारोबार के लिए पॉलिटिकल टूरिज़्म (political tourism) वरदान साबित हुआ. विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे 2 माह तक राजनीतिक पार्टियों के नेता और मीडिया हाउसों की धमाचौकड़ी ने यहां के होटल कारोबार को काफी मुनाफा पहुंचाया. इसके अलावा ट्रैवेल एजेंसियों का कारोबार भी खूब फलने फूलने लगा. इन्हें यहां करोड़ों का मुनाफा भी हुआ. गौरतलब है कि यूपी चुनाव के पांचवें चरण के बाद सारी सियासी पार्टियों ने वाराणसी को अपना केंद्र बना लिया था. यहां से वह पूर्वांचल के सभी जिलों में प्रचार-प्रसार कर रहे थे. ऐसे में होटल और ट्रेवल की गाड़ियों की डिमांड ज्यादा थी. इससे बनारस में व्यापार को लगभग 700 करोड़ का फायदा हुआ है.

ट्रैवेल एजेंसियों के बहुरे दिन, हुआ 300 करोड़ का लाभ : टूर एंड ट्रैवल कंपनी से जुड़े अधिष्ठाता प्रदीप राय ने बताया कि कोरोना के कारण ट्रैवेल व्यापार पूरी तरीके से बंद हो गया था. देव दीपावली में थोड़ा बहुत मुनाफ़ा जरूर मिला था. लेकिन पॉलिटिकल टूरिज्म ने उनके व्यापार में उछाल लाया है. लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा ट्रैवल एजेंसियों के कारोबार में बढ़ोतरी हुई है क्योंकि चुनाव के समय सबसे ज्यादा बल्क में आर्डर मिले. लगभग 20 फरवरी से लेकर के 5 मार्च तक की बात कर ले तो ऐसे में ट्रैवल एजेंसियों को लगभग 300 करोड़ का मुनाफा हुआ है. यह इस कोरोना काल का सबसे बड़ा मुनाफा था.

होटल व्यापार को भी हुआ मुनाफ़ा : होटल कारोबारी और होटल संगठन से जुड़े हुए प्रदीप चौरसिया ने बताया कि वाराणसी में पॉलिटिकल टूरिज्म की चहलकदमी ने होटल व्यापार को भी काफी पीक पर पहुंचा दिया था. बनारस के सभी होटल, छोटे हो या बड़े सोल्ड आउट हो चुके थे. हमारे पास आर्डर आ रहे थे लेकिन ऑर्डर को पूरा करने के लिए हमारे पास कमरे नहीं थे. पीक समय में होटल कारोबारियों को लगभग 400 करोड़ से ज्यादा का मुनाफ़ा हुआ है. इसने हमारे जख्मों को भरने का काम किया क्योंकि कोरोना काल में हमारा व्यापार पूरी तरीके से चौपट हो चुका था. इसकी छाप अभी भी हमारे कारोबार पर पड़ी हुई थी. लेकिन राजनेताओं की आवाजाही ने इस व्यापार को और आगे बढ़ाया है.

यह भी पढ़ें:मोबाइल पर आर्टिकल पढ़कर छापने लगे नकली नोट, फिर हुआ ये

2014 के बाद बदली तस्वीर : वाराणसी 2014 के चुनाव के बाद पूर्वांचल का सियासी केंद्र बना. इसके बाद सभी दिग्गज नेताओं का जमावड़ा यहां होने लगा. चुनाव के समय यह पाॅलिटिकल टूरिज़्म को भी बढ़ावा दे रहा था. 2022 के भी चुनाव में यहां सभी सियासी नेताओं व उनके कार्यकर्ताओं का आना-जाना हुआ. यहां उन्हें होटल व टूरिज्म मैनेजमेंट की आवश्यकता पड़ी और यही वजह है कि लोगों ने दोगुने दामों पर कमरे और गाड़ियों को बुक कराईं. इसका फायदा व्यापारियों को मिला और उनके कारोबार काफी बढ़ोतरी हुई.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में इस बार का विधानसभा चुनाव और इसका परिणाम कई सौगातें दे गया. यहां के पर्यटन कारोबार की उम्मीदों को नए पंखों के साथ ऊंची उड़ान दे दी. आज वाराणसी पूर्वांचल का सियासी केंद्र बनने के साथ ही पर्यटन और कारोबार का भी बड़ा केंद्र बन गया है. यहां विधानसभा चुनाव के दौरान जहां राजनेताओं का तांता लगता दिखाई दिया तो वहीं चुनावों के पूर्व और इसे लक्षित कर उद्घाटित किए गए श्रीकाशी विश्वनाथ कारीडोर ने यहां पर्यटन उद्योग को नईं ऊंचाईंया प्रदान कीं और यहां के कारोबारियों को करोड़ों का मुनाफा करा दिया जो आज भी जारी है. एक रिपोर्ट..

पर्यटन कारोबार को मिला 700 करोड़ का व्यापार

राजनेताओं के जुटने से राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फोकस बढ़ा : काशी के सुस्त पड़े पर्यटन कारोबार के लिए पॉलिटिकल टूरिज़्म (political tourism) वरदान साबित हुआ. विधानसभा चुनाव के दौरान पूरे 2 माह तक राजनीतिक पार्टियों के नेता और मीडिया हाउसों की धमाचौकड़ी ने यहां के होटल कारोबार को काफी मुनाफा पहुंचाया. इसके अलावा ट्रैवेल एजेंसियों का कारोबार भी खूब फलने फूलने लगा. इन्हें यहां करोड़ों का मुनाफा भी हुआ. गौरतलब है कि यूपी चुनाव के पांचवें चरण के बाद सारी सियासी पार्टियों ने वाराणसी को अपना केंद्र बना लिया था. यहां से वह पूर्वांचल के सभी जिलों में प्रचार-प्रसार कर रहे थे. ऐसे में होटल और ट्रेवल की गाड़ियों की डिमांड ज्यादा थी. इससे बनारस में व्यापार को लगभग 700 करोड़ का फायदा हुआ है.

ट्रैवेल एजेंसियों के बहुरे दिन, हुआ 300 करोड़ का लाभ : टूर एंड ट्रैवल कंपनी से जुड़े अधिष्ठाता प्रदीप राय ने बताया कि कोरोना के कारण ट्रैवेल व्यापार पूरी तरीके से बंद हो गया था. देव दीपावली में थोड़ा बहुत मुनाफ़ा जरूर मिला था. लेकिन पॉलिटिकल टूरिज्म ने उनके व्यापार में उछाल लाया है. लगभग 50 प्रतिशत से ज्यादा ट्रैवल एजेंसियों के कारोबार में बढ़ोतरी हुई है क्योंकि चुनाव के समय सबसे ज्यादा बल्क में आर्डर मिले. लगभग 20 फरवरी से लेकर के 5 मार्च तक की बात कर ले तो ऐसे में ट्रैवल एजेंसियों को लगभग 300 करोड़ का मुनाफा हुआ है. यह इस कोरोना काल का सबसे बड़ा मुनाफा था.

होटल व्यापार को भी हुआ मुनाफ़ा : होटल कारोबारी और होटल संगठन से जुड़े हुए प्रदीप चौरसिया ने बताया कि वाराणसी में पॉलिटिकल टूरिज्म की चहलकदमी ने होटल व्यापार को भी काफी पीक पर पहुंचा दिया था. बनारस के सभी होटल, छोटे हो या बड़े सोल्ड आउट हो चुके थे. हमारे पास आर्डर आ रहे थे लेकिन ऑर्डर को पूरा करने के लिए हमारे पास कमरे नहीं थे. पीक समय में होटल कारोबारियों को लगभग 400 करोड़ से ज्यादा का मुनाफ़ा हुआ है. इसने हमारे जख्मों को भरने का काम किया क्योंकि कोरोना काल में हमारा व्यापार पूरी तरीके से चौपट हो चुका था. इसकी छाप अभी भी हमारे कारोबार पर पड़ी हुई थी. लेकिन राजनेताओं की आवाजाही ने इस व्यापार को और आगे बढ़ाया है.

यह भी पढ़ें:मोबाइल पर आर्टिकल पढ़कर छापने लगे नकली नोट, फिर हुआ ये

2014 के बाद बदली तस्वीर : वाराणसी 2014 के चुनाव के बाद पूर्वांचल का सियासी केंद्र बना. इसके बाद सभी दिग्गज नेताओं का जमावड़ा यहां होने लगा. चुनाव के समय यह पाॅलिटिकल टूरिज़्म को भी बढ़ावा दे रहा था. 2022 के भी चुनाव में यहां सभी सियासी नेताओं व उनके कार्यकर्ताओं का आना-जाना हुआ. यहां उन्हें होटल व टूरिज्म मैनेजमेंट की आवश्यकता पड़ी और यही वजह है कि लोगों ने दोगुने दामों पर कमरे और गाड़ियों को बुक कराईं. इसका फायदा व्यापारियों को मिला और उनके कारोबार काफी बढ़ोतरी हुई.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.