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चंदौली: बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं लोग - lok sabha election

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र चन्दौली के सतपोखरी गांव के लोग जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.

जलनिकासी की समस्या से बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं लोग
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Published : Mar 25, 2019, 3:21 PM IST

चन्दौली : एक बार फिर से देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रत्येक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी. जनता से किए वादों से विकास की उम्मीद जगाई जाएगी. ऐसा पिछली लोकसभा चुनाव में भी हुआ और इस बार भी ऐसा ही होगा. यूपी बीजेपी अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र चंदौली लोकसभा के सतपोखरी गांव के रहने वाले लोग जल निकासी के समस्या से परेशान हैं. बरसात के दिनों में लोगों को यहां से पलायन करना पड़ता है.

वहीं, कई सरकारों में विकास का मतलब जान चुके सतपोखरी निवासियों ने इसे अपना नसीब ही मान लिया है जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं लोग

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र चन्दौली के सतपोखरी गांव के लोग जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. बरसात में हालात इतनी खराब हो जाती है कि सैकड़ों परिवार यहां से पलायन कर जाते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं,जो अपना निवास छोड़कर स्थाई रूप से चले गए है. सीएम योगी से लेकर पीएम मोदी तक को इस बारे में पत्राचार व मिलकर अवगत कराया जा चुका है,लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है.

बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में जलनिकासी की समस्या से जूझ रहे हैं लोग

ग्रामीणों ने राजनीतिक दलोंपर लगाया आरोप

आबादी के लिहाज से नियामताबाद ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव है-सतपोखरी. लगभग 20 हजार लोग इस गांव में निवास करते है. तमाम प्रयासों के बाद भी इस मुस्लिम बाहुल्य गांव में सीवरेज सिस्टम डेवलप नहीं किया जा सका. ग्रामीणों का आरोप है कि सपा हो या बसपा, भाजपा हो कांग्रेस सभी यहां आते हैं. राजनीतिक गोटी फेंक वोट लेने का काम करते है लेकिन आज तक इस नरकीय जीवन से निकालने का प्रयास नहीं किया.

सीएम के आदेश के बाद भी नहीं हो रहा विकास

यह हाल तब है सीएम योगी ने इस समस्या के हल किए जाने का वादा किया था. लेकिन स्थानीय स्तर पर हीलाहवाली के चलते काम अटका पड़ा है. गौरतलब है कि यह इलाका जिले सीएम के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के लिहाज सम्पन्न है. यहां 4 हजार से ज्यादा हैंडलूम और पॉवरलूम है. यहां हर घर मे जरी जरदोजी का कार्य किया जाता है,जो अन्य प्रांतों में चन्दौली की पहचान है.

बरसात में लोग होते हैं परेशान

आम दिनों में तो लोग किसी तरह गुजारा कर लेते है. लेकिन बरसात के दिनों में हथकरघों में पानी भर जाता है. काम ठप हो जाता है. भुखमरी के कगार पर खड़े लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ता है.

सपा सांसद ने सरकार पर लगाया आरोप

सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में है. विधायक रहते कुछ फंड पास कराया था, जिससे नालियों का निर्माण किया गया है,लेकिन सरकार बदलने के बाद काम बंद हो गया. स्थानीय सांसद और यूपी बीजेपी अध्यक्ष पार्टी की मीटिंग में व्यस्त है जबकि स्थानीय विधायक भी बाहर होने की बात कहकर किनारा कर लिया. हालांकि फ़ोन पर हुई बातचीत में उन्होंने यह जरूर कहा कि स्थानीय स्तर पर समस्या का समाधान कराने का प्रयास किया गया लेकिन हो नहीं सका.

उन्होंने यह भी कहा कि गंगा में पानी गिरेगा, इसलिए इसे आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है. बहरहाल, हर जनप्रतिनिधि समस्या से अवगत है लेकिन किसी ने भी स्थानीय लोगों को इस नरकीय जीवन से निकालने का प्रयास नहीं किया. इनके मुद्दों पर सिर्फ राजनीति हुई. किसी ने सरकार के अंतिम कार्यकाल में इसका प्रयास किया, तो किसी के लिए इंसानी जीवन से ज्यादा महत्व गंगा की सफाई रहा.

चन्दौली : एक बार फिर से देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रत्येक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी. जनता से किए वादों से विकास की उम्मीद जगाई जाएगी. ऐसा पिछली लोकसभा चुनाव में भी हुआ और इस बार भी ऐसा ही होगा. यूपी बीजेपी अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र चंदौली लोकसभा के सतपोखरी गांव के रहने वाले लोग जल निकासी के समस्या से परेशान हैं. बरसात के दिनों में लोगों को यहां से पलायन करना पड़ता है.

वहीं, कई सरकारों में विकास का मतलब जान चुके सतपोखरी निवासियों ने इसे अपना नसीब ही मान लिया है जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.

बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं लोग

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र चन्दौली के सतपोखरी गांव के लोग जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. बरसात में हालात इतनी खराब हो जाती है कि सैकड़ों परिवार यहां से पलायन कर जाते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं,जो अपना निवास छोड़कर स्थाई रूप से चले गए है. सीएम योगी से लेकर पीएम मोदी तक को इस बारे में पत्राचार व मिलकर अवगत कराया जा चुका है,लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है.

बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र में जलनिकासी की समस्या से जूझ रहे हैं लोग

ग्रामीणों ने राजनीतिक दलोंपर लगाया आरोप

आबादी के लिहाज से नियामताबाद ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव है-सतपोखरी. लगभग 20 हजार लोग इस गांव में निवास करते है. तमाम प्रयासों के बाद भी इस मुस्लिम बाहुल्य गांव में सीवरेज सिस्टम डेवलप नहीं किया जा सका. ग्रामीणों का आरोप है कि सपा हो या बसपा, भाजपा हो कांग्रेस सभी यहां आते हैं. राजनीतिक गोटी फेंक वोट लेने का काम करते है लेकिन आज तक इस नरकीय जीवन से निकालने का प्रयास नहीं किया.

सीएम के आदेश के बाद भी नहीं हो रहा विकास

यह हाल तब है सीएम योगी ने इस समस्या के हल किए जाने का वादा किया था. लेकिन स्थानीय स्तर पर हीलाहवाली के चलते काम अटका पड़ा है. गौरतलब है कि यह इलाका जिले सीएम के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के लिहाज सम्पन्न है. यहां 4 हजार से ज्यादा हैंडलूम और पॉवरलूम है. यहां हर घर मे जरी जरदोजी का कार्य किया जाता है,जो अन्य प्रांतों में चन्दौली की पहचान है.

बरसात में लोग होते हैं परेशान

आम दिनों में तो लोग किसी तरह गुजारा कर लेते है. लेकिन बरसात के दिनों में हथकरघों में पानी भर जाता है. काम ठप हो जाता है. भुखमरी के कगार पर खड़े लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ता है.

सपा सांसद ने सरकार पर लगाया आरोप

सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में है. विधायक रहते कुछ फंड पास कराया था, जिससे नालियों का निर्माण किया गया है,लेकिन सरकार बदलने के बाद काम बंद हो गया. स्थानीय सांसद और यूपी बीजेपी अध्यक्ष पार्टी की मीटिंग में व्यस्त है जबकि स्थानीय विधायक भी बाहर होने की बात कहकर किनारा कर लिया. हालांकि फ़ोन पर हुई बातचीत में उन्होंने यह जरूर कहा कि स्थानीय स्तर पर समस्या का समाधान कराने का प्रयास किया गया लेकिन हो नहीं सका.

उन्होंने यह भी कहा कि गंगा में पानी गिरेगा, इसलिए इसे आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है. बहरहाल, हर जनप्रतिनिधि समस्या से अवगत है लेकिन किसी ने भी स्थानीय लोगों को इस नरकीय जीवन से निकालने का प्रयास नहीं किया. इनके मुद्दों पर सिर्फ राजनीति हुई. किसी ने सरकार के अंतिम कार्यकाल में इसका प्रयास किया, तो किसी के लिए इंसानी जीवन से ज्यादा महत्व गंगा की सफाई रहा.

Intro:चन्दौली - एक बार फिर से लोकसभा चुनाव सर पर है. हर दल अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी. जनता से किए वादों से विकास की उम्मीद जगाई जाएगी. ऐसा पिछली लोकसभा चुनाव में भी हुआ. इस बार भी ऐसा ही होगा. यूपी बीजेपी अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र चंदौली लोकसभा के अंतर्गत सतपोखरी गांव के रहने वाले लोग जल निकासी के समस्या से त्रस्त है. बरसात के दिनों में लोगों को यहां से पलायन करना पड़ता है. वहीं कई सरकारों में विकास का मतलब जान चुके सतपोखरी निवासियों ने इसे अपना नसीब ही मान लिया है. जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है. पेश है ग्राउंड जीरो से हमारे संवाददाता कमलेश गिरी की रिपोर्ट...


Body:वीओ 1 - यह सुरतेहाल है यूपी बीजेपी अध्यक्ष डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र चन्दौली के सतपोखरी गांव की. जहां जल निकासी की समस्या से स्थानीय लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर है.बरसात में हालात इतनी खराब हो जाती है.सैकड़ों परिवार यहां से पलायन कर जाते है. वहीं कुछ लोग ऐसे भी है. जो अपना निवास छिड़कर स्थाई रूप से चले गए है. जिसे सीएम योगी से लेकर पीएम मोदी तक को पत्राचार व मिलकर अवगत कराया जा चुका है. लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है. वीओ 2 - आबादी के लिहाज से नियामताबाद ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव है सतपोखरी. लगभग 20 हजार लोग इस गांव में निवास करते है. तमाम प्रयासों के बाद भी इस मुस्लिम बाहुल्य गांव में सीवरेज सिस्टम डेवलप नहीं किया जा सका. ग्रामीणों का आरोप है सपा हो या बसपा भाजपा हो कांग्रेस सभी यहां आते है.राजनीतिक गोटी फेंक वोट लेने का काम करते है. लेकिन आज तक इस नरकीय जीवन से निकालने का प्रयास नहीं किया. 2014 में सपा सरकार में इसका सर्वेकर प्रोजेक्ट बनाया गया है. जिसकी अनुमानित लगभग 4 करोड़ बना. जिसमें सीवर के माध्यम नाली का पानी गांव से होकर नाले के माध्यम गंगा में गिराया जाता है. लेकिन इसे मूर्त रूप नहीं दिया जा सका. इस बीच सरकार बदल गई और फिर खुद को गंगा पुत्र मानने वाले गंगा में गिराए जाने की बात को समस्या बताते हुए सारी योजनाएं ठंडे बस्ते मे डाल दिया. वीओ 3 - यह हाल तब है सीएम योगी ने इस समस्या के हल किये जाने का वादा किया था. लेकिन स्थानीय स्तर पर हीलाहवाली के चलते काम अटका पीडीए है. गौरतलब है कि यह इलाका जिले सीएम के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के लिहाज सम्पन्न है. यहां 4 हजार से ज्यादा हैंडलूम और पॉवरलूम है. यहां हर घर मे जरी जरदोजी का किया किया जाता है. जो अन्य प्रांतों में चन्दौली की पहचान है.आम दिनों में तो लोग किसी तरह गुजारा कर लेते है. लेकिन बरसात के दिनों में हथकरघों में पानी भर जाता है. काम ठप हो जाता है. भुखमरी के कगार पर खड़े लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ता है. वीओ 4 - इस बाबत सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव का कहना ये मामला उनके संज्ञान में है.विधायक रहते कुछ फंड पास कराया था जिससे नालियों का निर्माण किया है. लेकिन सरकार बदलने के बाद काम बंद हो गया. तो वहीं स्थानीय सांसद और यूपी बीजेपी अध्यक्ष पार्टी की मीटिंग में व्यस्त है. जबकि स्थानीय विधायक भी बाहर होने की बात कहकर किनारा कर लिया. हालांकि फ़ोन पर हुई बातचीत में उन्होंने ये जरूर कहा कि स्थानीय स्तर समस्या का समाधान कराने का प्रयास किया गया लेकिन हो नहीं सका. यहीं नहीं उन्होंने ये भी कहा कि गंगा में पानी गिरेगा इसलिए इसे आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है. मतलब साफ है. एफवीओ - बहरहाल हर जनप्रतिनिधि समस्या से अवगत है लेकिन किसी ने भी स्थानीय लोगों को इस नरकीय जीवन से निकालने का प्रयास नहीं किया. इनके मुद्दों पर सिर्फ राजनीति हुई. किसी ने सरकार के अंतिम कार्यकाल में इसके प्रयास किया, तो किसी के लिए इंसानी जीवन से ज्यादा महत्व गंगा सफाई को दिया. वाक थ्रू बाइट - बाबू हाजी (पूर्व प्रधान) बाइट - इमरान (स्थानीय) बाइट - बिलाल मुहम्मद (हैंडलूम कर्मी) बाइट - रामकिशुन यादव(पूर्व सांसद) note - इससे संबंधित फीड 4 फ़ाइल (up_chandauli_23 march_election input)लाइव यू से भेजा गया है. kamalesh giri chandauli 7080902460


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