चन्दौली : एक बार फिर से देश में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. प्रत्येक दल अपने-अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारेगी. जनता से किए वादों से विकास की उम्मीद जगाई जाएगी. ऐसा पिछली लोकसभा चुनाव में भी हुआ और इस बार भी ऐसा ही होगा. यूपी बीजेपी अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र चंदौली लोकसभा के सतपोखरी गांव के रहने वाले लोग जल निकासी के समस्या से परेशान हैं. बरसात के दिनों में लोगों को यहां से पलायन करना पड़ता है.
वहीं, कई सरकारों में विकास का मतलब जान चुके सतपोखरी निवासियों ने इसे अपना नसीब ही मान लिया है जबकि स्थानीय जनप्रतिनिधि एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं.
बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं लोग
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय के संसदीय क्षेत्र चन्दौली के सतपोखरी गांव के लोग जल निकासी की समस्या से जूझ रहे हैं, जिससे स्थानीय लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. बरसात में हालात इतनी खराब हो जाती है कि सैकड़ों परिवार यहां से पलायन कर जाते हैं. वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं,जो अपना निवास छोड़कर स्थाई रूप से चले गए है. सीएम योगी से लेकर पीएम मोदी तक को इस बारे में पत्राचार व मिलकर अवगत कराया जा चुका है,लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है.
ग्रामीणों ने राजनीतिक दलोंपर लगाया आरोप
आबादी के लिहाज से नियामताबाद ब्लॉक का सबसे बड़ा गांव है-सतपोखरी. लगभग 20 हजार लोग इस गांव में निवास करते है. तमाम प्रयासों के बाद भी इस मुस्लिम बाहुल्य गांव में सीवरेज सिस्टम डेवलप नहीं किया जा सका. ग्रामीणों का आरोप है कि सपा हो या बसपा, भाजपा हो कांग्रेस सभी यहां आते हैं. राजनीतिक गोटी फेंक वोट लेने का काम करते है लेकिन आज तक इस नरकीय जीवन से निकालने का प्रयास नहीं किया.
सीएम के आदेश के बाद भी नहीं हो रहा विकास
यह हाल तब है सीएम योगी ने इस समस्या के हल किए जाने का वादा किया था. लेकिन स्थानीय स्तर पर हीलाहवाली के चलते काम अटका पड़ा है. गौरतलब है कि यह इलाका जिले सीएम के महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के लिहाज सम्पन्न है. यहां 4 हजार से ज्यादा हैंडलूम और पॉवरलूम है. यहां हर घर मे जरी जरदोजी का कार्य किया जाता है,जो अन्य प्रांतों में चन्दौली की पहचान है.
बरसात में लोग होते हैं परेशान
आम दिनों में तो लोग किसी तरह गुजारा कर लेते है. लेकिन बरसात के दिनों में हथकरघों में पानी भर जाता है. काम ठप हो जाता है. भुखमरी के कगार पर खड़े लोगों को मजबूरन पलायन करना पड़ता है.
सपा सांसद ने सरकार पर लगाया आरोप
सपा के पूर्व सांसद रामकिशुन यादव का कहना है कि यह मामला उनके संज्ञान में है. विधायक रहते कुछ फंड पास कराया था, जिससे नालियों का निर्माण किया गया है,लेकिन सरकार बदलने के बाद काम बंद हो गया. स्थानीय सांसद और यूपी बीजेपी अध्यक्ष पार्टी की मीटिंग में व्यस्त है जबकि स्थानीय विधायक भी बाहर होने की बात कहकर किनारा कर लिया. हालांकि फ़ोन पर हुई बातचीत में उन्होंने यह जरूर कहा कि स्थानीय स्तर पर समस्या का समाधान कराने का प्रयास किया गया लेकिन हो नहीं सका.
उन्होंने यह भी कहा कि गंगा में पानी गिरेगा, इसलिए इसे आगे नहीं बढ़ाया जा रहा है. बहरहाल, हर जनप्रतिनिधि समस्या से अवगत है लेकिन किसी ने भी स्थानीय लोगों को इस नरकीय जीवन से निकालने का प्रयास नहीं किया. इनके मुद्दों पर सिर्फ राजनीति हुई. किसी ने सरकार के अंतिम कार्यकाल में इसका प्रयास किया, तो किसी के लिए इंसानी जीवन से ज्यादा महत्व गंगा की सफाई रहा.